*"आजकल लोगों में सहनशक्ति बहुत कम हो गई है। इसीलिए छोटी-छोटी बात पर लोग आपस में झगड़ पड़ते हैं। यह अच्छा नहीं है।"*
*"यदि आप अपने घर में परिवार में समाज में देश में सुख शांति से जीना चाहते हैं। तो इसके लिए एक दूसरे को समझना बहुत आवश्यक है।" "अपनी बात कहने में जल्दबाजी न करें। दूसरे व्यक्ति की बात को शांति से सुनें, फिर उसका ठीक-ठीक अभिप्राय समझने का प्रयास करें, कि वह क्या कहना चाहता है। यदि उसकी बात को ठीक से समझ कर फिर आप अपना अभिप्राय बताएं, तो आप लोगों में आपस में झगड़ा लगभग नहीं होगा। और यदि कभी कहीं होगा भी, तो वहां एक दूसरे को सहन कर लेना भी अच्छा है।"*
*"छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करके रिश्ते तोड़ देना, यह कोई बुद्धिमता की बात नहीं है।" "हां, जहां अत्याचार की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाए, और सीमा पर होने लगे, तब जाकर अलग होने की बात सोचनी चाहिए, उससे पहले नहीं। यदि आप इस प्रकार से प्रयत्न करेंगे, तभी आप ठीक ढंग से अपना जीवन जी पाएंगे। क्योंकि एक दूसरे को सहन करने से ही आप का जीवन सुखमय ढंग से चल पाएगा, अन्यथा नहीं।"*
—– “स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक दर्शन योग महाविद्यालय रोजड़, गुजरात।”