गाजियाबाद।( विशेष संवाददाता ) यहां कवि नगर स्थित गुर्जर भवन में गुर्जर समाज की प्रतिष्ठित पत्रिका गुर्जर जागरण का गुर्जर प्रतिभा सम्मान समारोह पूरी भव्यता के साथ संपन्न हो गया। इस अवसर पर गुर्जर समाज की अनेक प्रतिभाओं और समाजसेवी लोगों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए पत्रिका के संपादक श्री धर्मवीर सिंह नागर ने बताया कि पत्रिका प्रतिवर्ष अपने वार्षिक कार्यक्रम के अवसर पर गुर्जर समाज की प्रतिभाओं का सम्मान करती है। जिसके पीछे गुर्जर समाज के बच्चों में और भी अधिक लगन और प्रतियोगी भावना पैदा करना है। उन्होंने बताया कि गुर्जर समाज का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। जिसकी परंपराओं को जानबूझकर भारत के इतिहास से विलुप्त कर दिया गया है। आज उनके पुनर्जागरण की आवश्यकता है। पत्रिका का उद्देश्य भी यही है कि गुर्जर अपने गौरवपूर्ण अतीत को समझे और वर्तमान को संवारकर भविष्य को स्वर्णिम बनाने की योजनाओं पर काम करे। आज के बच्चे कल के राष्ट्र के कर्णधार हैं । उनके भीतर देशभक्ति की पवित्र भावना पैदा करना और अपने पूर्वजों के प्रति गर्व और गौरव का बोध कराना हम सब का सामूहिक लक्ष्य है। पत्रिका अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित है और भविष्य में भी इसी लक्ष्य को केंद्रित करते हुए समाज सेवा के अपने महत्वपूर्ण कार्य को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करती रहेगी।
इस अवसर पर गुर्जर समाज के वरिष्ठ नेता प्रशांत चौधरी ने कहा कि गुर्जर समाज प्रत्येक क्षेत्र में बढ़-चढ़कर राष्ट्र की सेवा में संलग्न है। नई पीढ़ी भी अपने दायित्व का निर्वाह करने के लिए तैयार है। आवश्यकता केवल इतनी है कि हम सब उन्हें समुचित संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनका सही मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि आज हम सबको सामूहिक प्रयास करते हुए नए समय की नई चुनौतियां का सामना करना है। इसी क्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए लोनी के जुझारू विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि हमें समय रहते देश की परिस्थितियों को समझना होगा और अपने युवाओं का उसी दृष्टिकोण से निर्माण करना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सेवा के लिए गुर्जर समाज ने हमेशा बढ़ चढ़कर योगदान और बलिदान दिया है। हम आज भी अपनी युवा पीढ़ी को देशभक्ति का पाठ पढ़ाते हैं और उनसे अपेक्षा करते हैं कि वह भी आगे चलकर अपने पूर्वजों के सम्मान को बचाने के लिए प्राणपण से कार्य करेंगे।जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र भाटी ने गुर्जर समाज के गौरवशाली इतिहास पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस बिरादरी ने धन सिंह कोतवाल, योगराज सिंह गुर्जर, रामप्यारी गूजरी जैसे क्रांतिकारियों और वीरांगनाओं को जन्म दिया हो, उसके इतिहास के साथ की गई छेड़छाड़ एक अक्षम्य अपराध है। जिसे वर्तमान पीढ़ी को एक चुनौती के रूप में लेना होगा।
सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य ने इस अवसर पर कहा कि गुर्जर समाज के बहादुर क्रांतिकारियों ने इतिहास के अनेक अवसरों पर राष्ट्र की सेवा करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि विजयनगर राज्य को मजबूती देने वाले हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिन वीर योद्धाओं को वहां भेजा गया था, उनमें एक गुर्जर शिवदयाल सिंह भी सम्मिलित थे। जिन्होंने वहां पर लोगों को मुगलों से युद्ध करने की रणनीति सिखाई थी। तैमूर के साथ हुए युद्ध में योगराज सिंह गुर्जर बलिदान हुए। जिनकी 80000 की सेना थी। योगराज सिंह गुर्जर 15 सेर का खांडा लेकर युद्ध में उतरते थे। उनकी 80000 की योद्धाओं की सेना में 18 से 28 वर्ष के 40000 युवा थे। इस सेना में मामचंद गुर्जर को सेनापति और सूबेदार मांडू गुर्जर व शंभू गुर्जर को सहायक सेनापति बनाया गया था। फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल में बलिदानी 210 लोगों का जत्था था। जिसे सर्वखाप पंचायत ने दिल्ली भेजा था। जिसमें 15 गुर्जर सम्मिलित थे। इसमें बादशाह के आदेश से जिन लोगों ने अपना अग्नि में कूद कर बलिदान दिया था, उन्होंने राम सिंह गुर्जर भी सम्मिलित थे। डॉ आर्य ने इतिहास की परत खोलते हुए बताया कि 1355 में शाहदरा गाजियाबाद में एक बैठक हुई थी। जिसे अलाउद्दीन खिलजी ने चंगेजी मुगलों के विरुद्ध बुलवाया था। 38000 व 37000 के दो सैन्य दल उस समय तैयार किए गए थे। उनके प्रमुख सलाहकार दलेल सिंह गुर्जर थे। डॉ आर्य ने कहा कि इस प्रकार के इतिहास को देश के प्रचलित इतिहास में कहीं स्थान नहीं दिया गया है। आज की युवा पीढ़ी का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें समय रहते अपने सही इतिहास की जानकारी लेनी चाहिए।
इस अवसर पर विजयपाल सिंह कसाना ने भी युवाओं का आवाहन करते हुए कहा कि वह देश की सबसे बड़ी निधि हैं ।जिन्हें अपने आप को राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित करना चाहिए। आज की भाग दौड़ की जिंदगी में से कुछ समय निकाल कर आर्य संस्कारों के प्रति भी गहरी रुचि लिया जाना समय की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में प्रोफेसर धनपाल सिंह ( एकेडमिक मेंबर यूनिवर्सिटी आफ दिल्ली) सत्यदेव महादेव महाराज ( गुरुकुल आश्रम शाहजहांपुर ) चौधरी टीकम नागर ( रागनी गायक ) कर्मवीर नागर ( अध्यक्ष गुर्जर भवन बागपत ) प्राध्यापक देवेंद्र सिंह नागर, गुर्जर समाज के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में समाज की सेवा करने वाले जगत सिंह नागर एडवोकेट आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये और गुर्जर जागरण पत्रिका के गुर्जर समाज के जागरण में महत्वपूर्ण योगदान की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। कार्यक्रम में श्री गजय संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूपचंद नागर, मनवीर सिंह भाटी, मनुपाल सिंह, श्री देवेंद्र सिंह प्रधानाचार्य अमरोहा, नरेंद्र कटारिया , कविता पाटीदार इंदौर, आदेश कुमार सहित महेंद्र सिंह आर्य ,अनिल भाटी, वरुण कुमार गुर्जर, अमन आर्य सहित अनेक गणमान्य लोग़ उपस्थित थे। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उन अनेक प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में 85% से अधिक अंक प्राप्त किए थे। इस संबंध में डॉ देवेंद्र सिंह नागर द्वारा बताया गया कि सैकड़ो विद्यार्थियों को इस श्रृंखला में सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त अनेक समाजसेवी लोगों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन गुर्जर समाज के शिक्षाविद श्री राजपाल सिंह कसाना द्वारा किया गया। जिन्होंने गुर्जर समाज के क्रांतिकारी बलिदानियों के प्रेरणास्पद जीवन पर भी अपना महत्वपूर्ण प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में श्री धर्मवीर सिंह नागर द्वारा सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।