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ओ३म् “वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में एक नये गुरुकुल का शुभारम्भ”

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वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में शुक्रवार, दिनांक 18-10-2024 से बालकों/युवकों के लिए एक नये गुरुकुल का शुभारम्भ किया गया है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हमें भी कुछ समय के लिए भाग लेने का अवसर मिला। आयोजन में आर्यसमाज के प्रसिद्ध नेता स्वामी आर्यवेश जी तथा विख्यात आर्य नेता एवं विद्वान् ऋषिभक्त ठाकुर विक्रम सिंह जी भी पधारे थे। ठाकुर विक्रम सिंह जी ने इस गुरुकुल के लिए दो लाख पचास हजार रुपये के दान की घोषणा की। हम आशा करते हैं कि यह गुरुकुल सामान्य रूप से संचालित होगा और आयोजकों एवं आर्य जनता की अपेक्षाओं को पूरा करेगा।

आश्रम द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि वैदिक धर्म की रक्षा तथा आर्ष विद्या के प्रचार-प्रसार को गति देने के लिए वैदिक साधन आश्रम तपोवन सोसाइटी देहरादून की कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि तपोवन आश्रम परिसर में वेदोक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु युवकों के लिए गुरुकुल की स्थापना की जाए। यह गुरुकुल उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् के पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा बारह तक संचालित होगा। प्रारम्भिक काल में कक्षा छह से कक्षा दस तक की कक्षाएॅ ही चलाई जायेंगी जिसमें मुख्यतः निम्नलिखित विषय पढ़ाए जायेंगे।

1- संस्कृत
2- हिन्दी
3- अंग्रेजी
4- गणित
5- विज्ञान
6- संस्कृत व्याकरण
7- कम्पूयटर

आश्रम द्वारा बताया गया है कि सभी विषयों को पढ़ाने के लिए आचार्यों की व्यवस्था हो गयी है। प्रथम वर्ष कक्षा छह में प्रवेश होगा। गुरुकुल के सुचारु रूप से संचालन के लिए गुरुकुल की एक समिति गठित की जाएगी जिसका गठन उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् के द्वारा जारी नियमावली के अनुसार होगा। इसी समिति के सदस्यों द्वारा कार्यकारिणी का चयन किया जाएगा। समिति में तीन प्रकार के सदस्य होंगेः

1- साधारण सदस्य
2- आजीवन सदस्य
3- आजीवन एवं संस्थापक सदस्य

उपर्युक्त सदस्यों को रजिस्ट्रशन शुल्क केवल एक बार क्रमशः 501, 2100 एवं 5100 रुपये तथा सभी सदस्यों को क्रमशः मासिक शुल्क के रूप में क्रमशः 500, 2000 तथा 5000 रुपये देने होंगे। यह भी बताया गया है कि रजिस्ट्रेशन शुल्क से जो धन एकत्रित होगा उसे संस्कृत शिक्षा परिषद् के नियमों के अनुपालन में बैंक में एफ.डी. के रूप में रखा जाएगा तथा प्रतिमाह प्राप्त योगदान से आचायों का वेतन, छात्रों के आवास, भोजन, वस्त्र एवं पुस्तकों आदि की व्यवस्था की जाएगी।

गुरुकुल के लिए कुछ और नये कक्षों का निर्माण कराना होगा तथा जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए गुरुकुल परिसर की बाउन्ड्री वाल की मरम्मत तथा दस फुट ऊंची फेन्सिंग भी करानी होगी। इन सब कार्यो के लिए समाज के सभी प्रबुद्ध भाई बहनों से प्रार्थना की गई है कि वह इस पुण्य कार्य में तन, मन, धन से सहयोग करें ताकि यह गुरुकुल सफलता प्राप्त कर सके। गुरुकुल का सदस्य बनने के लिए आश्रम के मंत्री जी, श्री प्रेमप्रकाश शर्मा, फोन नं. 09412051586 से सम्पर्क कर बैंक खाते सम्बन्धी जानकारी एवं सदस्यता फार्म को प्राप्त किया जा सकता है।

हम आश्रम के संचालकों को इस नये गुरुकुल को आरम्भ करने के लिए बधाई देते हैं और इस गुरुकुल की सफलता की कामना करते हैं।

-मनमोहन कुमार आर्य

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