पटना के लॉर्ड हार्डिंग पार्क का नाम महर्षि दयानंद पार्क रखने की उठी मांग

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भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में रहा है आर्य समाज का विशेष योगदान : सम्राट चौधरी

पटना। ( विशेष संवाददाता) यहां पर बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वावधान में चल रहे त्रिदिवसीय कार्यक्रमों के पहले दिन के सायंकालीन सत्र में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के साथ-साथ सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में भी आर्य समाज का विशेष योगदान रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आर्य समाज ने जिस प्रकार पाखंडवाद के विरुद्ध काम किया, उसके सुखद परिणाम आए। अनेक लोग अज्ञान के अंधकार से बाहर निकले और उन्हें जीने का नया ढंग मिला। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन भी इस बात का साक्षी है कि इस प्रगतिशील राष्ट्रभक्त संस्था ने अनेक क्रांतिकारियों को जन्म देकर अंग्रेजों को देश छोड़ने के लिए बाध्य कर दिया था।
उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद जी महाराज विशुद्ध राष्ट्रवादी चिंतन के धनी थे। वह वेदों की ओर लौटकर आर्य परंपरा को भारत में स्थापित करने के समर्थक थे। आज उनकी विचारधारा को यथावत लागू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कृत संकल्प हैं । इसलिए लोगों को प्रधानमंत्री के हाथ मजबूत करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन करना चाहिए।

आर्य प्रतिनिधि सभा बिहार के प्रांतीय अध्यक्ष और भाजपा विधायक डॉ संजीव चौरसिया ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि स्वामी दयानंद जी महाराज का राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक चिंतन ही भारत को विश्व गुरु के प्रतिष्ठित पद पर विराजमान कर सकता है। उन्होंने कहा कि सभी आर्यजनों को इस समय संगठन को मजबूत करते हुए एक दिशा में काम करने की आवश्यकता है। जबकि आर्य प्रतिनिधि सभा के मुख्य संरक्षक और मेघालय एवं सिक्किम के पूर्व राज्यपाल रहे गंगा प्रसाद आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि वेदों का उदात्त राष्ट्रभाव ही आज की विखंडनकारी मानसिकता का एकमात्र उपचार है।

इस अवसर पर सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉक्टर राकेश कुमार आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि कश्मीर में जिस प्रकार आतंकवाद की दुखद परिस्थितियों को हमने देखा है, वही स्थिति पूर्वोत्तर भारत में ईसाइयों को हिन्दुओं का धर्मांतरण कराने की खुली छूट देकर कांग्रेस ने पैदा की हैं। जिनका हमें संयुक्त शक्ति के माध्यम से सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि 1947 में जब देश का विभाजन हुआ था तो उस समय की परिस्थितियां बड़ी भयानक थीं। पाकिस्तान में हमने उस समय लगभग 3 करोड़ हिंदू छोड़े थे, जो आज घटकर 20 लाख से भी कम रह गए हैं ।आज इतिहास की उस भयानक गलती का समय हिसाब मांग रहा है कि किन लोगों की गलतियों के चलते हमने स्वाधीनता के नाम पर करोड़ों हिंदुओं का विनाश पिछले 75 वर्ष में करवा लिया है।

कार्यक्रम में आर्य युवकों के हृदय सम्राट गौतम खट्टर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज की युवाओं को राष्ट्र की समस्याओं के समाधान के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछली पीढ़ी के लोग नई पीढ़ी को तैयार करने के अपने राष्ट्रीय कर्तव्य के प्रति जागरूक रहें। जबकि आर्य जगत की सुप्रसिद्ध भजनोपदेशिका अंजली आर्या ने अपने संबोधन में कहा कि इस समय राष्ट्र के सामने जनसंख्या असंतुलन सबसे बड़ी समस्या है। जिसे एक वर्ग देश के पुनः विभाजन को लक्ष्य करके बिगाड़ रहा है।

आर्य जगत के सुप्रसिद्ध सन्यासी स्वामी ओमानंद जी ने इस अवसर पर कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली में इस समय सुधार की आवश्यकता है। क्योंकि शिक्षा संस्कारों के माध्यम से ही कोई राष्ट्र सबल हो सकता है। कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे सुप्रसिद्ध विद्वान वैदिक चिंतक डॉ व्यासनंदन शास्त्री ने उपस्थित लोगों का आवाहन किया कि वह स्वामी दयानंद जी महाराज के सपनों का भारत बनाने के लिए वेद, वैदिक संस्कृति और आर्य मान्यताओं के प्रति अपने आप को समर्पित करें । समय तेजी से हमारे हाथ से निकल रहा है, हमें नए राष्ट्र के निर्माण के लिए नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना होगा। कार्यक्रम में आचार्य प्रभामित्र ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उल्लेखनीय है कि श्री प्रभामित्र के ब्रह्मत्व में ही 8 अप्रैल से विशेष यज्ञ चल रहा है। जिसमें अनामिका आर्या जी का भी विशेष योगदान है।

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