संघर्ष किसके जीवन में नहीं है ?

संघर्ष किसके जीवन में नहीं है? अर्थात सभी के जीवन में हैं
कुछ लोग आपको प्रत्येक परिस्थिति में खुश दिखाई देते होंगे। “ऐसा नहीं है, कि उनके जीवन में कोई समस्याएं नहीं आती। कोई चिंता नहीं होती, कोई तनाव नहीं होता, या परिस्थितियों से उन्हें कोई संघर्ष नहीं करना पड़ता। चिंताएं परेशानियां दुख समस्याएं सबके जीवन में आती हैं।”
“अंतर केवल इतना ही है, कि कुछ लोग चिंताओं और समस्याओं से युद्ध करना जानते हैं। वे ईश्वर की भक्ति पूजा करते हैं, अर्थात ईश्वर की आज्ञा का पालन करते हैं। वे धैर्यशाली बुद्धिमान एवं दूरदर्शी होते हैं। ईमानदार होते हैं। सत्य को स्वीकार करने वाले होते हैं। वे सब चिंताओं को छोड़कर, परिस्थितियों को समझकर उनसे युद्ध या संघर्ष करते हैं। उन्हें ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है। उनका संघर्ष, ईश्वर के आशीर्वाद में बदल जाता है। ईश्वर के आशीर्वाद तथा उनके पुरुषार्थ से उनकी समस्याएं हल हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे सदा प्रसन्न रहते हैं, और दूसरों को प्रसन्न दिखाई भी देते हैं।”
“कुछ दूसरे लोग आलसी प्रमादी होते हैं। हठी और मूर्ख होते हैं। उनके पुराने संस्कार भी दुष्टतापूर्ण होते हैं। वे सत्य को स्वीकार नहीं करते। ईश्वर की पूजा भक्ति नहीं करते, अर्थात ईश्वर की आज्ञा का पालन नहीं करते। अपनी मनमानी क्रियाएं करते हैं। वे अपनी समस्याओं के साथ युद्ध या संघर्ष नहीं करते। परिणाम यह होता है, कि ऐसे लोग जीवन में असफल हो जाते हैं, और सदा दुखी रहते हैं।”
अब सारी बात आपके सामने स्पष्ट है। “यदि आप भी अपनी सब चिंताओं को छोड़कर, ईश्वर की पूजा भक्ति करें अर्थात उसकी आज्ञा का पालन करें। सुबह शाम बैठकर ईश्वर का ध्यान करें और व्यवहार में पूरी सच्चाई बुद्धिमत्ता और ईमानदारी से सब कार्य करें, तो आपके जीवन का संघर्ष भी ईश्वर के आशीर्वाद में बदल जाएगा। और आप भी सब समस्याओं को पार करके सदा आनन्द में रहेंगे।”
– स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक
निदेशक – दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, गुजरात