नई दिल्ली । ( विशेष संवाददाता ) अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंदकिशोर मिश्र ने कहा है कि राहुल गांधी का सावरकर संबंधी बयान उनके मानसिक दिवालियापन का प्रतीक है । पंडित बाबा नंद किशोर मिश्र ने ‘ उगता भारत ‘ के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि राहुल गांधी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए असंवैधानिक भाषा का प्रयोग करने की नीति पर उतर आए हैं । उन्हें यह अज्ञात होना चाहिए कि इस देश में पूर्व में भी ऐसे कई ‘ राजनारायण ‘ हुए हैं जिन्होंने अपने मसखरेपन के आधार पर या किन्हीं दूसरे हथकंडों के आधार पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास किया ।परंतु उनका हश्र क्या हुआ ? यह कॉंग्रेस के नेता राहुल गांधी को खुद ही देख लेना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि यह इंदिरा गांधी ही थीं जिन्होंने वीर सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी मानकर उनका सम्मान किया था । इसके अतिरिक्त लाल बहादुर शास्त्री जी ने अपने समय में स्वतंत्रता सेनानी के रूप में सावरकर जी का सम्मान करते हुए उन्हें मानदेय देना आरंभ किया था । आज उसी कांग्रेस के नेता के रूप में राहुल गांधी जब यह तंज कसते हैं कि मैं माफी नहीं मांग सकता क्योंकि मैं सावरकर नहीं हूं , तो उनके मानसिक दिवालियापन पर तरस आता है । इनके द्वारा रह-रहकर राष्ट्रीय आंदोलन के नेताओं का अपमान किया जाना बताता है कि कांग्रेस के नेता हताशा और निराशा का शिकार हो चुके हैं।
पंडित बाबा नंद किशोर मिश्र ने कहा कि संसद के भीतर गरिमापूर्ण आचरण करना प्रत्येक सांसद का प्रमुख और सर्वोपरि कर्तव्य है । यह जिम्मेदारी उस नेता पर तो और भी अधिक बढ़ जाती है जो देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का नेता हो । ऐसे में राहुल गांधी जैसी छिछोरी राजनीति पर उतर आए हैं उससे यह निसंकोच कहा जा सकता है कि इस समय कांग्रेस आत्महत्या की ओर बढ़ रही है।
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