नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल की ओर से बांटी गई किताब में वीडी सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंधो वाली बात पर अब शिवसेना के बाद एनसीपी ने भी इसे आपत्तिजनक कहा है. एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि वैचारिक मतभेद होना ठीक है लेकिन आपत्तिजनक बातें लिखना ठीक नहीं है. नवाब मलिक ने कहा, व्यक्तिगत कमेंट नहीं होने चाहिए विशेषकर जब कोई शख्स जीवित न हो, इस बुकलेट को वापस लेना चाहिए.’ एनसीपी से पहले शिवसेना भी सावरकर को लेकर लिखीं गई बातों पर आपत्ति जताई है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘नाथूराम गोडसे और विनायक सावरकर के बीच शारीरिक संबंध’ होने का दावा करने वाली कांग्रेस सेवादल की पुस्तिका को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, “वीर सावरकर महान व्यक्ति थे, और हमेशा महान रहेंगे… एक वर्ग उनके खिलाफ बातें करता रहता है, चाहे वह कोई भी हो, लेकिन इससे उनके दिमाग में मौजूद गंदगी के बारे में पता चलता है.’ महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की मिलीजुली सरकार है और सावकर को लेकर इससे पहले भी कांग्रेस और शिवसेना का आमना-सामना हो चुका है.
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विनायक दामोदर सावरकर को लेकर हुए विवाद के बीच शिवसेना पर निशाना साधा है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि आखिर मैं देखना चाहता हूं कि शिवसेना वीर सावरकर के अपमान पर कब तक चुप रहती है. फडणवीस ने कहा, ‘आदरणीय हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे आज अगर हमारे बीच होते तो वह अपने चिरपरिचित अंदाज में इस पर (किताब पर) सबसे पहले प्रतिक्रिया देते’. फडणवीस ने इस बारे में कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि आज ऐसी उम्मीद तो नहीं की जा सकती लेकिन आशा है कि मुख्यमंत्री इस किताब को प्रतिबंधित करने की तत्काल घोषणा करें.
आपको बता दें कि ‘वीर सावरकर कितने वीर’ में कई किताबों के हवाले से तमाम तरह के दावे किए गए हैं. डॉमिनिक लैपिएर और लैरी कॉलिन की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ का जिक्र करते हुए इसमें लिखा है, ‘ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्यौरा मिलता है. यह समलैंगिक संबंध थे. उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरु वीर सावरकर. सावरकर अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए लोगों को उकसाते थे.’
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