सरदार पटेल होते देश के प्रधानमंत्री तो देश बन गया होता कब का विश्व शक्ति : हिंदू महासभा

नई दिल्ली । (अजय आर्य ) 31 अक्तूबर को उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की 144वीं जयंती बड़े धूम-धाम से मनाई गई। इस अवसर पर अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि यदि पंडित जवाहरलाल नेहरू को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाने की भूल गांधीजी ना करते और उनके स्थान पर सरदार पटेल को ही देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया जाता तो देश विश्व शक्ति के रूप में कब का स्थापित हो चुका होता ।

इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंदकिशोर मिश्र ने कहा कि गांधी जी के जीवन का अंतिम आमरण अनशन 13 जनवरी, 1948 को मंगलवार की सुबह 11:55 बजे आरंभ हुआ। उस वक्त गांधी जी चाहते थे कि जिन हिंदू शरणार्थियों ने मुस्लिम घरों पर कब्जा कर लिया है, उन्हें खाली करके उनके मुसलमान मालिकों को लौटा दें और फिर शरणार्थी-कैंपों में वापस चले जाएं। उस समय गांधी जी की मांग यह भी थी कि भारत पाकिस्तान को अपना छोटा भाई समझ कर उसे अपने राजकोष से ₹55 करोड़ तुरंत भुगतान करे ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उनकी इस मांग से अधिकांश मंत्रियों को, विशेष रूप से सरदार पटेल को बहुत आघात पहुंचा। उन्हें बहुत गुस्सा भी आया। पहले नेहरू ने फिर उनके बाद पटेल ने रुपया रोक लेने के फैसले को उचित सिद्ध करने की कोशिश की।

इसके उपरांत भी गांधीजी अपने अनशन को त्यागने के लिए तैयार नहीं थे । उन्होंने कहा कि यह अत्यंत शर्मनाक स्थिति थी कि जो देश मजहब के नाम पर भारत से अलग हुआ था उसे ही गांधीजी भारत के खाली राजकोष से ₹55 करोड़ दिलाने की बात कर रहे थे।

इस अवसर पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संदीप कालिया ने कहा कि भारत की मजबूती के लिए यदि पहले दिन से मजबूत नेतृत्व के हाथों में भारत की बागडोर सौंपी जाती तो निश्चय ही भारत आज विश्व शक्ति के रूप में स्थापित होकर विश्व का नेतृत्व कर रहा होता और भारत के नेतृत्व में पलने बढ़ने वाला विश्व आज कहीं अधिक शांत होता।

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