लौटने लगे हैं जम्मू-कश्मीर से अब सुरक्षा बल
नई दिल्ली । भारत के सुरक्षा बलों ने जब जब आवश्यकता पड़ी है तब तब अपनी बेहतरीन सेवाएं देकर देश में में शांति व्यवस्था स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है । इतना ही नहीं सीमाओं पर जब शत्रु को समाप्त करने की आवश्यकता पड़ी है तब भी हमारी सुरक्षा सेनाएं अपने कर्तव्य निर्वाह में पीछे नहीं रही है । बात जम्मू कश्मीर की करें तो जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त को धारा 370 हटाए जाने के बाद सुरक्षाबलों ने अपने कर्तव्य निर्वाह का बहुत ही शानदार ढंग से निर्वाह किया है ।
जम्मू-कश्मीर से पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार घाटी से चरणबद्ध तरीके से अब अतिरिक्त सुरक्षाबलों की वापसी हो रही है। करीब पांच कंपनियों को वापस भेजा गया है। हालात में सुधार होने पर यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। जानकारी के अनुसार, सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के 5000 से ज्यादा जवान घाटी से रवाना हो चुके हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 4 से 5 अतिरिक्त कंपनियां रविवार को घाटी से रवाना की गईं।
बता दें कि जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने की घोषणा से पहले कश्मीर में 50 हजार से अधिक सीएपीएफ के जवानों को भेजा गया था। इन जवानों की भूमिका घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने में महत्वपूर्ण रही।
सूत्रों के अनुसार, कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में तैनात 20 कंपनियों को कश्मीर से वापस रवाना किया जाना है। इनमें से 16 बीएसएफ जबकि चार सीआरपीएफ की हैं। कश्मीर में हालात में और सुधार होने पर घाटी में तैनात सुरक्षा एजेंसियों के साथ विचार विमर्श कर अन्य कंपनियों को कश्मीर से धीरे-धीरे और चरणबद्ध तरीके से रवाना किया जाए। सुरक्षाबलों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने बताया कि अन्य कंपनियों की रवानगी के बाबत फिलहाल कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। पांच अगस्त से पहले घाटी में केंद्रीय बलों के 50 हजार जवानों की घाटी में तैनाती की गई थी। यह जवान घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए लगाए गए थे। अब नवंबर में पड़ रही कड़ाके की सर्दी इनके लिए कानून-व्यवस्था की स्थिति से ज्यादा गंभीर बन गई है। जवानों को इन हालात में यहां रहने में दिक्कतें आ रही है । अतिरिक्त बलों की तैनाती के चलते ही अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में रही थी। सुरक्षाबलों ने शहर के डाउनटाउन समेत सभी संवेदनशील इलाकों में चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए रखी। अब धीरे-धीरे पूरी घाटी में जनजीवन लगभग पटरी पर लौट आया है।
जम्मू-श्रीनगर के 270 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर मरम्मत कार्य और सुरक्षाबलों के वाहनों के सुचारु आवागमन के लिए सोमवार को दिन में आम लोगों के वाहनों की आवाजाही बंद रखी गई। चार बजे तक सुरक्षा वाहनों की आवाजाही के बाद नागरिकों के वाहन छोड़े गए। गत दिनों भू-स्खलन से रामबन सेक्टर के कई हिस्सों में हाईवे को क्षति पहुंची है।