आरबीएल निगम वरिष्ठ पत्रकार
गाजियाबाद ।सुप्रीम कोर्ट में सपा की राज्यसभा सांसद जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई 2 याचिकाओं में हैदराबाद पुलिस द्वारा डॉक्टर प्रीति रेड्डी (बदला हुआ नाम) गैंगरेप व हत्याकांड के आरोपितों के एनकाउंटर को न्यायेतर बताया गया है। एक याचिका अधिवक्ता जीएस मणि व प्रदीप कुमार यादव ने दायर की है। वहीं दूसरी याचिका वरिष्ठ वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है। मणि व यादव की याचिका में एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की माँग की गई है।
वहीं एमएल शर्मा ने अपनी याचिका में बच्चन और मालीवाल पर ‘अवैध हत्याओं को बढ़ावा देने’ का आरोप लगाया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दरख्वास्त की है कि जब तक इस मामले में चारों आरोपित दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक मीडिया को इस मामले पर डिबेट आयोजित करने से रोका जाए। मणि व यादव की याचिकाओं में कहा गया है कि इस एनकाउंटर में 2014 के सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। बता दें कि डॉक्टर रेड्डी गैंगरेप व हत्याकांड के आरोपितों को पुलिस घटनास्थल पर क्राइम सीन रीक्रिएट करने ले गई थी लेकिन उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी की और हथियार छीन लिए, जिसके बाद पुलिस की आत्मरक्षा की कार्रवाई में चारों ढेर हो गए।
एमएल शर्मा वही वकील हैं, जिन्होंने दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप कांड में आरोपितों की पैरवी की थी। पहले तो उन्होंने 23 वर्षीय निर्भया गैंगरेप व हत्याकांड के सभी 5 आरोपितों की तरफ़ से पैरवी की लेकिन अंत में उन्होंने आरोपित मुकेश की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जिरह की। उन्होंने उस वक़्त कहा था कि उन्होंने आज तक ऐसा कभी नहीं सुना कि किसी ‘सम्मानित महिला’ का कभी बलात्कार हुआ हो। उन्होंने उस वारदात के लिए निर्भया के पुरुष मित्र को जिम्मेदार ठहरा दिया था। शर्मा ने कहा था कि अविवाहित जोड़ों को रात के बाद बाहर निकलना ही नहीं चाहिए।
एमएल शर्मा ने राफेल मामले में भी केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ याचिका दायर की थी। 2016 में एक बयान देते हुए उन्होंने ख़ुद के ही बयान से दो क़दम आगे बढ़ाया था। शर्मा ने तब कहा था कि निर्भया के साथी ने ही उसके ख़िलाफ़ गैंगरेप की वारदात की साज़िश रची। निर्भया के शरीर में लोहे का रॉड घुसा कर आँत निकाले जाने के आरोप पर एमएल शर्मा ने कहा था कि ये संभव ही नहीं है। उनका आरोप था कि पुलिस ने पूरे मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए लोहे की रॉड वाली कहानी गढ़ी। उन्होंने बीबीसी की विवादस्पद डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज डॉटर’ में भी कई विवादित बयान दिए थे।
एमएल शर्मा ने इशरत जहाँ एनकाउंटर मामले में भी याचिका दायर की थी। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले जब सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया, तब शर्मा इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। उन्होंने अजीबोगरीब दलील दी थी कि संविधान में कहीं भी अंतरिम बजट का जिक्र नहीं है, इसीलिए यह असंवैधानिक है। बजट पेश होने के कुछ ही घंटों बाद वकील शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से इसे रद्द करने की माँग की थी।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में एमएल शर्मा ने कहा था कि बलात्कार के लिए पुरुष से ज्यादा महिलाएँ जिम्मेदार होती हैं। उन्होंने कहा था कि बलात्कार होते समय महिलाओं को संघर्ष नहीं करना चाहिए बल्कि जो हो रहा है, उसे होने देना चाहिए। साथ ही वो कहते हुए दिखे थे कि निर्भया मामले में अगर पीड़िता चुपचाप रेप होने देती तो आरोपित ‘सब कुछ कर के’ उसे घर तक छोड़ देते और केवल उसके साथी की पिटाई करते। बाद में इस बयान पर हंगामा होने पर शर्मा ने सफाई दी कि ये स्क्रिप्टेड शो था और उन्होंने डायरेक्टर के कहने अनुसार एक्टिंग की थी।
वहीं आम लोगों की बात करें तो अधिकतर लोग पुलिस की कार्रवाई से ख़ुश नज़र आ रहे हैं। हैदराबाद में पुलिस पर लोगों ने फूल बरसाए। पुलिसकर्मियों को कंधे पर उठा कर घुमाया गया। स्कूल छात्राओं ने पुलिस को देखते ही अपनी ख़ुशी का इजहार किया। सोशल मीडिया पर लोगों ने तारीफ़ की। वहीं कुछ मानवाधिकार संगठनों को बलात्कार के आरोपितों का एनकाउंटर में मारा जाना नागवार गुजरा और उन्होंने तेलंगाना हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिकाओं की लाइन लगा दी। तेलंगाना हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर तक चारों आरोपितों के शवों को दफ़नाने या जलाने पर रोक लगाई हुई है।
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