महाशय राजेंद्र सिंह आर्य शोध संस्थान द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी संपन्न

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ग्रेटर नोएडा । विशेष संवाददाता महाशय राजेंद्र सिंह आर्य स्मृति शोध संस्थान द्वारा आर्य समाज मंदिर में आयोजित भारतीय संस्कृति की उत्कृष्टता और माता-पिता का हमारे जीवन में योगदान विषय पर आयोजित की गई एक विचार गोष्ठी में बोलते हुए राष्ट्र निर्माण पार्टी के अध्यक्ष ठाकुर विक्रमसिंह ने कहा कि माता पिता का भारतीय संस्कृति में बहुत ही सम्मानित स्थान है ।

क्योंकि विधाता के महान कार्य को संसार में लौकिक रूप में यदि कोई शक्ति करती है तो वह माता-पिता ही होते हैं। माता पिता हमारे जीवन के निर्माण के लिए अनेकों कष्ट सहते हैं । श्री सिंह ने कहा कि पुत्र को अपने पिता के व्रतों के अनुसार चलने वाला और माता के हृदय के समान प्रेमपूर्ण व्यवहार करने वाला होकर चलना चाहिए ।

पति पत्नी को भी आपस में प्रेम पूर्ण व्यवहार करना चाहिए उसी से बच्चों पर अच्छे संस्कार पड़ते हैं । तभी परिवार समाज और राष्ट्र में शांति का वास होता है । अनुसार चलने वाला होना चाहिए ।उन्होंने कहा कि माता के समान हृदय वाली संतान उन्होंने कहा कि माता निर्माता होती है , इसलिए उसको हमारे यहां पर माता का नाम दिया गया है।

ठाकुर विक्रम सिंह ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियां लॉर्ड मैकाले प्रणीत शिक्षा प्रणाली की देन है । उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली को मिटाकर वैदिक संस्कृति के अनुसार गुरुकुल शिक्षा प्रणाली लागू कर हम अपने देश में संस्कारों का पुनर्निर्माण कर सकते हैं ।

मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि माता हमें उच्च संस्कार प्रदान करती है और पिता हमारे लिए संसार में विष्णु का काम करता है ।

इसलिए माता-पिता को हमारे यहां पर साक्षात चेतन देवता के रूप में मान्यता प्रदान की गई है । उन्होंने कहा कि वर्तमान बिगड़े हुए संस्कारों को ठीक करने के लिए शिक्षा में व्यापक सुधारों की आवश्यकता है ।

जबकि राष्ट्रवादी चिंतक प्रखर राष्ट्रवादी लेखक विनोद सर्वोदय ने कहा कि एक षड्यंत्र के अंतर्गत हमारी युवा पीढ़ी को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है । जिसमें आजादी मिलने के बाद देश की बनी सरकारों ने भी अपनी ओर से विशेष भूमिका निभाई ।

उन्होंने वर्तमान केंद्र सरकार से मांग की कि वैदिक शिक्षा बोर्ड को स्थापित करते समय संस्कार आधारित शिक्षा दिलाने की दिशा में ठोस निर्णय लिया जाना समय की आवश्यकता है।

विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए वैदिक विदुषी विमलेश आर्य बंसल ने कहा कि मातृशक्ति को नमन करना भारत की परंपरा रही है जिसके प्रति आज की युवा पीढ़ी को भी इसी प्रकार के संस्कारों से आपूर्ति करना समय की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंदकिशोर मिश्र ने कहा कि भारत की परिवार जैसी पवित्र संस्था की बराबरी संसार की कोई संस्था नहीं कर सकती । जिसे एक षड्यंत्र के अंतर्गत विदेशी उजाड़ने में लगे हैं और भारत में एक बड़ा वर्ग इन विदेशियों के षड्यंत्र में सम्मिलित होकर इस संस्था को उजाड़ने का राष्ट्रपति कार्य कर रहा है । जिस का भंडाफोड़ कर व्यवस्था को सुधारने का समय अब आ गया है।

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ राकेश कुमार आर्य द्वारा किया गया ।

कार्यक्रम में राष्ट्र निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ आनंद कुमार , प्रोफेसर विजेंद्र सिंह आर्य ,उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन देवेंद्र सिंह आर्य , हिंदू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव एस डी विजयन , वरिष्ठ हिंदूवादी चिंतक दिनेश कुमार सारस्वत, सांसद प्रतिनिधि सुरेश नागर , श्रीनिवास आर्य , राकेश आर्य , एल एस तिवारी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।

सभी वक्ताओं ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली भारत की आवश्यकताओं , मान्यताओं और परंपराओं के अनुकूल नहीं है ।

इस अवसर पर वीरेंद्र कुमार स्नातक , तोरणसिंह आर्य , विपिन आर्य , रामपालसिंह , राजकुमार नागर एडवोकेट ,राकेश नागर एडवोकेट , चाणक्य भाटी एडवोकेट ,रामकुमार वर्मा , विदुर शास्त्री , वीरेंद्र शास्त्री , देवेन्द्र गांधी , विपिन राजावत , श्रीमती पूर्णिमा राजावत , शकुंतला आर्य श्रीमती ऋचा आर्य , सूबेदार मेजर वीर सिंह आर्य आदि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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