बैकुंठ शुक्ल सहित कई क्रांतिकारी हैं भारत रत्न के हकदार : हरिबल्लभ आरसी
जमशेदपुर । ( 28 अक्टूबर ) नगर की कुछ सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक हरीवल्लभ सिंह आरसी की अध्यक्षता में ‘ डॉ श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान ‘ के सभागार में हुई । जिसमें बैकुंठ शुक्ल को भारत रत्न देने की मांग की गई । बैठक में शहीदे आजम भगतसिंह सहित कई और शहीदों को भारत रत्न देने की उठाई जा रही मांग पर विचार किया गया ।
वीर सावरकर को भारत रत्न देने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए श्री आरसी ने कहा कि सावरकर के समक्ष भारत रत्न सम्मान स्वयं लघु होकर लज्जित है। उनके जैसा बलिदानी विश्व इतिहास में अन्यत्र खोजना दुर्लभ है। सरकार की इस भावना का हम लोग स्वागत करते हैं ।
श्री आरसी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शहीदे आजम भगतसिंह के साथ ही शहीद बैकुंठ शुक्ल ने भी अंग्रेजों के गुप्तचर को मारकर गया जेल में सहर्ष फांसी के फंदे को चूम लिया था । लेकिन माफी नहीं मांगी थी । सर्वविदित है कि फणींद्रनाथ घोष भगत सिंह की जमात में ही रहते थे। गुप्त रूप से उन्होंने ही भगतसिंह की सूचना अंग्रेजों को देखकर उन्हें पकड़वाया था । उस गुप्तचर को अंग्रेजों ने इनाम देकर बेतिया शहर में एक दुकान भी दी थी । उसी अंग्रेज अत्याचारी को मौत के घाट उतारने का काम शहीद बैकुंठ शुक्ल ने किया था । कुछ दिनों के बाद शुक्ल गिरफ्तार हो गए । उन्हें गुप्त रूप से गया जेल में फांसी दे दी गई ।
श्री आर सी ने आगे कहा कि विगत 10 वर्षों से गया जेल में उनका स्मारक बनाने की बात कही जा रही है। अतः ऐसे वीर सपूत को भी भारत रत्न मिलना चाहिए। बैठक में डीएन सिंह , राजदेव सिन्हा , धर्मचंद पोद्दार , श्याम लाल पांडे , आरबी शुक्ला , हरेराम सिंह , अवनी कुमार सिंह , संजय सिंह , अखिलेश चौधरी आदि की उपस्थिति में सर्वसम्मति से ही इस संबंध में निर्णय लिया गया । इस प्रस्ताव की प्रतिलिपि भारत सरकार एवं राज्य सरकार को भेजने हेतु तथा इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही हेतु श्री आरसी को अधिकृत किया गया।
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