हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में पूरा देश गुस्से में है. सख्त सजा देने की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं. वहीं संसद में भी तत्काल सजा की मांग की गई है. इस बीच एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में पीड़िता के परिजनों ने जो आपबीती बताई है वह कंपा देने वाली है.
पीड़िता का शव मिलने के बाद जब पीड़िता की बहन पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस वालों ने कहा कि अगर तुम्हारी बहन ने 100 नंबर पर फोन किया होता, तो शायद वह बच जाती. पीड़िता की बहन ने बताया कि जब परिजनों के खोजने के बाद भी नहीं मिली तो परिवार वालों ने 100 नंबर पर पुलिस को फोन किया. कुछ समय बाद जब एक पुलिस कर्मी से बात हुई तो उन्होंने पहले आधार कार्ड का नंबर लिखा, फिर उनकी शिकायत लिखी.
पीड़िता के परिजनों का कहना है कि जब वे शिकायत लिखवाने के लिए पुलिस के पास पहुंचे तो पुलिस वालों ने यहां तक कह दिया था कि तुम्हारी बेटी किसी के साथ घूमने गई होगी. पीड़िता के पिता का कहना है कि उन्होंने पुलिसवालों को बेटी से बातचीत की रिकॉर्डिंग भी सुनाई. फिर भी वे नहीं माने. काफी देर तक टहलाने के बाद उन्होंने शिकायत दर्ज की.
पीड़िता का नाम जाहिर करने पर नोटिस
कुछ समाचार चैनलों और सोशल मीडिया साइटों द्वारा दुष्कर्म के बाद हत्या की शिकार हुई 25 वर्षीय पशु चिकित्सक का नाम उजागर करने पर उन्हें नोटिस जारी कर इसे रोकने का निर्देश दिया है. इन चैनलों और साइटों पर आरोपियों की तस्वीर भी प्रकाशित व प्रसारित की गई.
मामले की जांच कर रही साइबराबाद पुलिस ने यह भी कहा कि कुछ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने समाचार चैनलों, अखबारों और सोशल मीडिया पर जांच से जुड़े दस्तावेजों का प्रकाशन और प्रसारण किया जिससे जांच बाधित हुई. इसलिए उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 149 के तहत नोटिस जारी कर ऐसी सामग्री का प्रकाशन व प्रसारण रोकने को कहा गया है.
कुछ टीवी चैनलों को भी नोटिस
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया, ‘कुछ टीवी चैनल और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता लगातार पीड़ित, आरोपियों और जांच से जुड़े दस्तावेजों का प्रकाशन, प्रसारण कर रहे हैं. हम ऐसे टीवी चैनलों से बात कर रहे हैं और उन्हें नोटिस जारी कर इनका प्रसारण रोकने को कहा है. इसके साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों से भी बात कर रहे हैं कि ऐसी सामग्री को अपने मंच से हटाएं.’
हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में सहायक पशु चिकित्सक के तौर पर काम करने वाली युवती का जला हुआ शव 28 नवंबर की सुबह शादनगर में एक पुलिया के नीचे से बरामद किया गया था. घटना से एक दिन पहले ही वह लापता हुई थी. इस संबंध में चार आरोपियों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया.
बाद में साइबराबाद पुलिस ने मीडिया से अनुरोध किया था कि वह इस जघन्य दुष्कर्म और हत्याकांड पर लगातार प्रसारण न करे और पीड़िता का नाम लेने से बचे. उसने सोशल मीडिया पर ‘जस्टिस फॉर दिशा’ हैशटैग का सुझाव भी दिया था.(भाषा इनपुट के साथ)
मुख्य संपादक, उगता भारत