अतीत हिंद का इन गुब्बारों से पूछो। वो क्या दबदबा था, इन सितारों से पूछो ।।
हर गृहस्थ को प्रतिदिन पंच महायज्ञ करने के लिए कहा हैधर्मशास्त्रों ने भी : श्रद्धानंद जी महाराज
सूरजपुर स्थित आर्य समाज मंदिर में चल रहे 8 दिवसीयऋग्वेद पारायण महायज्ञ-2019 के चौथे दिन, बुद्धवार, 11 सितंबर-2019 प्रातः 8 बजेः वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहूतिदी गई, साथ ही विद्वानों ने प्रवचन व भजनों के द्वारा अपनेविचार प्रस्तुत किए। प्रातःकाल यज्ञमान प0 कर्मवीर आर्य, धर्मपत्नी निधि आर्य और सांयकाल में अतुल शर्मा और लोकेशआर्य दंपत्ति ने यज्ञमान के रूप में आहूति प्रदान की। इस मौकेपर स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज ने अपने प्रवचनों में पंचमहायज्ञ पर प्रकाश डालते हुए कि धर्मशास्त्रों ने भी हर गृहस्थको प्रतिदिन पंच महायज्ञ करने के लिए कहा है। नियमित रूपसे इन पंच यज्ञों को करने से सुख–समृद्धि व जीवन में प्रसन्नताबनी रहती है। इन महायज्ञों के करने से ही मनुष्य का जीवन, परिवार, समाज शुद्ध, सदाचारी और सुखी रहता है। उन्होंनेकहा कि पर्याप्त धन–धान्य होने पर भी अधिकांश परिवारदुःखी और असाध्य रोगों से ग्रस्त रहते हैं, क्योंकि उन परिवारोंमें पंच महायज्ञ नहीं होते। मानव जीवन का उद्देश्य धर्म, अर्थ,काम व मोक्ष की प्राप्ति है। इन चारों की प्राप्ति तभी संभव है, जब वैदिक विधान से पंच महायज्ञों को नित्य किया जाए। पंचमहायज्ञ का उल्लेख ’मनुस्मृति’ में मिलने पर भी उसका मूलयजुर्वेद के शतपथ ब्राह्मण हैं। इसीलिए ये वेदोक्त है। जोवैदिक धर्म में विश्वास रखते हैं, उन्हें हर दिन ये 5 यज्ञ करतेरहने के लिए चाहिए। ब्रह्मयज्ञ (स्वाध्याय),देवयज्ञ(होम),पितृयज्ञ (पिंडक्रिया),भूतयज्ञ (बलि वैश्वेदेव) औरअतिथियज्ञ मुख्य हैं। देहरादून से आए भजनोपदेशक सतपालसरल ने भजन प्रस्तुत करते हुए कहा कि ’’अतीत हिंद का इनगुब्बारों से पूछो। वो क्या दबदबा था, इन सितारों से पूछो।।’’आचार्य कर्ण सिंह ने भी वेद और संस्कृति पर अपने विचारप्रस्तुत किए। यज्ञ ब्रहमा के रूप में स्वामी श्रद्धानंद जीमहाराज पलवल (हरियाणा) रहे। जब कि वेद मंत्रोच्चर गौमतगुरूकुल उत्तर प्रदेश से आए कमल कुमार शास्त्री औरब्रहमचारी विकास कुमार आर्य ने किया।
ऋग्ग्वेद पारायण महायज्ञ-2019 की ं आहूति देने वालों मेंमूलचंद शर्मा, प0 धर्मवीर आर्य, वीरेश भाटी, प0 शिवदत्तआर्य, प0 शिव कुमार आर्य, प0 महेंद्र कुमार आर्य, रतनलालआर्य, श्रीमती लीना आर्य, अनिल आर्य, रामजस आर्य, विमलेश आर्य, वेदप्रकाश आर्य, भारती शर्मा आदि ं लोगउपस्थित रहे।
मुख्य संपादक, उगता भारत