मुसलाम्मान कहते हैं कि अल्लाह ने स्रष्टि से लेकर मुहम्मद के समय तक एक लाख से अधिक नबी और रसूल दुनिया में भेजे हैं .और कई रसूल ऐसे भी थे जिनको अल्लाह ने किताबें भी दी थी .और मुहम्मद अल्लाह का आखिरी रसूल और कुरान अल्लाह की आखिरी किताब है .इसके बाद सिलसिला बंद हो गया .इसका अर्थ है कि कुरआन अटल है .जो कुरान के आसेशों का उल्लंघन करेगा वह काफिर हो जाएगा .और दोजख में जायेगा .हरेक के लिए कुरान का आदेश मानना जरूरी है ,चाहे वह कोई भी हो .कुरआन के आदेश अल्लाह के आदेश हैं .
लेकिन खुद को अल्लाह का आखिरी रसूल बताने वाले मुहम्मद ने अपने जीवन में कुरान में दिए गए अल्लाह के आदेशों का कई बार खुल्लमखुल्ला उल्लंघन किया था .इससे पाहिले किसी नबी या रसूल ने ऐसा करने की हिम्मत नहीं कि थी .
थोड़े से उदाहरण दिए जा रहे है ,लोग फैसला करें कि मुहम्मद को काफिर क्यों नहीं माने ?
पहिले कुरआन के आदेश दिए गए हैं ,फिर उल्लंघन का हवाला हदीसोंसे दिया गया है सभी हदीसें प्रमाणिक हैं .
1 -रोजे की हालत में सेक्स किया
आदेश -“तुम्हारे लिए रोजे की रातों में अपनी स्त्रियों के पास जाना हराम है ”
सूरा -बकरा 2 :187
उल्लंघन -रसूल ने रोजे कि हालत में अपनी पत्नी उम्मे सलाम को चूमा और शारीरिक सम्बन्ध बनाया .उस समय उम्मे सलमा अपनी माहवारी से थी .
बुखारी -जिल्द 1 किताब 6 हदीस 319
“उम्मे सलाम ने कहा कि ,रसूल रोजे से थे और मेरा महीना चल रहा था .रसूल ने मुझे एक ऊनी लिहाफ में लिटा लिया और फिर मेरे कपडे उतारवा दिए,और अपने कपडे उतार दिए .फिर हमने मिल कर एक मिट्टी के बड़े से बर्तन Jambaa में नहाया .और रसूल मुझे चूमते रहे .
बुखारी -जिल्द 3 किताब 31 हदीस 149
“आयशा ने कहा कि रसूल रोजे की हालत में भी अपनी औरतों आलिंगन में लेकर उनको चुमते थे .और वे रोजे हालत में मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूसते थे.सुन्नन अबू दौउद -किताब 13 हदीस 2380
2 -शादी में मेहर नहीं दिया
आदेश -“और तुम अपनी औरतों को शादी के समय उनका मेहर हैसियत के मुताबिक़ दो “सूरा -अन निसा 4 :4
उल्लंघन -“रसूल ने साफिया बिन्त हुयेय्य नामकी औरत से शादी की ,जिसे खैबर के युद्ध में पकड़ा गया था ,रसूल पाहिले उसके साथ तीन दिनों तक सम्भोग किया था
.बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 523
“अनस बिन मालिक ने कहा कि ,खैबर से लौटते समय रसूल ने रस्ते में ही साफिया को अपनी पत्नी घोषित कर दिया था .और उसपर एक चादर डाल दी थी .फिर तीन दिनों तक उसके साथ सम्भोग किया .
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 524
“अनस बिन मालिक ने कहा कि खिबर से लौटते समय रसूल रास्ते में तीन दिन रुके ,और साफिया से मुसलमान बनाने को कहा .फिर लोगों से कहा कि आज से यह ईमान वालों की माँ (उम्मुल मोमिनीन )है .फिर रसूल के गुलाम बिलाल ने खजूर की चटाई बिछाई और रसूल ने साफिया पर चादर डाल कर उस से सबके सामने सम्भोग किया .अबू दाउद-जिल्द 2 किताब 11 हदीस 2118
“अनस ने बिन मालिक ने कहा की ,जब रसूल साफिया के साथ सम्भोग की तय्यारी कर रहे थे तो ,उस्मान ने कहा कि साफिया कुंवारी नहीं है .उसकी शादी हो चुकी है .रिवाज के अनुसार उसकी इद्दत पूरी नहीं हुई है .लेकिन रसूल नहीं माने .
मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3326
3 -विधवा से शादी के समय इद्दत का नियम तोड़ा
आदेश -“और तलाक पायी गयी औरतें अपनी तीन माहवारी तक अपने को प्रतीक्षा में रखें “सूरा बकरा -2 :228
आदेश -“विधवा औरतें अपने अप को तीन महीने और दस दिनों तक परत्त्क्षा में रखें ,फिर उसके बाद उनकी सामान्य नियमों के अनुसार शादी की जा सकती है .
सूरा -बकरा 2 :234
उल्लंघन -अनस बिन मालिक ने कहा कि जब रसूल ने साफिया के पति को क़त्ल करवा दिया तो ,वह विधवा हो गयी थी .साफिया काफी सुन्दर थी .रसूल कि नजर उस पड़ी तो .रसूल ने साफिया को पकड़ कर अपने साथ ऊंट पर बिठा लिया .और जब खैबर से मदीना जाने लगे तो रास्तेमे ऊंट को रोका और लोगों से बोले यह मेरी पत्नी है .”
बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 143
4 -अनुमति से अधिक औरतें रखीं
आदेश -“और इतनी औरतों के बाद अतिरिक्त औरतें रखना तुम्हारे लिए हराम है .और यह जायज नहीं है कि तुम अपनी पत्नियों को बदल कर दूसरी औरतें ले आओ .चाहे उनकी सुन्दरता तुम्हें कितनी भी भाये ”
सूरा -अहजाब 33 :52
उल्लंघन -इतिहास से सिद्ध है कि ,कुरान के इस आदेश पर लात मार कर मुहम्मद ने 43 औरतें राखी थीं .
(पूरा विवरण विस्तार से अगले लेख में दिया जाएगा )
5 -अपने दोस्त की सजा माफ़ कर दी
आदेश -व्यभिचार करने वाले पुरुष और स्त्री दोनों में से हरेक को सौ कोड़े मारो .और अल्लाह के कानून के मामले में किसी को उन पर तरस नहीं आना चाहिए .
सूरा -अन नूर 24 :2
उल्लंघन -अनस बिन मालिक ने कहा की मैं रसूल के पास बैठा था .तभी लोग एक आदमी को रसूल के सामने लाये .उस पर व्यभिचार का आरोप था.रसूल उसको जानते थे ,वह रसूल के साथ नमाज पढ़ता था .उसने रसूल से पूछा की आप मुझे क्या सजा देंगे .रसूल ने उस से कहा जाओ मैंने तेरा अपराध माफ़ कर दिया
.बुखारी -जिल्द 8 किताब 82 हदीस 812
6 -औरतों पर बुरी नजर रखी
आदेश -हे ईमान वालो अपनी निगाहें नीची रखो ,और पवित्रता की रक्षा करो .और पवत्र बातें करो .
सूरा -नूर 24 :30
उल्लंघन -मुहम्मद अपनी चचेरी बहिन उम्मे हानी बिन अबू तालिब पर बुरी नजर रखता था .उम्मे हानी की शादी हिबैरा नामके व्यक्ति से हो चुकी थी .जब हिबैरा बाहर होता था ,तो मुहम्मद उम्मे हानी के साथ सोता था .जब यह बात लोगों को पता चली तो हिबैरा पत्नी के साथ नजरान चला गया .इस घटना से नाराज होकर कई लोगों ने इस्लाम छोड़ दिया था .तबरी -जिल्द 8 हदीस 186
इब्ने इशाक –पेज 184 बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 442
“अबू उसैद ने कहा की एक बार रसूल अश शौत नामके बाग़ में गए ,उसकी मालिकिन विधवा थी और सुन्दर थी . उसका नाम जुनैनिया था .रसूल ने उस से शादी का प्रस्ताव रखा ,लेकिन वह नहीं मानी .तब क्रोधित हो कर रसूल ने उसे मारा .गुस्से से जुनैनिया ने कहा ‘लानत है तेरे अल्लाह पर और लानत ऐसे रसूल पर ”
बुखारी -जिल्द 7 किताब 63 हदीस 182 बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 524 .बुखारी -जिल्द 9 किताब 87 हदीस 140
मुस्लिम -किताब 1 हदीस 1671 ,1674 और 1675 और
तबरी -किताब 8 किताब 59 हदीस 559
7 -मासिक धर्म की हालत में औरतों से विषयभोग
आदेश-“वे तुम से मासिक धर्म के बारे में पूछते है ,कह दो यह तो नापाकी है .तो माहवारी के दिनों में औरतों से दूउर रहो .और जब वे शुद्ध हो जाएँ तभी उनके पास जाओ .सूरा -बकरा 2 :222
उल्लंघन -आयशा ने कहा कि जिस समय मैं माहवारी में होती थी ,और मेरी योनी से स्राव बह रहा होता था ,रसूल उसी हालत में मेरे साथ सम्भोग कर लेते थे ,वे स्राव को पोंछ लेते थे .
बुखारी -जिल्द 1 किताब 6 हदीस 298
“आयशा ने कहा कि ,एक बार रसूल ने मुझ से मेरा इजार (एक वस्त्र )खोलने को कहा ,उस समय मेरा मासिक स्राव रिस रहा था .रसूल ने मेरे साथ एक बड़े बर्तन में नहाया .और मुझे प्यार (fondle )किया .फिर सम्भोग किया .
अबू दाऊद-किताब 1 हदीस 270
8 -हज्ज के कपड़ो(इहराम )को पहिन कर शादी की
आदेश -जिन लोगों ने हज्ज का इरादा कर लिया है (इहराम पहिन लिया )उनको हज्ज के दिनों में विषयभोग की बातें करना जायज नहीं हैं ”
सूरा -बकरा 2 :197
उल्लंघन -इब्ने अबास ने कहा कि रसूल उमरा (हज )के लिए मक्का जा रहे थे ,तभी उनको मैमूना बिन्त से शादी का प्रस्ताव मिला .रसूल ने उसे कबूल कर लिया .और इहराम पहिने हुए ही मैमूना से निकाह कर लिया .
तबरी -जिल्द 8 हदीस 136 .
मुस्लिम -किताब 1 हदीस 1671 ,1674 और 1675 और
अबू दाऊद -जिल्द 2 किताब 10 हदीस 1840
“मैमूना का पति मर गया था .इस शादी के समय रसूल कि आयु 53 साल और मैमूना की आयु 30 साल थी .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3284
बुखारी – जिल्द 5 किताब 59 हदीस 559 .और
सुन्नन नसाई -जिल्द 1 हदीस 43 पेज 130
9 -अपनी पत्नियों को तलाक दी
आदेश -हे रसूल तुम्हारे लिए यह जायज नहीं है कि तुम अपनी पत्नियों को तलाक देकर दूसरी औरतें ले आओ ,चाहे उनकी सुन्दरता तम्हें कितनी भी भाये ”
सूरा -अहजाब 33 :52
(इसी आयत की तफ़सीर (व्याख्या )में लिखा है “रसूल को अपनी पत्नियों को तलाक देना हराम था पेज 473 )
उल्लंघन -इसके बावजूद मुहमद ने इन औरतों को तलाक दी थी –
1 -उम्मे शरीक -इसका नाम गाज़िया बिन जाबिर था .इसका एक लड़का भी था ,यह विधवा थी
,तबरी -जिल्द 9 हदीस 139
2 -मुलायाका बिन दाऊद -इसने मुहम्मद से कहा था तुम मेरे पिता के हत्यारे हो ,इस लिए मुहम्मद ने तलाक दी .तबरी जिल्द 9 हदीस 165
3 -अल शनबा बिन्त अम्र -जब्मुहम्मद का पुत्र इब्राहीम मरा तो इसने कहा था कि अगर तुम सचमुच रसूल होते तो ,तुम्हारा बच्चा नहीं मरता .मुहम्मद ने शनबा को मारा और तलाक दे दिया .तबरी -जिल्द 9 हदीस 136
4 -अल आलिया बिन्त जबियान-यह हमेशा बीमार रहती थी ,इसलिए तलाक दिया .तबरी -जिल्द 9 हदीस 138
5 -अमरा बिन्त यजीद -इसे कोढ़ हो गया था ,इसलिए तलाक दी
.इब्ने माजा -जिल्द 3 हदीस 2054 और तबरी -जिल्द 9 हदीस 188
6 – कुतैला बिन्त कैस-इसके भाई ने इस्लाम छोड़ दिया .इसलिए तलाक दे दी .
तबरी -जिल्द 9 हदीस 138 और 138
7 -असमा बिन्त नौमान -इसको भी कोढ़ हो गया था .इसलिए तलाक दिया था
.तबरी -जिल्द 39 हदीस 187
बुखारी -जिल्द 7 किताब 63 हदीस 181 .और बुखारी -जिल्द 7 किताब 63 हदीस 180
10 -मुशरिक के जनाजे में दुआ की
आदेश -“नबी के लिए और ईमान वालों के लिए यह जायज नहीं है कि ,वे मुशरिकों लिए उनकी मगफिरत (आत्म शांति )के लिए दुआ करें ,और उनके पापों के लिए क्षमा मांगें .चाहे वह उनके रिश्तेदार ही क्यों न हों ”
सूरा -अत तौबा 9 :113
उल्लंघन -जब मुहम्मद के चाचा अबू तालिब का देहांत हुआ तो उम्मे अत्त्तिया ने रसूल से कहा ,जाओ अपने चाचा को दफ़न करो .मुहमद के साथ इब्ने उमरऔर इब्ने अब्बास के साथ और लोग भी थे .रसूल चाचा के जनाजे की नमाज पढ़ी .और उनके लिए दुआ मांगी .रसूल ने कहा की चाचा ने अपने जीवन में सच के सिवा कुछ नहीं कहा .अल्लाह उनको जन्नत में जरुर जगह देगा ”
तबरी -जिल्द 6 हदीस 81
बुखारी -जिल्द 2 किताब 5 हदीस 546
“इब्ने अम्र ने कहा कि,जब इथोपिया का ईसाई राजा नाज्जाशी ( Negus )मरा तो रसूल ने उसके जनाजे की गायबाना नमाज पढ़ी .और चार तकबीरें पढीं .और उसके लिए दुआ भी की .जनाजे की नमाज में सौ से अधिक लोग थे
.बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 337
“इब्ने जरीर ने कहा की जब अली की माँ और अबू तालिब की पत्नी (मुहम्मद की चची )की मौत हुई तो ,रसूल ने उसके जनाजे की नमाज पढी और उनके लिए दुआ मांगी .रसूल की चची “फातिमा बिन्त अस “मरते दम तक मुसलमान नहीं बनी .और मुशरिक बनी रही ”
बुखारी -जिल्द 1 किताब 9 हदीस 480
इन प्रमाणों से सिद्ध होता है कि मुहम्मद खुले आम कुरान के विरुद्ध काम करता रहा और खुद को अल्लाह का रसूल बता कर लोगों को मूर्ख बनता रहा था .मुल्ले मौलवी ज़रा ज़रा सी बात पर हर किसी को काफ़िर बता देते है .हमने इतने सबूत दिए हैं .अगर इन मुल्लों और इम्पेक्ट जैसे जिहादी ब्लोगरों में हिम्मत है तो इन सबूतों का खंडन करें ,आप किसी मुस्लिम विद्वान् से पूछिए कि फ़रिश्ते अजाजील यानि इब्लीस ने तो सिर्फ अल्लाह के एकहि आदेश का उल्लंघन किया था और अल्लाह ने उसे काफिर घोषित कर दिया था , जिसके कारन आज भी मुसलमान इब्लीस पर लानत करके हैं और उसके नाम पर बने स्तम्भ पर पत्थर मारते हैं ,लेकिब जब अल्लाह के रसूल ने 10 बार अल्लाह के आदेशों का उल्लंघन किया तो आप उनको क्या कहेंगे ?
.कि हम मुहम्मद को काफ़िर क्यों नहीं कहें ?
बाकी फैसला विद्वान् लोग खुद कर देंगे
(181/160)( 04/01/2011)
बृज नंदन शर्मा