जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार राज्य का कैलेंडर बदला है। प्रदेश प्रशासन ने वर्ष 2020 के लिए सरकारी छुट्टियों का ऐलान किया है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुक अब्दुल्ला के पिता स्वर्गीय शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती (पांच दिंसबर) को होने वाले अवकाश को रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा प्रशासन ने पहली बार 26 अक्टूबर को मनाए जाने वाले विलय दिवस पर भी राजकीय अवकाश की घोषणा की है।
विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले महाराजा हरि सिंह के पोते और कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने ट्वीट कर विलय दिवस पर घोषित किए अवकाश पर खुशी जताई और कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई! अगले साल, 26 अक्टूबर से, जिस दिन मेरे दादा, महाराजा हरि सिंह ने भारत में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, उस तारीख को अब राजकीय अवकाश के रूप में मनाया जाएगा। यह जम्मू-कश्मीर राज्य बलों और भारतीय सेना के बलिदान का सम्मान है।’
विलय दिवस पर अवकाश की मांग काफी पुरानी है और बीजेपी, पैंथर्स पार्टी सहित कई राजनीतिक संगठन बरसों से विलय दिवस पर अवकाश की माग कर रहे थे। शुक्रवार को जो कैलेंडर जारी हुआ है उसमें शहीद दिवस (13 जुलाई) का अवकाश शामिल नहीं है जो महाराजा हरि सिंह के खिलाफ हुए विद्रोह में मारे गए लोगों की याद में मनाया जाता था।
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