Categories
इसलाम और शाकाहार

पुनर्जन्म की इस्लामी व्याख्या !

सूचना -यह लेख हमने 15 जुलाई 2019 में तैयार किया था ,इसमें हमने बड़े परिश्रम से कुरान ,हदीस और मौलाना रूमी की मसनवी से प्रमाण लेकर सिद्ध किया की इस्लाम में भी पुनर्जन्म को सत्य माना गया है ,प्राणी के बार बार मरने और जन्म होने को आवागमन ,या पुनरागमन भी कहा जाता है अंगरेजी में Rebirth और Reincarnation कहते हैं और अरबी में इसे “तनासुख – تناسخ ” कहते हैं मुस्लिम इस सिद्धांत को जानते हैं लेकिन मुसलमानों को नहीं बताते क्योंकि इससे हमेशा के लिए जन्नत और जहन्नुम की बात झूठी बताना पड़ेगा ,फिर मुसलमान जिहाद किसके लिए करेंगे ,आज भी मुसलमानों में इस्माईली ,निज़ारी ,अलवी और सूफी जैसे संप्रदाय हैं जो आत्मा के पुनर्जन्म पर विश्वास करते हैं यह लोग जन्नत की हूरों के लालच में जिहाद नहीं करते ,बल्कि शांति से व्यवासय करते हैं इसी लिए इनमे कोई बेरोजगार ,अशिक्षित और गरीब नहीं है बल्कि इनमे 67 % लोग करोड़पति हैं पाठकों को यह जानकर प्रसन्नता होगी की अब मुस्लिम भी पुनर्जन्म को मानने लगे हैं
विश्व के सभी धर्मों के मानने वाले इस निर्विवाद सत्य को स्वीकार करते हैं , कि कोई भी व्यक्ति अमर नहीं हो सकता .और उसे एक न एक दिन मौत जरुर आयेगी .लेकिन उसकी आत्मा, रूह , Soul कभी नहीं मरती है .और मनुष्य अपने जीवनकाल में जो भी भले बुरे कर्म करता है .उसका फल अगर उस व्यक्ति को इसी जन्म में नहीं मिलता है , तो मौत के बाद उसकी आत्मा को अगले जन्म में भुगतना पड़ता है .भारतीय धर्मों में इस नियम को “पुनर्जन्म ” का सिद्धांत कहा जाता है .यद्यपि कुरान , हदीस और मसनवी में पुनर्जन्म के बारे में उल्लेख मिलता है .लेकिन मुस्लिम विद्वान् इसे घुमा फिरा कर ,और कुतर्क पूर्ण व्याख्याएं करके स्वीकार करते हैं . क्योंकि सभी जानते हैं ,कि मुसलमानों की नीति हिन्दुओं से उलटे चलने की होती है . यदि हिन्दू दिन कहेगा तो ,मुसलमान रात कहेंगे .
यद्यपि आत्मा की अमरता ,और उसके दोबारा जन्म होने को एक वैज्ञानिक सत्य मान लिया गया है .फिर भी मुसलमान पुनर्जन्म को क्यों नहीं मानते ,इसका कारण ,या किस रूप में मानते हैं ,इसलिए आत्मा के दोबारा शरीर धारण करने ( पुनर्जन्म ) के बारे में इस्लामी मान्यताओं का परमानों के सहित विवेचन किया जा रहा है .ताकि लोगों को पता चले की मुसलमानों की मान्यताओं ,और कुरान ,हदीस और मसनवी की बातों में कितना अंतर है .
1-मुसलमानों का ज्ञान अधूरा है
इतिहास गवाह है कि मुसलमान (अरबी )जन्मजात लुटेरे , अत्याचारी , और स्वभाव से अपराधी रहे हैं ,उन्हें जिहाद छोड़ कर आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए समय ही नहीं मिलता है .इसीलिए अल्लाह ने उनको आत्मा के बारे में थोडा ही ज्ञान ( एक वाक्य ) दिया है
“कह दो कि रूह तो अल्लाह का हुक्म है ,और बस तुम्हें इसका थोडा सा ज्ञान ही दिया गया है ”
सूरा -बनी इस्राएल 17 :85
2-मृत्यु और कर्मफल अटल हैं
कुरान की इस बात से सभी सहमत होंगे कि हरेक व्यक्ति को एक दिन मरना ही पड़ेगा , लेकिन दूसरी गौर करने वाली बात यह है कि मनुष्य द्वारा किये गए ,छोटे छोटे भले बुरे सभी कर्मों की परीक्षा कि जाएगी .और उसका बदला दिया जायेगा .अर्थात अधिक होने पर , भले कर्मों से बुरे , या बुरे कर्मों से भले कर्म न तो घटाए जायेंगे ,और न कम किये जायेंगे .
“तुम जहाँ भी रहोगे मृत्यु तुम्हें आकर ही रहेगी , चाहे तुम किसी मजबूत बुर्ज के भीतर रहो
“सूरा -निसा 4 :78
“हरेक जीव को म्रत्यु का स्वाद चखना ,होगा .और उसके कामों का पूरा बदला दिया जायेगा ”
सूरा-आले इमरान 3 :185
“हरेक जीव को मौत का स्वाद चखना है ,और हम अच्छी बुरी सभी हालत में सबकी परीक्षा करते हैं “सूरा-अल अम्बिया 21 :35
“और जो कोई जर्रे के बराबर भी भलाई करेगा ,वह उसे देख लेगा .और जो जरे बराबर भी बुराई करेगा वह उसे भी देख लेगा ”
सूरा -जिल्जाल 99 :7 और 8
3-पुनर्जन्म के विविध नाम
इस बात को सभी धर्म के लोग स्वीकार करते हैं कि मनुष्य द्वारा किसे गए सभी भले बुरे कर्मों का फल उसे जरुर दिया जायेगा .और अधिक होने पर भले कर्मों से बुरे , या बुरे कर्मों से भले कर्म न तो घटाए जायेंगे और न कम किये जायेंगे .लेकिन यदि इसी जन्म में कर्मों का फल नहीं दिया जा सका तो , मृत्यु के बाद उस व्यक्ति की आत्मा को उसका बदला दिया जायेगा .चूंकि आत्मा का कोई शरीर नहीं होता है , इसलिए उसे कर्मों का बदला देने के लिए दोबारा शरीर दिया जायेगा .भारत में इसी को पुनर्जन्म कहा जाता है .अरबी भाषा में पुनर्जन्म के लिए कोई एक उपयुक्त शब्द नहीं है .इसलिए कुरान में जगह जगह , विभिन्न शब्द ,प्रयुक्त किये गए हैं .लेकिन सभी शब्दों का वही अर्थ और आशय पुनर्जन्म ही है .इनमे से कुछ शब्द यहाँ दिए जा रहे हैं .
1-इहया -إحياءइसका अर्थ पुनर्जन्म ही होता है .अरबी शब्दकोश में इसका अर्थ “विलादातुल जदीद-ولادة جديدة “यानि फिर से जन्म लेना या फिर से पैदा होना होता है .कुरान में यह शब्द पांच बार आया है .(2:154, 7:169, 16:21, 35:22 ,77:26 )अंगरेजी में इसका अर्थ Reborn या Rebirth होता है .
2-युईदहु -يُعيدُهُ यह शब्द कुरान में 1573बार आया है , इसका अर्थ लौटाना( return ) करना या वापिस करना है .कुरान में जिसी भी प्रसंग में आत्मा को शरीर में लौटाने जमीन पर वापिस भेजने की बात कही गयी है .इसी शब्द का प्रयोग किया गया है .हिन्दी में इसे पुनर्जीवन कह सकते हैं ..यह शब्द अरबी के ” ऊदाह -عودة ” शब्द से बना है
3-युब्दियु -يُبدئُ “यह शब्द कुरान में 388 बार आया है .इसका अर्थ पुनः प्रारम्भ (Reoriginate ) है कुरान के जिस प्रसंग में आत्मा को किसी शरीर में दोबारा भेजने की बात कही गयी है ,इस शब्द का इस्तेमाल हुआ है
4-बईद-يعيد. “यह शब्द कुरान में 233 बार आया है .इसका भी अर्थ वापिस लौटाना (Back ) करना है जब भी आत्मा के किसी शरीर में वापिस लौटाने का प्रसंग आया है ,यही शब्द प्रयोग किया गया है .
इसके अलावा जहाँ भी कुरान में अल्लाह के द्वारा सृष्टि बनाकर मनुष्यों के शरीरों में आत्मा डालने की बात कही हैं , इन्हीं में से किसी शब्द का प्रयोग हुआ है .चाहे मृतक शरीर में आत्मा डालना हो , या नया शरीर बना कर उसे सजीव करने की बात हो ,इसी को पुनरुत्थान , पुनर्जीवन , या पुनर्जन्म कह सकते हैं
4-कुरान में पुनर्जन्म के प्रमाण
कुरान में आत्मा के फिर से जन्म लेने और प्रथ्वी पर लौट आने के लिए कई शब्द प्रयोग किये गए हैं ,जैसे कि-
A-पुनरागमन ( नुईद )
“इसी धरती पर हमने तुम्हें पैदा किया है ,और इसी पर हम तुम्हें लौटायेंगे .और इसी पर दोबारा निकालेंगे “सूरा -ताहा 20 :55
(इस आयत में अरबी शब्द” नुईदنُعي-د “प्रयुक्त किया गया है जिसका मतलब Bring forth है )
“अल्लाह ने तुम्हें इस धरती पर विशेष रूप से विकसित किया है ,और तुम्हें इसी भूमि पर लौटा देगा ,और विशेष रूप से निकलेगा ”
सूरा -नूह 71 :17 और 18
(नोट -इस आयत में अरबी शब्द ‘नुईद نُعيد” मौजूद है ,लेकिन हिंदी अनुवाद में पुनरागमन की जगह “निकलेगा “शब्द दिया है )
B-दोबारा पैदा होना
“और वे बोले हे हमारे रब , तू हमें दोबार मौत दे चूका है ,और तूने मुझे दोबार पैदा कर कर दिया है .हमने अपने गुनाह कबूल कर लिए हैं .अब इस ( जन्म मृत्यु )से निकालने का कोई रास्ता है “सूरा अल मोमिन 40 :11
” قَالُوا رَبَّنَا أَمَتَّنَا اثْنَتَيْنِ وَأَحْيَيْتَنَا اثْنَتَيْنِ “40:11
लोगों के इस सवाल का जवाब कुरान की इस आयत में यह मिलता है ”
“ऐसी चीज के लिए तो कर्म करने वालों को कर्म करते रहना चाहिए ”
सूरा -अस साफ्फात 37 :61
C-पुनर्जीवित होना
“क्या तुमने नहीं देखा कि जो लोग मौत के डर से घरों से निकल गए थे , अल्लाह ने उनसे कहा ,जाओ मर जाओ .फिर बाद में अल्लाह ने उन्हें फिर से जीवित कर दिया ”
सूरा -बकरा 2 :243
( नोट -इस आयत में अरबी में “अहया हुम ثُم احياهُم” शब्द आया है .इसका अर्थ “brought them back to life ” या “पुनर्जीवित “करना है )
D-पुनरागमन
“इन मे से जब किसी कि मौत आजायेगी तो वह कहेगा ,,रब मुझे संसार में लौटा दो “ताकि मैं जिस संसार को छोड़ आया हूँ उसमे अच्छे काम करूँ .यह तो एक सचाई है कि उनके पीछे बरजख ( पर्दा ) है .उनके फिर से जीवित करके उठाये जाने वाले दिन तक .
सूरा अल मोमिनून 23 :99 -100
(नोट -इन आयत में अरबी में लौटने के लिए “अर्जिऊन ارجعون” send back और “युब्सिऊन يُبثعون” raised या उठाना शब्द है . इसका तात्पर्य पुनर्जन्म नहीं है .परन्तु बताया है कि निर्धारित समय यानि बरजख का पर्दा हट जाने के बाद पुनर्जीवन मिल सकता है .)भारतीय मान्यता के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है , तो एक निश्चित समय के बाद आत्मा का पुनर्जन्म हो जाता है .इस समय को “संचित काल ” कहते हैं .और कुरान में इसी को “बरजख ” कहा गया है .एक चर्चा के दौरान जकारिया नायक ने यह बात मानी है .देखें .विडियो
Staying in Heaven or Hell Forever : Dr Zakir Naik

E-जीवन की पुनरावृत्ति
“जब तुम निर्जीव थे तो उसने तुम्हें जीवित किया . फिर वाही तुम्हें मारता है.फिर वही तुम्हें फिर से जीवित करता है और फिर उसी की तरफ लौटाए जाओगे ”
सूरा -बकरा 2 :28
“अल्लाह का वादा सच्चा है ,वही पहली बार पैदा करता और वही दोबारा पैदा करेगा ”
सूरा-यूनुस 10 :4
(नोट -इस आयत में भी ” सुम्म उयीदहू ثُمّ يُعيدهُ”शब्द है .जिसका अर्थ दुबारा जन्म देना है give rebirth )
“क्या इन लोगों ने नहीं देखा कि अल्लाह पहली बार जन्म कैसे देता है ,और फिर उसकी पुनरावृत्ति कैसे करता है .निश्चय ही ऐसी पुनरावृत्ति अल्लाह के लिए आसान है
“सूरा -अनकबूत 29 :19
(नोट -इस आयत में भी ” सुम्म उयीदहूثُمّ يُعيدهُ “शब्द है .जिसका अर्थ दुबारा जन्म देना है )
“निश्चय ही वह अल्लाह उसकी जान लौटने की शक्ति रखता है “सूरा -अत तारिक 86 :8
(lo He verily is able to return hin into life again )
“जिस तरह उसने पहली बार पैदा किया था ,उसी तरह तुम फिर से पैदा होगे ”
सूरा -अल आराफ 7 :29
(नोट -यहाँ अरबी शब्द “तूऊ दूनتعودون ” आया है जिसका अर्थ भी Reborn या पुनर्जन्म होता है ) की इमी व्याख्या !
पुनर्जन्म की इस्लामी व्याख्या !
5-मानवेतर योनियों में जन्म
भारतीय धर्मों में माना जाता है कि बुरे और पाप कर्मों के फल भोगने के लिए आत्मा को मनुष्य के आलावा दूसरी ऎसी योनियों में भी जन्म मिल सकता है .जिसका रूप और आकार सबसे अलग और अजीब हो .या शरीर में कोई खोट हो .जैसा कि इन आयतों में कहा है ,
“हमने तुम्हारे बीच में मृत्यु का नियम बना दिया है ,और हमारे लिए यह असंभव नहीं ,कि हम तुम्हारे शरीर आकार बदल दें .और ऐसे रूप में उठाकर खड़ा कर दें ,जिसे तुम जानते भी नहीं हो “सूरा -अल वाकिया :56 :60 और 61
“हमीं ने इनको पैदा किया ,और इनके जोड़ बंद ( अवयव )मजबूत किये .और हम जब चाहें यह जैसे हैं ,उसे बिलकुल बदल दें
“सूरा – अद दहर 76 :28
6-जन्म मृत्यु का चक्र
आत्मा को सभी धर्मों ने अमर माना गया है ,और आत्मा को अपने कर्मों का फल भोगने के लिए बार बार जन्म लेना पड़ता है ,यही कुरान का आशय भी है .जैसा इस आयात से स्पष्ट होता है ,
“जिस तरह उसने पहली बार पैदा किया था ,उसी तरह तुम फिर से पैदा होगे ”
सूरा -अल आराफ 7 :29
(नोट -यहाँ अरबी शब्द “तूऊ दूनتعودون ” आया है जिसका अर्थ भी Reborn या पुनर्जन्म होता है )
7-रसूल पुनर्जन्म मानते थे
जिस तरह भगवान कृष्ण ने अर्जुन को आत्मा की अमरता ,और युद्ध में शहीद हो जाने पर नया जन्म मिल जाने का विश्वास दिलाया था ,उसी तरह रसूल ने भी कहा था कि यदि में शहीद हो गया तो अल्लाह मुझे भी फिर से जन्म देगा ,और जीतनी बार भी मैं मरूँगा ,हर बार पैदा हो जाऊंगा .यही बात इस हदीस से सिद्ध होती है ,
“अनस बिन मालिक ने कहा कि रसूल ने कहा ,कि कोई व्यक्ति मरने बाद इस दुनियां में तब तक वापिस नहीं आ सकता है ,जब तक वह अल्लाह की राह में मरने वाले शहीदों में वरिष्ठता प्राप्त नहीं करता ” बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 53
https://gowister.com/hadith/bukhari/2726/
Reference: 2795
English reference: Vol. 4, Book 52, Hadith 53
In-book reference: Book 56, Hadith 13
” रसूल ने कहा कि इमांन वालों का मेरा साथ छोड़ना ठीक नहीं होगा ,क्योंकि मैं अपनी सेना के साथ अल्लाह कि राह में शहीद होना चाहता हूँ .और अगर में शहीद हो गया तो अल्लाह मुझे दोबारा जीवन दे देगा . और अगर फिर शहीद हो गया तो अल्लाह मुझे फिर जीवन प्रदान कर देगा .”बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 54
https://gowister.com/hadith/bukhari/2728/
Reference: 2797
English reference: Vol. 4, Book 52, Hadith 54
In-book reference: Book 56, Hadith 15

8-ईसाइयों का भूतवाद
मुहम्मद साहिब के समय लोगो पर ईसाई धर्म का प्रभाव था ,ईसाई भूत प्रेतों कर विश्वास करते थे.और मानते थे एक व्यक्ति में हजारों दुष्ट आत्माएं घुस कर रह सकती है , जैसा की बाइबिल में लिखा है
“जब कोई अशुद्ध आत्मा किसी के शरीर से निकलती है ,तो वह चक्कर लगाती रहती है .और अपने साथ सात दुष्ट आत्माओं को लेकर किसी के शरीर में निवास करने लगतीहै
” बाइबिल नया नियम -मत्ती 12 :42 से 45
“जब यीशु गरेसिया प्रान्त गए तो ,वहां एक ऐसा व्यक्ति मिला जो दुष्ट आत्माओं के वश में था .यीशु के पूछने पर उसने अपना नाम सेना (Legion ) बताया(रोमन सेना में 6000 सैनिकों की एक लीजन legion होती थी ).उसने यीशु से कहा पहाड़ी पर सूअर चर रहे हैं ,आप हमें इनमे भेज दो .ताकि हम इनके शरीर में घुस जाएँ .उसमे करीब दो हजार आत्माएं उस व्यक्ति के शरीर में थीं ” बाईबिल नया नियम -मरकुस 5 : 1 से 14
वास्तव में इस्लाम ने इन्हीं विचारों का विरोध किया है,किसी जीवित व्यक्ति की आत्मा द्वारा उस व्यक्ति के शरीर से बाहर निकल कर पवास करना या किसी दुसरे जीवित व्यक्ति के शरीर में निवास करने को “आत्मा स्थानान्तरण Transmigration of souls ” कहा जाता है . और ऐसा मानना इस्लाम में कुफ्र है .क्योंकि यह एक प्रकार का अवतारवाद है , जिसका खुद वेदों में खंडन किया गया है .
“इब्न हज्म (Arabic: أبو محمد علي بن احمد بن سعيد بن حزم‎)ने अपनी किताब “अल मोहल्ला में कहा कि जो भी व्यक्ति दावा करता है कि आत्मा एक शरीर से दुसरे में स्थान परिवर्तन करती ,तो वह इमान वाला नहीं है ”
“وقال اياد: “من كان يؤمن القاضي في التهجير من النفوس هو كافر”

Qadi ‘Iyad said: ‘Whoever believes in the transmigration of the souls is a disbeliever”

al-Muhalla al-Dirdeer al-Maliki

9-पुनर्जन्म के समर्थक मौलाना रूम
मौलाना जलालुद्दीन रूमी ( सन 1207 -1273 ) बल्ख नाम के शहर में पैदा हुए थे .और एक महान सूफी संत और इस्लामी विद्वान् थे , इन्होने जो किताब लिखी है ,उसका नाम ” मसनवी मौलाना रूम ‘ कहा जाता .मसनवी को फारसी का कुरान भी कहा जाता है , इसके बारे में लोग कहते हैं “ईं कुराने पाक हस्त दर जुबाने फारसी “रूमी भारतीय अध्यात्म से काफी प्रभावित थे .और आत्मा की अनित्यता और उसके बार बार जन्म होने पर विश्वास रखते थे .यह मसनवी के इन शरों से सिद्ध होता है ,

“تو از آں روز کہ در ہست آمدی
तू अजां रोजे कि दर हस्त आमदी
آتش آب و خاک و بادِ بدی
आतिश आब ओ ख़ाक ओ बादे बदी
ایں بقاہا از فناہا دیدءی
ईं बकाहा अज फनाहा दीदई
بر فناءِجسم چون چستیدءی
बर फनाये जिस्म चुन चस्पीदई
ہم چون سبزه بارہا روءیدان
हम चूँ सब्जहा बारहा रोईदअम
ہفت صد ہفتاد قالب دیدام
हफ्त सद हफ्ताद कालिब दीदअम
“आज जो तेरा अस्तित्व है ,वह अग्नि , जल, पृथ्वी और वायु से निर्मित है .तुझे यह शरीर किसी शरीर के मिटने के बाद ही मिला है . इसलिए इस शरीर के नष्ट होने से क्यों डरता है .मैं तो एक पोधे की तरह इतनी बार पैदा हुआ हूँ कि मैंने सात सौ सत्तर जन्म ले लिए हैं .”
मसनवी रूम -भाग 4 पेज 214
10-मुसलमानों ने पुनर्जन्म को माना
पटना के कदीरिया फिरके के केंद्र “मरकज़े अफ़ज़ालिया ( Markaz e Afzaliya) द्वारा यू ट्यूब में डाली गयी एक विडिओ हमने कल ही देखि जिसमे पुर्जन्म को इस्लाम सम्मत बताने के कई प्रमाण दिए है विडिओ का विवरण है
Tanasukh (Punar Janam) Ki Haqeeqat |

Ek Tahqiqi o Tafseeli Guftagu | By Meraj Afzaly

सभी पाठकों से अनुरोध है की इस विडिओ को ध्यान से पूरा देखें आपको पता चल जायेगा की हमने 2019 को इस्लाम में पुनर्जन्म के बारे में जो प्रमाण दिए थे इस विडिओ में उसकी पुष्टि हो जाती है

11-मुहम्मद ने पुनर्जन्म का वादा किया
मुहम्मद जानता था कि आत्मा अमर है और मरने के बाद मनुष्य का दूसरा जन्म होता है लेकिन मुहम्मद ने यह बात लोगों को नहीं बताई ताकि लोग जन्नत के लालच में जिहाद करते रहे, लेकिन मुहम्मद ने विवश होकर यह बात लोगों को बता दी थी
कहावत है कि “जहाँ भोग वहां रोग ” जब जिहादी असीमित अय्याशी करने लगे तो भिभिन्न रोगों में ग्रस्त हो गए .और उचित इलाज न मिलाने से बीमार होगर जिहाद से विमुख हो गए .उसी समय एक सहाबी “अबू उबैदा अम्मार बिन इब्नल जर्राह (583-638)” यौन रोग से ग्रस्त हो गया .जो बाद में मर भी गया था .तो जिहादियों में भय व्याप्त हो गया ,वह अगले जन्म कि इच्छा करने लगे .तब मुहम्मद ने उन लोगों से यह कहा कि ,
“जो इस दुनिया में मर कर दूसरी दुनिया में फिर से आने कि कमाना रखता है ,उसे अल्लाह रह में जिहाद करते हुए कम से कम दस बार मरना पड़ेगा ”
बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 72
“रसूल ने कहा कोई व्यक्ति मर कर दोबारा इस दुनिया में फिर से तब तक नहीं असकता ,जब तक वह अल्लाह कि रह में मर कर जिहादियों में वरीयता प्राप्त नहीं कर लेता “बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 53
12-इस्लाम से सावधान
इतना समझने के बाद आसानी से यही निष्कर्ष निकालता है , कि इस्लाम धर्म नहीं बल्कि परस्पर विरोधी विचारों का भण्डार है , क्योंकि एकतरफ अल्लाह ,कुरआन , रसूल ,और रूमी जैसे सूफी ,पुनर्जन्म को .सही मानते हैं .तो दूसरी तरफ विदेशों के हाथो बिके हुए मुस्लिम ब्लोगर ,लोगों से यह कह रहे हैं कि अगर तुम सिर्फ खतना करो , कलाम पढो तो अनंत कल तक जन्नत में हूरों के साथ अय्याशी करने को मिलेगा .कोई इन मक्कार मुस्लिम ब्लोगरों से पूछे कि ,जन्नत तो क़यामत के बाद ही मिलेगी .और इसमे अभी करोड़ों साल हैं , तब तक इनका अल्लाह क्या कर रहा है .जन्नत की जवान हूरें बिना मर्दों के अपनी वासना कैसे मिटा रही हैं ? और जब असंख्य मुसलमान उन हूरों से साथ सहवास करेगे तो उनका क्या हाल होगा ?( अभी पता चला है कि अरब की सरकार ने हूरों के लिए Vibrator भिजवाये हैं ) ताकि जब तक मुसलमान जन्नत नहीं आते तुम इसी से काम चलाओ
यह जन्नत , हूरें , सब केवल कल्पित हैं , सभी मुस्लिम ब्लोगर जो कह रहे हैं ,इस्लाम स्वीकार करने वालों को जानत मिलेगी , सब झूठे ,मक्कार और विदेशी शक्तियों के दलाल हैं .इनके साथ जो मुस्लिम लड़कियाँ हैं ,वह भी हिन्दुओं पर डोरे डाल रहीं हैं .
बस एक ही बात अटल सत्य है कि भले कर्मों का हमेशा अच्छा ही फल मिलता है .

(200/28)

बृजनंदन शर्मा

Comment:Cancel reply

Exit mobile version