ग्रेटर नोएडा । ( अजय आर्य ) यहां के ग्राम हल्दौनी में खसरा नंबर 684 / 746 की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से भू माफियाओं ने प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से कब्जा कर लिया है । इस संबंध में जानकारी देते हुए राकेश नागर एडवोकेट ने बताया कि उक्त भूमि की बाबत तहसीलदार व एसडीएम दादरी को कई शिकायतें पत्र लिखे गए ।
इस संबंध में पूर्व में हल्का लेखपाल संजय कुमार व नायब तहसीलदार दक्षिणी श्री दुर्गेश कुमार द्वारा अपनी जांच आख्या एसडीएम दादरी को दी गई थी। जिन्होंने 28 सितंबर 2019 को तहसीलदार दादरी श्री विनय प्रतापसिंह भदौरिया के नेतृत्व में राजस्व टीम गठित की और निर्देश दिया कि 3 दिन में ग्राम उपरोक्त की उक्त भूमि को भू माफियाओं से मुक्त कराया जाए । परंतु सारे दिशा निर्देश वही ढाक के तीन पात वाली कहावत को चरितार्थ करते नजर आए जब मौका पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई । इतना ही नहीं सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 67 के अंतर्गत हुई कार्यवाही करना तहसीलदार दादरी उचित नहीं समझा ।
उपरोक्त कार्यवाही का यह प्रभाव हुआ कि भू माफियाओं ने अधिकारियों की मिलीभगत से रातों-रात उपरोक्त भूमि पर दीवार खड़ी कर दी । जो आज तक मौके पर कायम है । जब उपजिलाधिकारी दादरी श्री राजीव राय से इस संबंध में फिर मुलाकात की गई तो उन्होंने भी आगे कुछ करने में अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी । जबकि तहसीलदार विनय प्रतापसिंह भदौरिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि उन्हें जिलाधिकारी महोदय ने वसूली के लिए नियुक्त किया है ,अवैध कब्जे हटवाने के लिए नहीं । यहां तक कि श्री भदौरिया विपक्षी गण के विरुद्ध उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 67 के अंतर्गत कार्यवाही करने को भी तैयार नहीं है । अधिवक्ता श्री नागर ने बताया कि ऐसी परिस्थितियों में यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकारी भूमियों पर सरकारी प्रशासनिक अधिकारी ही मिलीभगत कर अवैध कब्जे करवा रहे हैं। श्री नागर का यह भी कहना है कि उक्त भूमि पर जिन व्यक्तियों ने कब्जा किया है उनमें एक पूर्व प्रधान भी है जो कि काफी मुथ मर व्यक्ति है। उधर जिलाधिकारी ने प्रकरण की निष्पक्ष जांच के आदेश एसडीएम दादरी को दिए हैं। एसडीएम दादरी का इस प्रकरण में कहना है कि वह दूध का दूध और पानी का पानी करेंगे और यदि मौके पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा सरकारी संपत्ति को क्षतिग्रस्त करते हुए पाया जाता है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्य कानूनी कार्यवाही करेंगे।
अब देखना यह है कि प्रशासन कितनी शीघ्रता से उपरोक्त सरकारी भूमि को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त करवाता है ?