नई दिल्ली । अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री एसडी विजयन ने कहा है कि हिंदू ही नहीं ईसाई लड़कियाँ भी ‘लव जिहाद’ का शिकार हो रही हैं। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा है। केरल के कोझीकोड में एक ईसाई व्यक्ति ने अपने बेटी के साथ ब्लैकमेलिंग का मामल दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में उसने कहा था कि उसकी बेटी को ब्लैकमेल कर उसे इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अल्पसंख्यक आयोग ने इस ख़बर को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराया है।
राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने पत्र में स्वीकार किया है कि धर्मान्तरण के मामले काफ़ी ज्यादा बढ़ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्य को एक सुनियोजित तरीके से और संगठनात्मक रूप से अंजाम दिया जा रहा है। कुरियन के अनुसार, पीड़ितों को ‘लव जिहाद’ के तहत फँसा कर आतंकी गतिविधियों में उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। केरल से आने वाले जॉर्ज कुरियन ख़ुद ईसाई हैं और उन्हें मई 2017 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया था।
जॉर्ज कुरियन ने कहा कि ईसाई लड़कियाँ ‘लव जिहाद’ का सबसे आसान शिकार बन रही हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय से इस ख़तरनाक चलन को रोकने और इस मामले में एनआईए से जाँच कराने की माँग की। बकौल अल्पसंख्यक आयोग, ईसाई लड़कियाँ इस्लामिक कट्टरवादियों के लिए एक ‘सॉफ्ट टारगेट’ बन गई हैं। आयोग ने कहा कि अब इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा चलाए जा रहे धर्मांतरण अभियान को रोकने के लिए क़ानून बनाने का समय आ गया है। कुरियन ने कहा:
“कई अभिभावकों में ‘लव जिहाद’ को लेकर डर का माहौल है और उनका ये डर जायज भी है। पूर्व में कई मामले ऐसे आ चुके हैं, जहाँ ईसाई लड़कियों को ‘लव जिहाद’ का शिकार बनाया गया। केरल के 21 लोग खूँखार वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गए। इनमें से 5 ऐसे थे, जो पहले ईसाई थे और बाद में उन्हें धर्मान्तरण के जरिये इस्लाम कबूलवाया गया था।”
उन्होंने कहा कि जब हिन्दू संगठनों द्वारा धर्म-परिवर्तित लोगों को वापस हिन्दू धर्म में अपनाया जाता है, छद्दम धर्म-निरपेक्षों को संविधान खतरे में दिखाई देने लगता है, लेकिन जब मुस्लिम संगठनों द्वारा गैर-मुस्लिम लड़कियों को प्यार-मोहब्बत के जाल में फ़ांस कर इस्लाम कबूल करवाने पर सबके मुंह में दही क्यों जम जाता है? और ये खेल कई वर्षों से चलता आ रहा है।