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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

गौतम अडानी पर अमेरिका में मुकदमा

गौतम अडाणी पर अमरीका में दो मुकदमे अमरीका की सरकार ने दायर किये हैं,दोनों में आरोप एक ही है कि अडाणी के मोबाइल फोन से भारत सरकार के अधिकारियों को घूस देने की बात की गयी और अडाणी के विण्डो कम्प्यूटर में माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल के स्प्रेडशीट में भी घोटालों के साक्ष्य हैं ।

अडाणी ने घोटाला किया वा नहीं यह तो न्यायालय जाँच के पश्चात ही तय करेगा,किन्तु अमरीका का न्यायालय बेईमान है यह सिद्ध हो चुका है,क्योंकि मुकदमा लेते समय न्यायालय ने यह नहीं पूछा कि माइक्रोसॉफ्ट दावा करती है कि उसके सॉफ्टवेयर की हैकिंग कोई नहीं कर सकता तो इसका अर्थ यह हुआ कि माइक्रोसॉफ्ट ने स्वयं अडाणी के कम्प्यूटर से गोपनीय दस्तावेज चुराकर अमरीका की सरकार को दिया,और न्यायालय ने यह भी नहीं पूछा कि एक भारतीय दूसरे भारतीय से फोन पर बतियाता है तो उसकी रिकार्डिंग किसने की और अमरीकी सरकार तक क्यों पँहुचाई । स्पष्ट है कि किसी भारतीय टेलाकॉम कम्पनी ने फोन की अवैध रिकार्डिंग की और विदेशी सरकार को दी ।

कोई भारतीय टेलाकॉम कम्पनी ऐसा स्वीकार ही नहीं करेगी,क्योंकि तब उस कम्पनी पर मुकदमा होगा और कम्पनी बन्द करायी जा सकती है,उस कम्पनी के सारे ग्राहक भड़क जायेंगे ।

माइक्रोसॉफ्ट भी न्यायालय में यह स्वीकार नहीं कर सकती कि उसने अडाणी के कम्प्यूटर से अडाणी की कम्पनी के संवेदनशील डैटा चुराये ।

यह दूसरी बात है कि अमरीका के न्यायाधीश मुकदमा करने वालों से पूछेंगे ही नहीं कि उनलोगों ने अवैध तरीकों से डैटा क्यों चुराये,क्योंकि न्यायाधीश को पता है कि किसी डैटा की चोरी नहीं हुई और फर्जी दस्तावेज बनाकर बाइडेन की सरकार ने मुकदमा किया है । बाइडेन के ह्वाइट हाउस में कोकीन बरामद हुआ उसपर मुकदमा भी दायर नहीं किया गया!

परन्तु भारत सरकार एवं मीडिया भारतीय के डैटा की चोरी अमरीका द्वारा किये जाने पर मौन है जिससे सिद्ध है कि अभी भी भारत पर ईस्ट इण्डिया कम्पनी (IASलॉबी) का राज है ।

अमरीका पर भी उसी डीप स्टेट का राज है जिसकी शाखा ईस्ट इण्डिया कम्पनी है,क्योंकि वहाँ भी सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रश्न नहीं उठाया कि हाल के राष्ट्रपति चुनाव में जब ट्रम्प अवैध घुसपैठियों का विषय उठा रहे थे तब बाइडेन की पार्टी के प्रभुत्व वाले राज्यों में मतदाता को पहचानपत्र नहीं दिखाने की छूट क्यों दी गयी!अखिलेख यादव भी ऐसी ही छूट चाहते हैं । अमरीकी चुनाव में भयानक धाँधली हुई,किन्तु ट्रम्म के पक्ष में ऐसी आँधी थी कि धाँधली के बावजुद मोहतरमा कमाला हार गयी । जाते जाते बाइडेन रूस और भारत को सबक सिखाना चाहते हैं । हिण्डेनबर्ग की फर्जी रिपोर्ट भी अडाणी को नष्ट नहीं कर सकी तो अब नया आक्रमण किया है ।

किन्तु भारत में अम्बानी,बिड़ला आदि भी तो हैं,केवल अडाणी पर तोप क्यों?बिड़ला के निजी जेट पर केजरीवाल घूमते हैं,अडाणी ऐसी छूट नहीं देते!कई भारतीय सेठ और नेता भी अमरीकी डीप स्टेट से मिले हुए हैं ।

अडाणी पर मुकदमा होने से भारत नष्ट हो जायगा?

भारतीय अधिकारियों को २१०० करोड़ घूस की बात पचती नहीं है,दस−बीस करोड़ घूस तो अधिकारियों को पच सकता है । स्पष्ट है कि घूस की राशि मोदी तक पँहुची है यह बाइडेन कहना चाहते हैं ।

मोदी पर कुछ लोग आरोप लगा सकते हैं कि ५६ इञ्च का होता तो अमरीका पर मुकदमा करता । किन्तु मोदी की कार्यशैली जटिल है,अभी कार्यवाई करेंगे तो पप्पू हल्ला करेगा कि मोदी अडाणी को बचाना चाहते हैं । मोदी उचित समय पर कार्यवाई करेंगे,और इसका आभास भी नहीं देंगे कि उपरोक्त घटना के कारण कार्यवाई हुई ।

मोदी तो डीप स्टेट की कब्र खोदने की योजना पहले ही बना चुके हैं और उसपर कार्यवाई आरम्भ कर चुके हैं,बाइडेन उसी से झुँझलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को क्षति पँहुचाना चाहता है ।

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