डॉ राकेश कुमार आर्य को किया गया मदनलाल धींगड़ा पुरस्कार से सम्मानित
जमशेदपुर । ( विशेष संवाददाता ) डॉ श्री कृष्ण सिन्हा संस्थान के सभागार में क्रांतिकारी मदन लाल धींगरा की जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई गयी । इस शुभ अवसर पर ‘ मदनलाल धींगरा सम्मान समारोह ‘ का आयोजन किया गया ।इस समारोह में इस वर्ष का प्रतिष्ठित ‘ मदनलाल धींगड़ा सम्मान ‘ गाजियाबाद से प्रकाशित प्रसिद्ध हिंदी दैनिक राष्ट्रवादी समाचार पत्र ‘ उगता भारत ‘ के संपादक डॉ राकेश कुमार आर्य को सम्मान प्रदान किया गया ।
इस सम्मान के तहत उन्हें शॉल , नारियल , नगद ₹11000 , बुके एवं प्रशस्ति प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए ‘ उगता भारत ‘ के संपादक डॉ आर्य ने कहा कि हमारा इतिहास ऋषियों का , राष्ट्रवादियों का ,संत महात्माओं , चक्रवर्ती सम्राटों और संस्कृति रक्षक लोगों का इतिहास रहा है । जिनका चिंतन मानवतावाद को लेकर सदा सक्रिय और गतिशील रहा । जबकि विदेशियों का इतिहास धूर्त मक्कार दानवीय वृत्तियों से भरपूर लुटेरे डकैत बदमाशों का इतिहास है । श्री आर्य ने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है कि हम अपने मानवतावादी महापुरुषों के महान और पवित्र इतिहास की रक्षा नहीं कर पाए , जबकि दूसरे लोग अपने डकैत पूर्वजों के दानवीय कार्यों को भी इतिहास में महिमामंडित कराने में सफल रहे । श्री आर्य ने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत को और भारत के लोगों को अपने गौरवमयी इतिहास का सही मूल्यांकन करना चाहिए । श्री आर्य ने कहा कि क्रांतिकारी मदन लाल धींगरा और उनके अनेकों साथियों ने भारत के गौरव को बचाने के लिए ही अपना बलिदान दिया था आज उनके अधूरे कार्य को पूरा करने का समय है ।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे उगता भारत के वरिष्ठ सह संपादक श्रीनिवास आर्य ने कहा कि ‘ उगता भारत’ समाचार पत्र भारतीय धर्म , संस्कृति और इतिहास के उन अनछुए पहलुओं को लोगों को बताने का काम कर रहा है जिन्हें लोगों ने जानबूझकर छुपा लिया है ।कार्यक्रम का संचालन कर रहे फाउंडेशन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष धर्मचंद्र पोद्दार ने कहा कि यह सम्मान गत वर्ष ही प्रारंभ किया गया है और इस वर्ष का सम्मान अंतर्राष्ट्रीय लेखक एवं गाजियाबाद से प्रकाशित हिंदी दैनिक समाचार पत्र ‘ उगता भारत ‘ के प्रधान संपादक डॉ राकेश कुमार आर्य को प्रदान कर फाउंडेशन अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है ।श्री पोद्दार ने कहा कि हम इतिहास के पुनः लेखन के लिए कृतसंकल्प हैं । क्योंकि हमारी वर्तमान की पीढ़ी अपने इतिहास को लेकर सशंकित है । हम आने वाली पीढ़ी को यह बताना चाहेंगे कि हमारा इतिहास सारे संसार के समस्त देशों से प्राचीनतम और गौरवमयी इतिहास है ।वीर सावरकर फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सुंदर पोद्दार ने स्वागत भाषण में कहा कि यह देश क्रांतिकारियों और बलिदानियों का देश है । वीर सावरकर ने भारतवासियों के सैनिकीकरण की बात कही थी। उनका यह चिंतन आज भी उतना ही उत्कृष्ट और पवित्र है जितना उस समय था जब उन्होंने ऐसा कहा था । भारत के प्रत्येक व्यक्ति को संस्कृति प्रहरी, धर्म प्रहरी और इतिहास प्रहरी बनकर खड़ा होना होगा । तभी हिंदू का सैनिकीकरण और राजनीति का हिंदूकरण संभव हो पाएगा।मुख्य वक्ता के रूप में कटक से पधारे फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रह्लाद खंडेलवाल ने कहा कि मदन लाल धींगरा जैसे क्रांतिकारियों की यादों को संजोकर रखने का कार्य करके वीर सावरकर फाउंडेशन एक उत्कृष्ट और प्रेरणादायी कार्य किया है ।
उन्होंने कहा कि अब अपने इन महान क्रांतिकारियों को इतिहास में भी उचित स्थान देने की आवश्यकता है।समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री हरि बल्लभसिंह आरसी ने कहा कि भारत की संस्कृति स्वतंत्रता प्रेमी संस्कृति है । इससे महान संस्कृति संसार में नहीं है। यही कारण है कि इसने अनेकों क्रांतिकारियों को पैदा कर विदेशी शासकों को यहां से उखाड़ फेंकने में सफलता प्राप्त की ।कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री धर्म चंद्र पोद्दार ने किया ।जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रकाश मेहता जी के द्वारा किया गया ।समारोह में भारी संख्या में पधारे नगर के गणमान्य व्यक्तियों के अलावा वीर सावरकर फाउंडेशन के अनेक पदाधिकारी एवं सदस्य जिनमें मुख्य रूप से सुरेंद्र यादव , कालि पदो गोप , एस सी बर्णवाल , जगदीश प्रसाद , महेंद्र मोहन साहू
, हरप्रीत कौर , ललिता देवी , मीना चौधरी , नमिता सिन्हा , ज्योति कुमारी , सरिता सिंह , अंजना कुमारी , सीमा कौर , सीमा जायसवाल , सुरेश भालोटीया , लोकनाथ लोधा , धर्मचंद सावा , कमल अग्रवाल , पी के श्रीवास्तव , दीपक कुमार , शोभा देवी , रागिनी देवी , टी के महंती , अमरप्रीत सिंह , माया निगम , श्यामसुंदर मिश्र , सुनील दास एवं अन्य अनेक लोग सम्मिलित थे ।
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