दिव्य लोगों के जीवन में परमात्मा किस प्रकार अभिव्यक्त होते हैं?

oplus_262144

oplus_262144

दिव्य लोगों के जीवन में परमात्मा किस प्रकार अभिव्यक्त होते हैं?
आध्यात्मिक मार्ग पर सत्य का क्या महत्त्व है?

ऋतस्य देवा अनुव्रता गुर्भुवत्परिष्टिर्द्यौर्न भूम।
वर्धन्तीमापः पन्वा सुशिश्विमृतस्य योना गर्भे सुजातम्् ।।
ऋग्वेद मन्त्र 1.65.2 (कुल मन्त्र 749)

(ऋतस्य) सत्य का, वास्तविकता (देवाः) दिव्य लोग (अनु – गुः से पूर्व लगाकर) (व्रता) संकल्प (गुः – अनु गुः) प्राप्त करता है, अनुसरण करता है (भुवत्) किया गया (परिष्टिः) सत्य की खोज में (द्यौः) स्वर्ग लोक (न) जैसे कि (भूम) पृथ्वी (वर्धन्ति) बढ़ाते हैं, उत्साहित करते हैं (ईम) निश्चित रूप से (आपः) महान्, दिव्य लोग (पन्वा) प्रशंसा और महिमागान से (सुशिश्विम्) उत्तम गतिविधि, शिक्षा के साथ (ऋतस्य) सत्य का, वास्तविक का (योनौः) जीवन में (गर्भे) केन्द्र, आन्तरिक (सुजातम््) व्यक्त करता है।

व्याख्या:-
दिव्य लोगों के जीवन में परमात्मा किस प्रकार अभिव्यक्त होते हैं?

दिव्य लोग सत्य के संकल्पों को प्राप्त करके उनका अनुसरण करते हैं। इस प्रकार उनकी उस परम सत्य (परमात्मा) की खोज पूर्ण हो जाती है। वे धरती को एक स्वर्ग की तरह बना सकते हैं। ऐसे महान् और दिव्य लोग निश्चित रूप से परमात्मा की प्रशंसा और उसका महिमागान करके उसके प्रभाव को बढ़ाते हैं और उसका संवर्द्धन करते हैं। वे अन्य लोगों को शिक्षित करके दिव्यता की उत्तम गति पैदा करते हैं और अन्ततः उनके अपने जीवन में सर्वोच्च सत्य अर्थात् परमात्मा की अभिव्यक्ति होती है।

जीवन में सार्थकता: –
आध्यात्मिक मार्ग पर सत्य का क्या महत्त्व है?

आध्यात्मिकता का मार्ग सर्वत्र पूर्ण सत्यता पर आधारित है। यह सत्य से प्रारम्भ होता है, समूचा मार्ग सत्य होता है और इसका गन्तव्य स्थान भी सत्य ही होता है।
सर्वोच्च सत्य की अनुभूति प्राप्त करने के लिए सत्य मार्ग पर चलो।

सूक्ति:-
(ऋतस्य देवाः अनु व्रता) – दिव्य लोग सत्य के संकल्पों को प्राप्त करके उनका अनुसरण करते हैं।


अपने आध्यात्मिक दायित्व को समझें

आप वैदिक ज्ञान का नियमित स्वाध्याय कर रहे हैं, आपका यह आध्यात्मिक दायित्व बनता है कि इस ज्ञान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचायें जिससे उन्हें भी नियमित रूप से वेद स्वाध्याय की प्रेरणा प्राप्त हो। वैदिक विवेक किसी एक विशेष मत, पंथ या समुदाय के लिए सीमित नहीं है। वेद में मानवता के उत्थान के लिए समस्त सत्य विज्ञान समाहित है।

यदि कोई महानुभाव पवित्र वेद स्वाध्याय एवं अनुसंधान कार्यक्रम से जुड़ना चाहते हैं तो वे अपना नाम, स्थान, वाट्सएप नम्बर तथा ईमेल 0091 9968357171 पर वाट्सएप या टेलीग्राम के माध्यम से लिखें।

अपने फोन मैं प्लेस्टोर से टेलीग्राम डाउनलोड करें जिससे आप पूर्व मंत्रो को भी प्राप्त कर सके।
https://t.me/vedas4

आईये! ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति परमात्मा के साथ दिव्य एकता की यात्रा पर आगे बढ़ें। हम समस्त पवित्र आत्माओं के लिए परमात्मा के इस सर्वोच्च ज्ञान की महान यात्रा के लिए शुभकामनाएँ देते हैं।

टीम
पवित्र वेद स्वाध्याय एवं अनुसंधान कार्यक्रम
द वैदिक टेंपल, मराठा हल्ली, बेंगलुरू, कर्नाटक
वाट्सएप नम्बर-0091 9968357171

Comment: