अलीगढ़ का नाम परिवर्तित कर रामगढ़ रखा जाए और वेद को किया जाए राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित : डॉ राकेश कुमार आर्य

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नरोरा । ( अजय आर्य ) महर्षि दयानंद आर्य गुरुकुल ब्रह्म आश्रम संस्कृत महाविद्यालय राजघाट नरौरा बुलंदशहर द्वारा आयोजित किए गए अपने त्रिदिवसीय रजत जयंती समारोह में दूसरे दिन के द्वितीय सत्र में ‘ महर्षि दयानंद का राजनीतिक चिंतन ‘ – विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उगता भारत के संपादक डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि

अलीगढ़ को यहां के शासक सूरजमल ने 1757 में रामगढ़ का नाम दिया था । जिसे दुर्भावना से प्रेरित होकर 1768 में अलीगढ़ कर दिया गया । हम सभी प्रदेश सरकार से यह मांग करते हैं कि जाट राजा महाराजा सूरजमल द्वारा किए गए इस महान कार्य को सम्मानित करते हुए अलीगढ़ का पुराना नाम रामगढ़ किया जाए।

श्री आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज ने 1877 में आयोजित किए गए दिल्ली दरबार में सिंहगर्जना करते हुए कहा था कि भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ वेद को घोषित किया जाए । यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महर्षि दयानंद के 142 वर्ष पूर्व दिए गए इस नारे को हम आज तक यथार्थ में परिवर्तित नहीं कर पाए हैं ।

श्री आर्य ने केंद्र सरकार से मांग की कि आज जब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भारत को हिंदू राष्ट्र कहते हैं तो उसका अभिप्राय यही है कि हिंदुस्थान होने के कारण भारत हिंदू राष्ट्र है । ऐसे में हम सभी उनके इस औचित्यपूर्ण तर्क का समर्थन करते हैं और केंद्र की मोदी सरकार से अनुरोध करते हैं कि महर्षि दयानंद के सपनों के अनुसार वेद को भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए ।

डॉ आर्य के इस प्रस्ताव का कार्यक्रम में मंचासीन सभी विद्वानों सहित पंडाल में उपस्थित हजारों लोगों ने हाथ उठाकर समर्थन किया और यह निर्णय लिया गया कि केंद्र की मोदी सरकार के लिए वेद को भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कराने और अलीगढ़ का पुराना नाम रामगढ़ देने हेतु प्रदेश की योगी सरकार के लिए प्रस्ताव की प्रति भेजी जाएगी । श्री आर्य के इस प्रस्ताव का समर्थन अचार्य योगेश शास्त्री व गुरुकुल के कुलाधिपति डॉक्टर चंद्र देव ने किया । आचार्य योगेश शास्त्री ने उपस्थित सभी लोगों के सामने जब इस प्रस्ताव को रखा तो पंडाल में भारत माता की जय कार के साथ सभी उपस्थित लोगों ने हाथ उठाकर इसका अनुमोदन किया । तब यह निर्णय लिया गया कि अनुरोध किया जाएगा केंद्र व प्रदेश की सरकारों के लिए ये प्रस्ताव भेजकर यह अनुरोध किया जाएगा कि इन कार्यों को संपादित कर देश – प्रदेश की वेद भक्त एवं राम भक्त जनता की भावनाओं का सम्मान करने का कष्ट करें ।

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