परिवार का सुख और परमात्मा का सुख , सांसारिक सुख और आध्यात्मिक सुख दोनों कैसे प्राप्त करें …… (भाग -१)
(परिवार में प्रेम कैसे बढ़ायें )
१.प्रत्येक दिन सायंकाल परिवार के सभी सदस्य मिलकर ईश्वर की उपासना करें और सुबह जल्दी उठकर स्नान करके अकेले अकेले व्यक्तिगत उपासना करें ।
२.सायं उपासना भजन करने के बाद सब साथ में मिलकर भोजन करें। उपासना में ओंकार मंत्र, गायत्री मंत्र का समावेश अवश्य करें।
३.सुबह व्यक्तिगत उपासना न कर सकें तो सामूहिक हवन जरूर करें व इस समय सामूहिक संध्या उपासना भी कर सकते हैं ।
४.हवन के पश्चात् वेद के एक मंत्र का स्वाध्याय करें या सत्यार्थ प्रकाश , वाल्मीकि रामायण, गीता आदि किसी वैदिक ग्रंथ के एक पृष्ठ का स्वाध्याय करें।
५.पति पत्नी एक दूसरे के कार्यों में सहायता करें व एक दूसरे का सम्मान करें तथा एक दूसरे पर विश्वास करें ।
६.घर में विद्यमान माता पिता, सास ससुर आदि बड़ों की सेवा सत्कार करें व उनकी आज्ञा का पालन करते हुए उन्हें प्रसन्न रखें ।
७.परिवार के सभी सदस्य मधुर वाणी व्यवहार का प्रयोग करें ।
८.परिवार में सभी लोग परस्पर मिलकर प्रेम पूर्वक रहें , कोई भी सदस्य कभी भी कोई कठोर शब्द या अपमान जनक शब्दों का प्रयोग न करें।
९.आपसी संबंध के मध्य कभी भी अहंकार (इगो) को न आने दें।
१०.परिवार में बच्चों को धार्मिक सुसंस्कार प्रदान करें ,उन्हें वेद मंत्र, श्लोक, सूक्तियां आदि के माध्यम से नैतिक शिक्षा प्रदान करें।
११.धर्म पूर्वक ईमानदारी से धन अर्जित करें व अर्जित धन में से कुछ अंश दान पुण्य परोपकार में भी लगायें।
१२.परिवार सहित विद्वानों के पास सत्संग हेतु जायें अथवा घर पर विद्वानों को बुलायें में एवं उनका सत्कार सम्मान कर उनसे सदुपदेशों को ग्रहण करें ।
१३.पशु पक्षी आदि जीव जन्तुओं पर दया करें और उनके लिए भी भोजन दाना पानी आदि की व्यवस्था करें।
१४.उत्तम स्वास्थ्य हेतु प्रतिदिन सुबह शाम कभी भी थोड़ा समय आसन व्यायाम या भ्रमण के लिए जरूर निकालें।
१५.शारिरिक मानसिक आलस्य प्रमाद काम क्रोध आदि विकारों पर नियंत्रण रखें।
१६.परिवार सभी सदस्य मिलकर बैठकर योजना बना कर कोई भी भावी कार्य करें।