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इतिहास के पन्नों से

मोपला नरसंहार पर गैर कांग्रेसी नेताओं के विचार

लेखक :– चौधरी छोटूराम (उस समय युनिनिस्ट पार्टी के नेता)
मद्रास राज्य(वर्तमान केरल) के मालाबार में सन 1921-22 में मोपला जाति के मुस्लिमो द्वारा 10000 से अधिक हिन्दुओ का कत्लेआम किया गया था। उनके बचाव में आये सैकड़ो ब्रिटिश भी मौत के घाट उतार दिए गए थे। ये दंगा हिंदुस्तान के इतिहास में सबसे बड़े दंगो में से एक था। पर मुस्लिम नेताओं की मुस्लिमो के इस के समर्थन व कांग्रेसी सेक्युलर नेताओ की इस पर चुप्पी ने स्वामी श्रदानंद, लाला लाजपत राय , सावरकर व भाई परमानंद जैसो को हिन्दू हित आधारित राजनीति पे सोचने को मजबूर कर दिया था। खुद छोटूराम जैसे नेता इन दंगों पर मुस्लिम नेताओं व सेक्युलरो के रवैये से हैरान थे। वे हिन्दू मुस्लिम एकता की झूठी एकता से क्षुब्ध थे। जिसपर उन्होंने जाट गजट 14 जून 1922 को अपना लेख लिखा था। जिसका कुछ हिस्सा इस प्रकार है :–
‘ हिन्दू मुस्लिम एकता का अर्थ यह है कि हिन्दुओ व मुस्लिमो की सामान्य आबादी के बीच मेल मिलाप व आपसी मोहब्बत हो । वे एक दूसरे से ऐसे ही प्रेम करे व व्वयहार करे जैसे खुद के धर्मी से करते है। स्वराज को प्राप्त करने व स्थापित करने के लिए भी हिन्दू मुस्लिम एकता जरूरी है। इस पर कोशिश भी काफी की जा रही है पर सच ये है कि दोनों के बीच कोई एकता नही है। केवल सांझे दुश्मन अंग्रेज़ो के नाम पे व राजनीतिक हितों के नाम पे एकता बनाई गई है। इस्लामी जलूसों या रामलीला आदि पर एक दूसरे का सहयोग भी दिखावटी ज्यादा होता है। जबकि सच्चाई कुछ ओर ही है जिसके कुछ उदाहरण मैं दे रहा हु —
(1) हिन्दू मुस्लिमो के झग़डे का सबसे बड़ा कारण गोहत्या है । मुस्लिमो के अनुसार कुर्बानी अनिवार्य नही है केवल अनुमति है। अगर वे चाहे तो इसे त्याग भी सकते है। पर क्या मुस्लिमो ने हिन्दुओ की भावनाओ के बारे सोचकर इसको अपनाया ??
(2) बिहार के आरा दंगो में मुस्लिमो को जो सजाए हुई उनपर दया के लिए हिन्दुओ तक ने समर्थन किया पर कतारपुर दंगो के दोषी हिन्दुओ की सज़ा माफी के लिए इस्लामी प्रेस, इस्लामी अंजुमनों व मुसलमान नेताओ ने विरोध किया।
(3)नॉकरी के मामले में प्रत्येक मुसलमान अफसर नियुक्ति व उन्नति के सम्बन्द में मुस्लिम उम्मीदवार की खुली मदद करता है। व हिन्दुओ को पीछे करने में बिल्कुल नही हटता। हिन्दुओ में भी ये प्रवर्ति है पर वे अपनी प्राकृतिक कमजोरी(?) के कारण कुछ नही कर पाते।
(4)मियां फजली हुसैन(शिक्षा मंत्री पंजाब) ने अपने विभागों में आदेश जारी कर दिए है कि इतने % मुस्लिम रखे जाए व इसी पर बस नही किया बल्कि लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज के लिए भी यह आदेश जारी कर दिया कि इसमें 40% मुस्लिम भर्ती किये जायें। जबकि परीक्षा पास करने वाले मुस्लिम विद्यार्थियों की संख्या 20% से ज्यादा नही होती।
(5)#सरहदी_पठान हमेशा #हिन्दुओ को लूटते है। इनको उठा ले जाते है । व बहुत से पैसा लेकर रिहा करते है नही तो इस्लाम कबूल करवाते है या जान से मार देते है या जवान खूबसूरत ओरतो व लड़कियों से ब्याह कर लेते है।
(6) #मद्रास में मोपलो ने हिन्दुओ के साथ अत्याचार किये। उनके रिश्तेदारों के सामने उनकी लड़कियों का बलात्कार किया गया व जिन्होंने आंखे बंद की तो उनकी खंजर की नोक पे आंखे खोली गई ताकि वे जबरन बलात्कार देखे। गर्भवती महिलाओं की हत्या कर दी गयी। जवान महिलाओं से जबरन निकाह किया गया। हज़ारो धनी घरानों को लूटकर तबाह कर दिया गया। हज़ारो को जबरन मुस्लिम बना दिया गया। सैकड़ो को मारकर उनकी लाशों से कुए भर दिए गए। हिन्दुओ के मंदिर तोड़ व अपवित्र कर दिए गए।
इसके बावजूद भी कुछ बड़े मुसलमान नेताओ ने उनके धार्मिक जोश की प्रशंसा की व मुस्लिम लीग के खुले अधिवेशन में मुबारकबाद का प्रस्ताव पास करवाया परन्तु पीड़ित हिन्दुओ के लिए एक शब्द नही कहे।
(7) हर मुसलमान को दूसरे मुसलमान से चाहे वो तुर्की हो या अफगानी फ़ारसी हो या चीनी चाहे कही का हो उसे एक गैर मुस्लिम की तुलना में एक मुस्लिम से बेहद ही ज्यादा मोह्बत व हमदर्दी है। जिनकी (मुस्लिम कौम की)वैश्विक इस्लस्मिक सत्ता के लिए इतनी मोहब्बत हो जो टर्की(खलीफा) के लिए सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हो जिनमे देश प्रेम से ज्यादा इस्लामी सत्ता की भावना प्रबल हो उनके साथ इस समय एकता को मजबूत कहना सरासर गलती होगी। ‘ ——-
चौधरी छोटूराम , जाट गजट 14 जून 1922 पेज नम्बर 11-12, Sir Chhoturam : writings and speeches volume 4
प्रस्तुतकर्ता – गुरप्रीत चहल

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