Mahabharata-Painting

मिला है जीवन लड़ने को,
तूफान जगत के जितने भी।
‘अर्जुन’ ! तुझको लड़ना होगा,
महारथी खड़े हों कितने भी।।

तूफानों से पीठ फेरना,
ना रहा हमारी रीति में।
डटकर संघर्ष किया हमने,
यही लिखा हमारी नीति में।।

जब ललकारे कोई ‘ दुर्योधन’,
करे चीरहरण किसी नारी का।
कभी तेज तुम्हारा झुके नहीं,
करो अंत हर एक ‘ बालि ‘ का।।

आर्य पुत्र हो तुम भारत के,
है सिखलाता इतिहास यही।
दानवता का अंत है करना,
तुम्हें गीता का संदेश यही।।

पैशाचिक हर शक्ति का तुम,
करोगे अंत – करो निश्चय।
है धर्म तुम्हारे साथ में बंधु !
अपनी जीत समझो निश्चय।।

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