भारत में हिंदुत्व को मिटाने का षड्यंत्र रच रही हैं देश विरोधी शक्तियां : स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज

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ग्रेटर नोएडा ( विशेष संवाददाता ) यहां अंसल सोसायटी में महर्षि दयानंद वेद वाटिका में चल रहे ऋग्वेद पारायण यज्ञ में दूसरे दिन उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज ने कहा कि भारत में हिंदुत्व को मिटाने का गहरा षड्यंत्र रचा जा रहा है। जिसमें देश विरोधी शक्तियां बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू के लिए इस समय वैदिक सनातन परंपराओं को मिटाने के लिए भारत में चार शत्रु सक्रियता से अपनी भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं। जिनमें से पहले इस्लाम है। दूसरा ईसाइयत है, तीसरा कम्युनिस्ट और चौथा दोगला सेकुलर हिंदू है।
   स्वामी जी महाराज ने कहा कि मुसलमान अपनी मजहबी शिक्षा को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। ना ही वह मजहबी किताब से बाहर जाकर कोई काम करने के लिए तैयार है। आज फिर वही हालत बन रहे हैं जो 1947 में देश के बंटवारे के समय बने थे। इसलिए हिंदू समाज को जागते रहकर काम करने की आवश्यकता है। इसी प्रकार ईसाई लोग भी अपने संख्या बल को बड़ी चालाकी के साथ बढ़ा रहे ।हैं उनकी चालाकी को भी समझने की आवश्यकता है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि तीसरे शत्रु के रूप में हमारे देश का कम्युनिस्ट आंदोलन है। जिसने भारतीय परंपराओं और सनातन धर्म के सत्य सिद्धांतों का मजाक उड़ाते हुए इतिहास के साथ भारी छेड़छाड़ की है। उन्होंने कहा कि इन सबसे अधिक घातक वह दोगला हिंदू है जो अपने आप को सेकुलर कहता है और विदेशी शक्तियों के साथ मिलकर भारत के विनाश की योजनाओं में अपने आप को जोड़कर दिखाता है।
  दूसरे दिन के पहले सत्र में उगता भारत के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह आर्य ने उपनिषद के ऋषियों के द्वारा मानव शरीर की संरचना के विषय पर प्रकाश डाला और इस बात पर बल दिया कि हमें संसार में आकर आत्मा को हर्षित करने वाले पवित्र कार्यों में अपनी रुचि बढ़ानी चाहिए। यदि आत्मा के विरुद्ध आचरण करते हुए जीवन जीते रहे तो बाद में पछताना पड़ेगा। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य प्रेम प्रकाश शास्त्री ने इस अवसर पर कहा कि वेद हमें निर्भीकता सिखाता है और स्पष्ट आदेश करता है कि जो राष्ट्र विरोधी शक्तियां हैं , उनका अंत करने में किसी भी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए।
सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही भगवाधारी ऋषियों और संतों आदि ने भारत को आतंकवादियों से बचाने के लिए क्रांतिकारी कार्य किए हैं।  उन्होंने कहा कि रामायण काल में गुरु विश्वामित्र आतंकवादियों से राष्ट्र की रक्षा करने के लिए ही रामचंद्र जी को उनके पिता से मांग कर ले गए थे। बाद में उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया । जिसका परिणाम यह हुआ कि श्री राम त्रेताकाल में क्रांति करने में सफल हुए। डॉ आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि यही स्थिति मुगल काल में भी यथावत बनी रही। जब रानी जय राजकुमारी को उनके गुरु स्वामी महेश्वरानंद जी ने विशेष प्रशिक्षण देकर तैयार किया । जब बाबर ने अयोध्या स्थित राम मंदिर का विध्वंस किया तो रानी जय राजकुमारी ने अपना बलिदान देकर देश की रक्षा के अपने संकल्प को पूर्ण किया। इसी प्रकार हमारे सुदूर दक्षिण में स्थापित किए गए विजय नगर राज्य की घटना है जहां हरिहर और बुक्का राय को उनके गुरु के द्वारा राष्ट्र के लिए तैयार किया गया था।
  श्री आर्य ने कहा कि आज की परिस्थितियों में भी हमें भगवाधारी संतों का मार्गदर्शन ही राह दिखा सकता है। जिसमें स्वामी सच्चिदानंद जी जैसे महात्माओं का विशेष योगदान है। इस अवसर पर आर्य समाज के उभरते सितारे आर्य सागर खारी के द्वारा एक विशेष प्रस्ताव लाया गया। जिसे सर्वसम्मति से पूरी सभा ने पारित किया। इस प्रस्ताव के अनुसार दीपावली के पर्व के उपलक्ष्य में श्री राम के नाम पर दिल्ली में बने श्री राम कॉलेज में उर्दू इश्किया शायरी के मुशायरे की निंदा की गई। आर्य सागर ने कहा कि एक षड्यंत्र के अंतर्गत हमारे हिंदू पर्वों का मजाक उड़ाया जा रहा है। नई पीढ़ी को पथभ्रष्ट करते हुए नए-नए त्योहारों को स्थापित किया जा रहा है। जिससे हमाररी युवा पीढ़ी अपनी पर्व परंपरा से दूर होती जा रही है। हम इस प्रकार के षडयंत्रों और भारत द्रोह की मानसिकता की निंदा करते हैं। उनके प्रस्ताव पर सभी उपस्थित लोगों ने अपनी सहमति व्यक्त की। इस अवसर पर प्राचार्य गजेंद्र सिंह आर्य, महावीर सिंह आर्य, रणवीर सिंह आर्य, दीनदयाल शर्मा, धर्मपाल सिंह आर्य, कैलाश चंद्र आर्य, यादराम आर्य , प्रेमचंद आर्य आदि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्राचार्य गजेंद्र सिंह आर्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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