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कविता

सावरकर के श्री चरणों में भारत रत्न

क्रांतिवीर सावरकर जी जय से इतिहास नायक को जब सरकार की ओर से भारत रत्न देने का मन बना है तो देश के राष्ट्रवादी चिंतकों व लेखकों की लेखनी में भी नव ऊर्जा का संचार हो गया है । जमशेदपुर वासी श्री हरि बल्लभ आरसी जी एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। जो लगभग 90 वर्ष की अवस्था में भी कलम की साधना कर रहे हैं। उनकी लेखनी ने भी जिन शब्दों को कागज पर उतार कर अपने हृदय की प्रसन्नता को व्यक्त किया है , उनसे पता चलता है कि मां भारती के इस सच्चे साधक सावरकर जी के लिए लेखनी के साधक कैसी उत्तम भावना रखते हैं ?

सावरकर भारत रत्न एवं सावरकर

सावरकर के चरणों में
भारत रत्न खुद
गौरवान्वित होगा।
उनके बलिदान की कीमत
तीनों लोक नहीं दे सकता मूल्यांकन का अवमूल्यन होगा वैसा सुपुत्र इतिहास में नहीं

अंग्रेजों की दासता को पराजित किया ,
सावरकर ने देश की आजादी
हेतु ,
अपना सब कुछ बलिदान कर
देशहित बलिदान की शिक्षा दी ।।

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