अग्निदेव ही कर सकता है हमारे जीवन का कल्याण : स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज

ग्रेनो । (संवाददाता ) सूरजपुर आर्य समाज में चल रहे आठ दिवसीय ऋग्वेद पारायण यज्ञ में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए आर्य जगत के महान विद्वान स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने अग्नि शब्द की विद्वतापूर्ण व्याख्या की । उन्होंने कहा कि अग्नि ईश्वर का भी नाम है । अग्नि वेद का भी नाम है और अग्नि विद्वान को भी कहते हैं । स्वामी जी महाराज ने कहा कि अग्नि अग्रणी शब्द से बना है जो सदा आगे ही आगे चलने का संकेत और संदेश देता है । उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने अग्निदेव की इसी रूप में पूजा व उपासना करने का प्रावधान किया ।

स्वामी जी महाराज ने कहा कि ऋग्वेदीय देवों में अग्नि का सबसे प्रमुख स्थान है । वैदिक आर्यों के लिए देवताओं में इन्द्र के पश्चात अग्नि देव का ही पूजनीय स्थान है। वैदिक मंत्रों के अनुसार अग्निदेव -नेतृत्व शक्ति से सम्पन्न, यज्ञ की आहुतियों को ग्रहण करने वाला तथा तेज एवं प्रकाश का अधिष्ठाता है। अग्नि को द्यावापृथ्वी का पुत्र बताया गया है। मातरिश्वा भृगु तथा अंगिरा इसे भूतल पर लाऐ। अग्नि पार्थिव देव है। यज्ञाग्नि में इसे ऋत्विक होता और पुरोहित बताया गया है। यह यजमानों के द्वारा विभिन्न देवों के उद्देश्य से अपने में प्रक्षिप्त हविष् को उनके पास पहुँचाता है।यथा – अग्निमीले पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम् होतारं रत्नधातमम्॥स्वामी जी महाराज ने कहा कि अग्नि देव की जो व्यक्ति इस रूप में पूजा करता है और उसे अपने अंतःकरण में प्रकट हुआ देख व समझ लेता है उस व्यक्ति के जीवन का उत्थान होने लगता है । अग्नि के इस संदेश को हृदयंगम करके उसके अनुसार जीवन को ढालना ही हमारे ऋषियों का जीवनोद्देश्य था ।

अग्नि को ही इहलोक और परलोक की उन्नति का साधन हमारे ऋषियों ने माना है । आज के भागम भाग , दौड़ धूप और तनाव भरे परिवेश पर बोलते हुए स्वामी जी महाराज ने कहा कि यदि आज का व्यक्ति अग्निदेव की इस रूप में पूजा उपासना करना आरंभ कर दे तो उसके जीवन में बहुत भारी परिवर्तन आ सकता है।कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए का सूरजपुर आर्य समाज के प्रधान मूलचंद शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम 8 दिन चलेगा । जिसमें विभिन्न विद्वानों को आमंत्रित किया गया है । जिससे कि क्षेत्र के लोगों का मार्गदर्शन हो सके और वैदिक संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के अपने पावन दायित्व को हम निभा सकें । उन्होंने कहा कि आर्य समाज सूरजपुर के सभी सदस्यों ने क्षेत्र के लोगों से व्यक्तिगत संपर्क कर यहां आने का अनुरोध किया है जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को धर्म लाभ हो सके ।कार्यक्रम में आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतमबुद्ध नगर के प्रधान भी आर्य वीरेश भाटी , महासचिव शिवकुमार आर्य , आर्य नेता विजेंद्रसिंह आर्य , देव मुनि जी महाराज सहित पूर्व प्रधान महेंद्र आर्य सहित सैकड़ों आर्य जनों की उपस्थिति रही ।

Comment: