बंटेंगे तो कटेंगे की वास्तविकता और भारतीय राजनीति

-ललित गर्ग-

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह एवं महासचिव श्री दत्तात्रेय होसबोले ने हिंदू समुदाय को जाति और विचारधारा के आधार पर विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ लोगों को आगाह करते हुए समाज और लोक कल्याण के लिए ‘हिंदू एकता’ के महत्व पर भी जोर दिया है। अपने को बचाये रखने एवं दूसरों के मंगल के लिये हिन्दू एकता वर्तमान की बड़ी अपेक्षा है, इसलिये उन्होंने अपना विस्तृत दृष्टिकोण पेश करते हुए न केवल हिन्दू शब्द का विरोध करने वालों पर करारा प्रहार किया है, बल्कि देश में अराजकता का माहौल पैदा करने वाले मुस्लिम संगठनों पर भी सीधी चोट की है। विशेषतः नफरती एवं विघटनकारी सोच के लिये राहुल गांधी पर भी कड़ा प्रहार किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटोगे तो कटोगे’ बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वर्तमान हालात में हिन्दू एकता बनाए रखना आवश्यक है, क्योंकि कई जगहों पर धर्मांतरण की घटनाएं हो रही हैं। गणेश पूजा और दुर्गा पूजा के दौरान कुछ स्थानों पर हिन्दुओं पर हमले हुए हैं। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर तरह-तरह के अत्याचार हो रहे हैं। हिन्दुओं पर लगातार हो रहे हमलों एवं उन्हें विभाजित किये जाने की साजिशों को नियंत्रित करने के लिये हिन्दू को संगठित होना ही चाहिए। दत्तात्रेय ने जहां हिन्दुओं को जगाया वहीं राजनीतिक दलों की नींद उड़ा दी, विपक्ष विशेषतः कांग्रेस की हिन्दू विरोधी सोच का पर्दापाश किया।
श्री होसबोले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में हिन्दू समाज को जाति, भाषा एवं प्रांत के भेद में बांटने के विपक्षी दलों के प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि हम बंटेंगे तो निश्चित रूप से कटेंगे, इसलिये हिन्दू समाज में एकता आवश्यक है।’ उन्होंने इसे जीवन मंत्र जैसा बताया। दिया। उन्होंने देश के सामने कुछ ऐसी बड़ी चुनौतियों को भी रेखांकित किया, जिसे लेकर राजनीतिक दलों एवं साम्प्रदायिक संगठनों की भृकुटि कुछ तन गई है। मथुरा स्थित गऊ ग्राम परखम के दीनदयाल उपाध्याय गौ विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र में आयोजित 25 और 26 अक्टूबर 2024 की इस बैठक में संघ के सभी 46 प्रांतों के प्रांत एवं सह प्रांत संघचालक, कार्यवाह तथा प्रचारकों ने हिस्सा लिया। योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में हिंदुओं को जातियों में बांटने की विपक्षी दलों की रणनीति के प्रति आगाह करते हुए कहा था कि विपक्ष चाहता है कि मुसलमान एकजुट होकर ताकतवर और हिंदू जातियों में विभाजित होकर कमजोर बने रहें। योगी आदित्यनाथ ने पड़ोसी देश में मुसलमानों के हाथों बेगुनाह हिंदुओं के मारे जाने का हवाला देकर कहा था कि बंटेंगे तो कटेंगे। इस बयान की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अलग-अलग तरह से इस संदेश को आगे बढ़ाया है। इसी कड़ी में सरकार्यवाह होसबाले हिन्दू एकता एवं संगठन की आवश्यकता व्यक्त की।
सरकार्यवाह होसबोले एक सक्रिय, साहसी, चिन्तनशील, राष्ट्रयोद्धा, समाजसुधारक और बदलाव लाने वाले संघ नेता हैं। वे देशहित में अच्छी रचनात्मक एवं सृजनात्मक बातें करते हैं, बदलाव चाहते हैं, राष्ट्र को तोड़ना नहीं जोड़ना चाहते हैं, अच्छी बात यह भी है कि संघ एक जागरूक संगठन है और हर समस्या पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। हर व्यक्ति के दिमाग में एक समस्या है और हर व्यक्ति के दिमाग में एक समाधान है। एक समस्या को सब अपनी समस्या समझे और एक का समाधान सबके काम आए। समाधान के अभाव में बढ़ती हुई समस्या संक्रामक बीमारी का रूप न ले सके, इस दृष्टि से आज का समाधान आज प्रस्तुत करने के लिए आरएसएस निरन्तर जागरूक रहता है। इसीलिये हिन्दू एकता के लिये व्यापक प्रयत्नों की अपेक्षा है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों की परेशानियों को लेकर भारत सरकार ने कदम उठाए हैं। दुनिया में कहीं भी किसी भी हिंदू को अगर कोई परेशानी होती है तो वह मदद के लिए भारत की तरफ ही देखता है। देश एवं दुनिया में हिन्दुओं से जुड़ी परेशानियों एवं समाधान की दृष्टि से एक सशक्त वातावरण बनना अपेक्षित है। होसबाले ने ऐसी ही जटिल होती समस्याओं में लव जिहाद का मुद्दा भी उठाया और कहा कि लव जिहाद से समाज में समस्या हो रही है। उन्होंने कहा, ‘लड़कियों को लव जिहाद के प्रति जागरूक करें। हमारे समाज की बहन-बेटियों को बचाना हमारा काम है।’ उन्होंने दावा किया कि केरल में 200 लड़कियों को लव जिहाद से बचाया गया है। ध्यान रहे कि अभी राजधानी दिल्ली के नांगलोई इलाके में मुस्लिम लड़के सलीम ने खुद को संजू बताकर हिंदू लड़की सोनिया को प्यार के जाल में फंसाया। सलीम ने सोनिया के साथ शारीरिक संबंध बनाए और उसे गर्भवती कर दिया। सोनिया ने जब शादी दबाव बनाया तो सलीम ने दो दोस्तों के साथ उसकी हत्या कर दी और शव को हरियाणा में अपने ननिहाल के गांव में एक खेत में गाड़ दिया।
निश्चित रूप से बंटेंगे तो कटेंगे कोई नारा नहीं बल्कि सदियों की सच्चाई है। जब-जब हिन्दू कमजोर हुआ है, तब तब उस पर अत्याचार बढ़े हैं, उनका सफाया कर दिया गया है। कश्मीर में हिंदुओं ने ताकत नहीं दिखाई तो उनका नरसंहार हुआ। लाहौर की 75 प्रतिशत आबादी हिंदुओं और सिखों की थी, कराची में हिंदू, सिंधी और हिंदू पंजाबी जनसंख्या के दो तिहाई थे, काबुल में 1950 तक एक तिहाई हिंदू-सिख थे, रंगून में एक तिहाई आबादी हिंदुओं की थी, सभी जगहों पर आज हिंदुओं-सिखों का सफाया हो गया। इसीलिये सरकार्यवाह होसबोले की दृष्टि में बंटने के प्रति सचेत करने का मतलब अनेकता में एकता का मंत्र है। हम जाति, वर्ग में भले अनेक हों, लेकिन इस आधार पर हम बंटे नहीं बल्कि एकजुट रहें। बांग्लादेश के संदर्भ में भारत सरकार ने वहां हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। संघ ने उस समय भी कहा था कि हिंदू समुदाय को वहीं रहना चाहिए और पलायन नहीं करना चाहिए।
संघ की नजरों में धर्मांतरण और हिन्दुओं को विभाजित करने से हिन्दू जनसंख्या का संतुलन बिगड़ा है और वे अल्पसंख्यक होते गये हैं। इस मायने में होसबोले का उद्बोधन कोई स्वप्न नहीं, जो कभी पूरा नहीं होता। यह तो हिन्दुओं को सशक्त एवं विकसित बनाने के लिए ताजी हवा की खिड़की है। यह सामाजिक समरसता का भी जीवनमंत्र है। संघ इस संवाद को कायम रखेगा क्योंकि समाज को तोड़ने के लिए बहुत सी कोशिशें हो रही हैं, विपक्षी दल अपने राजनीतिक हितों के लिये हिन्दू समुदाय को तोड़ने एवं विभाजित करने के लिये तरह-तरह के षडयंत्र कर रहे हैं। एक बार फिर संघ ने राजनीति से परे जाकर देश को जोड़ने, सशक्त बनाने एवं नया भारत निर्मित करने का सन्देश दिया है और इस सन्देश को जिस तरह आकार दिया जाना है, उसका दिशा-निर्देश भी दिया गया है।
आरएसएस महासचिव ने कहा, महात्मा गांधी ने भी स्वराज्य का मंत्र दिया था। ‘स्व’ का मतलब है ‘स्वाधीनता’, राष्ट्रीय स्वत्व। यहां हिन्दुओं को अपनी परंपरा, अपनी सभ्यता, उसके अनुभवों के साथ व्यवहार करना है, आधुनिकता का पालन करना है, आधुनिकता में भी ‘स्व’ को नहीं भूलना है। इस ‘स्व’ को जीवंतता देकर ही हिन्दू समाज टूटने एवं बिखरने से बच सकता है। किसी भी समाज में बिखराव की स्थिति होती है तो उसकी क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं हो सकता। उपयोग के लिए क्षमताओं को केन्द्रित करना जरूरी है। समाज का हर व्यक्ति अपने आप में एक शक्ति है। इस शक्ति को काम में लेने से पहले उसे एकात्ममुख करना जरूरी है। होसबोले के आह्वान का हार्द हिन्दुओं को सशक्त बनाते हुए राष्ट्र को नयी शक्ल देने का है। वास्तव में यदि हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं तो हमें अपनी सोच और अपने तौर-तरीके बदलने होंगे। जब होसबोले देश को बदलने और आगे ले जाने के लिए संकल्प व्यक्त कर रहे हैं तो फिर हिन्दुओं का भी यह दायित्व बनता है कि वह अपने हिस्से के संकल्प ले, संगठित हो।

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