1971 के मुक्ति संग्राम के बाद भारत के सैन्य समर्थन से पाकिस्तान से आजाद हुआ बांग्लादेश इन दिनों भारत से दूर और पाकिस्तान के पास जाता नजर आ रहा है। इस साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से ही वहां सियासी उथल-पुथल चल रही है और माहौल में भारत के खिलाफ नफरत घोलकर पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाई जा रही है। साफ़ लगता है कि बांग्लादेश अपने और भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधार रहा है और संदेश देना चाहता है कि वह अब दक्षिण एशियाई राजनीति को भारत के नजरिए से नहीं देखेगा।हाल के दिनों में पाकिस्तान ने भी ऐलान किया है कि अब बांग्लादेशी नागरिक बिना किसी वीजा शुल्क के उनके देश की यात्रा कर पाएंगे। दोनों देशों में सीधी उड़ाने फिर से शुरू करने की भी घोषणा की गई है। वीजा छूट से लेकर रक्षा सौदों और समुद्री मार्गों की बहाली तक, ऐसे कदम उठाए गए हैं, जो ढाका को इस्लामाबाद के ज्यादा करीब लेकर जा रहे हैं।
दरअसल, हसीना को शरण देने के नई दिल्ली के फैसले ने ढाका को नाराज कर दिया। दूसरी ओर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों और इस्कॉन के पूर्व पुजारी चिन्मयकृष्ण दास की गिरफ्तारी से भी भारत से तनाव बढ़ा हैं।करेंसी नोट से शेख मुजीबुर्रहमान के फोटो हटाए शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के संस्थापक और राष्ट्रपिता होने के साथ ही शेख हसीना के पिता भी हैं। वे 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में एक प्रमुख नेता थे, जिन्होंने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाई थी। मुहम्मद यूनुस सरकार ने मुजीबुर्रहमान की फोटो हटाने के लिए 20, 50, 100, 500 और 1,000 टका (बांग्लादेशी करेंसी) के नोट बदलने के आदेश दिए हैं। अगले 6 महीनों में नए नोट मार्केट में आ जाएंगे। सरकार ने राष्ट्रपति भवन से मुजीबुर्रहमान की तस्वीरें पहले ही हटा दी हैं। उनके नाम से जुड़ी छुट्टियां रद्द कर हैं। उनकी मूर्तियों को भी तोड़ दिया गया है। बांग्लादेश पाकिस्तान वीजा समझौता2019 में शेख हसीना की सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य किया था। इसके बिना वीजा नहीं मिल सकता था लेकिन अब बांग्लादेश ने अब यह प्रोसेस खत्म कर दिया है।
बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने विदेश में सभी मिशनों को संदेश भेजा है, जिसमें उन्हें पाकिस्तानी नागरिकों और पाकिस्तानी मूल के लोगों के लिए वीज़ा की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले सितंबर की शुरुआत में, इस्लामाबाद ने भी घोषणा की थी कि बांग्लादेशी बिना किसी वीजा शुल्क के पड़ोसी देश की यात्रा कर सकेंगे। इसके अलावा, दोनों देशों ने सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने की भी घोषणा की है।पाक से सीधे समुद्री संपर्क की शुरुआतइससे पहले नवंबर 2024 में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सीधे समुद्री संपर्क की शुरुआत हुई। पाकिस्तान के कराची से एक कार्गो शिप बंगाल की खाड़ी होते हुए बांग्लादेश के चटगांव पोर्ट पर पहुंचा था। तब ढाका में मौजूद पाकिस्तान के राजदूत सैयद अहमद मारूफ ने कहा, यह शुरुआत पूरे बांग्लादेश में व्यापार को बढ़ावा देने में एक बड़ा कदम है। हथियारों का व्यापारबांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 40,000 राउंड तोपखाना गोला-बारूद, 2,000 राउंड टैंक गोला-बारूद, 40 टन आरडीएक्स विस्फोटक और 2,900 उच्च-तीव्रता वाले प्रोजेक्टाइल मंगाए थे। हालांकि यह गोला-बारूद का पहला ऐसा ऑर्डर नहीं था लेकिन संख्या सामान्य से कहीं ज़्यादा थी। भारत को सतर्क होने की जरुरतबांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार भारत के लिए चिंता की बात है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बांग्लादेश तीन तरफ से भारत से घिरा हुआ है और भारत अपनी सबसे लंबी सीमा (4,097 किलोमीटर) बांग्लादेश के साथ साझा करता है।
इसके माध्यम से माल और लोगों को आसानी से लाया-ले जाया जा सकता है। यह नई दोस्ती सीमा पार उग्रवाद और तस्करी को बढ़ावा दे सकती है।फिर भी आसान नहीं भारत को नजरअंदाज करनादोनों देशों के बीच राजनीतिक और सामाजिक रिश्तों में खटास जरूर आई है लेकिन आर्थिक रिश्ते पहले की तरह अब भी मजबूत हैं। कोई भी सरकार देश चलाने के लिए दूसरे देशों के साथ आर्थिक रिश्ते हमेशा मजबूत रखती है ओर भारत और बांग्लादेश के बीच पानी, बिजली, जूट, आलू, चावल, चाय, कॉफी, सेरामिक्स, सब्जियों, दवाओं, प्लास्टिक, गाड़ियों जैसी चीजों का इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पहले की तरह होता आ रहा है।इसके अलावा पश्चिम- विशेष रूप से अमेरिका – दक्षिण एशिया को भारतीय चश्मे से देखता है और अमेरिका बांग्लादेश के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी है। भारत जिस तरह दुनिया में एक ताकतवर देश की छवि बना चुका है। ऐसे में भारत से जंग करना बांग्लादेश के लिए आसान नहीं होगा। हां, बांग्लादेश चीन और पाकिस्तान की मदद से भारत की बॉर्डर पर तनाव जरूर पैदा कर सकता है।
– राजेश जैन