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कविता

जीवन का संदेश यही है

जीवन का संदेश यही है ,
बात करो – तुम तारों से।
ऊंचा देखो- ऊंचा सोचो,
न उलझो नीच विचारों में।।

लड़ो साहसी योद्धा बनकर,
अंधियारी तुम रातों से।
जो भूत नहीं माने बातों से,
मनवा दो उसको लातों से।।

यश की चादर ओढ़ बढ़ो तुम,
पड़ताल व्योम की करने को।
करतल-पृष्ठे पुण्य करो तुम,
करताल ओ३म की झरने दो।।

मन में साहस और धैर्य ,
कृतित्व में धर्म की अभिव्यक्ति।
व्यक्तित्व शालीन विनम्र बने,
वही हो भक्ति – वही हो शक्ति।।

हृदय में दया की धारा हो,
अंत:करण रहे कृतज्ञ सदा।
सद्भाव का झरना झरता रहे,
हो कृति में ‘होता’ भाव सदा।।

– डॉ राकेश कुमार आर्य
(लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता हैं)

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