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मुजफ्फरनगर में भारतीय संस्कार और संस्कृति से जुड़ा एक अनोखा गांव ऐसा भी

  • आर्य सागर

मुजफ्फरनगर। टिटोड़ा जनपद मुजफ्फरनगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ऐसा अनोखा गांव है जो पिछले 77 वर्षों से होली पर 3 दिन का यज्ञ महोत्सव आयोजित करता आ रहा है। जिस पर समसामयिक ज्वलंत विषयों पर वैचारिक गोष्ठी होती है ,जिसमें सभी अतिथि विद्वान वक्ता ग्रामीण सहभागी होते हैं। वैदिक जगत का ऐसा कोई विद्वान नहीं जो इस गांव के इस उत्सव में ना आया हो। होली पर कोई हंगामा हुल्लड़ अश्लीलता इस गांव में नहीं होती , ना ही नशा होता है । पूरा गांव प्रेम से यज्ञ के साथ-साथ अतिथि यज्ञ का संपादन करता है। इतना नहीं, इस गांव में प्रत्येक घर घर से सर्वसमाज से औसत 2 से अधिक सरकारी सेवक हैं। वहीं नौजवान पीढ़ी आईआईटी, एम्स, सरकारी कोटे पर मेडिकल इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा अर्जित कर रही है, जो खेती कर रहे हैं, वह भी प्रगतिशील किसान हैं । अधिकांश बेटियां पीएचडी डिग्री होल्डर हैं ,जो शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। योग गुरु स्वामी कर्मवीर जी महाराज का यह पैतृक गांव है, हमारे गांव तिलपता से भी इस गांव का अनोखा रिश्ता है। हमारे गांव से 200- 300 वर्ष पहले 1 परिवार इस गांव में जाकर बस गया। वह परिवार भी आर्य समाज की विचारधारा से जुड़कर समर्थ सुशिक्षित हो गया। इसी परिवार के उत्तराधिकारी अमन शास्त्री आवासीय भव्य एंग्लो वैदिक गुरुकुल चला रहे हैं । सीबीएसई से 12वीं तक की मान्यता लेकर इस गुरुकुल में 160 बच्चे पढ़ रहे हैं। जिनको सभी आधुनिक विषय घुड़सवारी निशानेबाजी आदि भी शामिल हैं।₹1 लाख सालाना खर्चा है, लेकिन सुविधाओं को देखते हुए यह धनराशि बहुत कम है। यह गुरुकुल पुरकाजी के पास गंग नहर पर है। वहीं इसी गांव के मांगेराम प्रधान जी आर्य समाज के कर्मठ अतिथि सेवी कार्यकर्ता सेवक हैं। विद्वान अतिथियों के रहने भोजन आदि की व्यवस्था उनके आवास पर विशेष तौर पर होती है। आप कंस्ट्रक्शन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। आपने अपने तीनों बच्चों को गुरुकुल शिक्षा में पारंगत किया है । एक बेटा इंजीनियर तो एक आर्किटेक्ट है। वहीं अमन शास्त्री जी के छोटे भाई चमन शास्त्री जी भी व्यवहार कुशल सरल आर्य समाज के विचारधारा के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने भी अपनी बेटियों को गुरुकुल में अध्ययन कराया है। छोटी बेटी मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही है। बेटा बैनेट कॉलमेन यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत हैं। यह दोनों ही महानुभाव इस उत्सव में विशेष भूमिका निभाते हैं। साथ ही गांव के अन्य सज्जन वृंद इसमें सहयोगी बनते हैं। यह गांव अनुकरणीय कार्य कर रहा है।
इस गांव के ऐतिहासिक महोत्सव में जनपद गौतम नगर की आर्य समाज की अपनी पूरी टीम के साथ सहभागी होने का वैदिक राष्ट्रवाद पर संबोधन देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ।पश्चात में सामूहिक भोज का आनंद लिया जो हमारी संस्कृति का एक अभिन्न प्रतीक रहा है।

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