इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे उगता भारत के वरिष्ठ सह संपादक श्रीनिवास आर्य ने मदन लाल धींगरा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने विदेश में और वह भी शत्रु की मांद में रहते हुए कर्जन वायली की हत्या की थी । जो कि उन परिस्थितियों में और उस काल में बहुत ही साहसिक कार्य था । श्री आर्य ने कहा कि उन जैसे क्रांतिकारियों के देशभक्ति से भरे महान कार्यों को इतिहास में उचित स्थान देने से आने वाली पीढ़ियों को यह शिक्षा मिलेगी कि वह उनके नक्शे कदम पर चलते हुए मातृभूमि के लिए अपना सर्वोत्कृष्ट बलिदान देने में संकोच नहीं करेंगे । लेकिन कुछ देशद्रोही लेखकों और लोगों ने एक सुनियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत देश के क्रांतिकारी आंदोलन को इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया । जिस कारण आज की युवा पीढ़ी अपने क्रांतिकारियों और बलिदानियों के बारे में उतना नहीं जानती जितना उसे जानना चाहिए । उन्होंनेबकहा कि ‘ उगता भारत’ समाचार पत्र भारतीय धर्म , संस्कृति और इतिहास के उन अनछुए पहलुओं को लोगों को बताने का काम कर रहा है जिन्हें लोगों ने जानबूझकर छुपा लिया है ।