मनु की समाज वैज्ञानिक व्याख्या पर बने आम सहमति : डॉ सतपाल सिंह

मनु महोत्सव में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ सतपाल सिंह बोले – मनु की समाज वैज्ञानिक व्याख्या पर बने आम सहमति
ग्रेटर नोएडा। यहां स्थित कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खेरली में आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के तत्वावधान में चल रहे विश्व के पहले मनु महोत्सव में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बागपत के सांसद डॉ सत्यपाल सिंह ने कहा कि मनु भारत की वैदिक संस्कृति के मूल स्तंभ हैं। जिन्होंने वेद संगत वर्ण व्यवस्था का प्रतिपादन किया। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के प्रधान डॉ राकेश कुमार आर्य ने बताया कि डॉ सतपाल सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए इस अवसर पर यह स्पष्ट किया कि संसार के पहले संविधान निर्माता मनु महाराज ने किसी भी वर्ग के शोषण की व्यवस्था प्रतिपादित नहीं की। जिन स्वार्थी लोगों ने प्रक्षेप करके मनु स्मृति को विकृत किया यह उनकी गलत सोच और चाल का ही यह परिणाम है । उनकी गलतियों के कारण कुछ लोग हिंदू समाज को तोड़ने के लिए हमारे हरिजन भाइयों को भ्रमित कर रहे हैं। जिनके विरुद्ध हमें एकजुट होकर खड़ा होना होगा और मनु की समाज वैज्ञानिक व्याख्या को राष्ट्रीय आम सहमति बनाना होगा। उन्होंने कहा कि यह सचमुच स्वागत योग्य पहल है कि मनु महाराज जैसे महर्षि के बारे में व्याप्त भ्रांतियों के निवारण के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम मनु महोत्सव का आयोजन किया गया है।
इससे पूर्व अपने विद्वता पूर्ण व्याख्यान में कार्यक्रम के संरक्षक देवेंद्र सिंह आर्य ने मनुस्मृति पर सारगर्भित और विस्तृत विचार मंथन प्रस्तुत करते हुए मनु पर वर्ण व्यवस्था को स्थापित करने के आरोप का खंडन किया। उन्होंने कहा कि परमपिता परमेश्वर की बनाई सृष्टि जिस प्रकार पूर्णतया वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है, उसी पर वेद आधारित है और वेद के ही विज्ञानवाद पर मनुस्मृति आधारित है।
राष्ट्र निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार ने विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि आज देश में राजनीतिक पूर्वाग्रहों के चलते लोग सत्य को झुठला रहे हैं। इसके घातक परिणाम देश को भुगतने होंगे । हमें समय रहते सावधान होना होगा और अपने ऋषियों के साथ निरंतर चल रहे अन्याय का प्रतिरोध करना होगा। आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुध नगर के अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजक डॉ राकेश कुमार आर्य ने अपने वक्तव्य में कहा कि महर्षि मनु का जो सम्मान अमेरिका, फिलीपींस, जावा, सुमात्रा, कंबोडिया, इंडोनेशिया जैसे अनेक देशों में है , वही सम्मान उनको भारत में मिलना अपेक्षित है। इसलिए मनु महोत्सव के इस कार्यक्रम में सरकार से यह मांग की जाती है कि महर्षि मनु की प्रतिमा संसद के सामने स्थापित की जाए।
आर्य विदुषी मनु आर्या ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महर्षि मनु पर नारी का अपमान करने का जो आरोप लगाया जाता है, वह निराधार है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जहां नारियों का सम्मान होता है, वहां देवताओं का निवास होता है। नारियों का सम्मान तभी संभव है, जब उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में बराबरी के अधिकार प्राप्त हों। मनुस्मृति का कोई भी श्लोक वैदिक व्यवस्था के विपरीत नहीं जाता और वैदिक व्यवस्था नारी को प्रत्येक क्षेत्र में सम्मान देने की समर्थक है। यही कारण है कि प्राचीन काल में अनेक विदुषी नारियां भारतवर्ष में जन्मी।
कार्यक्रम में विशेष आकर्षण का केंद्र बने योगगुरु कर्मवीर जी महाराज ने लोगों का आवाहन किया कि इस समय वह अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हों अन्यथा भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं । उन्होंने कहा कि लिवर फैटी होने की जो बीमारी लोगों में मिल रही है वह बहुत ही खतरनाक है। इसलिए हमें मिलावटी चीजों से बचने का प्रयास करना चाहिए। विशेष रूप से हमें घी और तेल के प्रति अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महर्षि मनु की आदर्श व्यवस्था ही हमें स्वस्थ जीवन और स्वस्थ मन प्रदान कर सकती है।
इस अवसर पर भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किये और भारत के समाज में गिरते मूल्यों पर चिंता प्रकट की। कार्यक्रम में स्वामी ओमानंद जी महाराज, प्राचार्य गजेंद्र सिंह आर्य, स्वामी सत्यव्रत जी महाराज, देव मुनि जी महाराज, धर्मवीर सात्विक, संस्था के अध्यक्ष ओमवीर सिंह भाटी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्मचारी आर्य सागर और आर्य जिला प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुध नगर के उपाध्यक्ष मुकेश नागर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी सतीश नंबरदार द्वारा की गई। कार्यक्रम में प्रतिनिधि सभा के उपाध्यक्ष महावीर सिंह आर्य, महाशय किशन लाल आर्य, अजय कुमार आर्य, श्यामवीर सिंह भाटी, राघवेंद्र सोलंकी, नागेश कुमार आर्य, ब्रह्मपाल सिंह आर्य, मा ज्ञानेंद्र सिंह आर्य, नवाब सिंह भाटी, चरण सिंह महाशय सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।