जेपीसी के अध्यक्ष के साथ किए गए आचरण की ऋग्वेद पारायण के ज्ञान यज्ञ में की गई निंदा
ग्रेटर नोएडा ( विशेष संवाददाता ) यहां स्थित ऋषि दयानंद वेद वाटिका में चल रहे ऋग्वेद पारायण यज्ञ के ज्ञान यज्ञ में वक्ताओं द्वारा देश की सबसे बड़ी पंचायत अर्थात संसद में वक्फ कानून में संशोधन को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति अर्थात जेपीसी के अध्यक्ष के साथ सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के उकसावे पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा किए गए हमले की आलोचना की गई। सभा के पश्चात इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित कर कैलाश बनर्जी और इमरान खान के साथ-साथ हैदराबाद से लोकसभा में पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही करने की मांग भी की गई।
आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुध नगर द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव में वक्फ बोर्ड के अधिकारों को समाप्त कर किसी भी वर्ग या संप्रदाय के हकों को छीन कर किसी एक वर्ग को देने की कांग्रेस की प्रवृत्ति की आलोचना करते हुए कहा गया है कि मोदी सरकार को इस प्रकार की प्रवृत्ति से दूर रहने की आवश्यकता है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि देश के राष्ट्रवादी लोगों को इस समय बहुत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि राष्ट्र विरोधी शक्तियां लामबंद होकर देश के टुकड़े टुकड़े करने की रणनीति पर कार्य कर रही हैं। उसी के दृष्टिगत संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पर हमला करके यह संकेत दे दिया गया है कि देश विरोधी शक्तियां किसी भी सीमा तक जा सकती हैं।
इस अवसर पर आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि जब इतिहास की गलत व्याख्या कर नई पीढ़ी को उसे पढ़ाया जाता है तो उसके यही परिणाम निकलते हैं। इसलिए समय की आवश्यकता को देखते हुए हमें अपनी गौरवशाली परंपराओं से भरे हुए इतिहास को पढ़ाने की आवश्यकता है। अभी नहीं तो कभी नहीं की तर्ज पर हमें काम करना होगा। हमें अपने इतिहास की समीक्षा करते हुए समझना होगा कि आज संपूर्ण भूमंडल पर राज करने वाले आर्यों को अपने देश भारत में भी अपने प्राणों की भीख मांगनी पड़ रही है। भीख मांगने की प्रवृत्ति से बाहर निकलकर निर्भीक होकर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
‘ उगता भारत ‘ के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह आर्य के द्वारा इस अवसर पर उपनिषदों की सहज सरल व्याख्या करते हुए वैदिक जीवन मूल्यों पर बहुत ही विद्वत्तापूर्ण प्रकाश डाला गया। जिसमें उन्होंने कहा कि हमें अपनी वैदिक संस्कृति से जुड़कर जीवन को उत्कृष्टता के ढांचे में ढालने के लिए अपने ऋषियों की चिंतन और जीवन शैली को अपनाने की आवश्यकता है। जबकि यज्ञ के ब्रह्मा रहे आचार्य प्रेम प्रकाश शास्त्री जी ने कहा कि ईश्वर को जानने के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। वह हमारे अंतःकरण में विराजमान है। जिसे साधना के द्वारा देखा जा सकता है। उन्होंने वेद मंत्र की सरल व्याख्या करते हुए कहा कि वेद हमें ईश्वर के बारे में बहुत सीधा और सरल सा रास्ता बताता है और यह भी स्पष्ट कर देता है कि उसे खोजने के लिए किसी देश विशेष में जाने या भागने की आवश्यकता नहीं है । वह हमारे हृदय मंदिर में रहता है। हृदय मंदिर को नित्य प्रति आध्यात्मिक साधना से साफ किया जा सकता है। जिसके लिए ऋषियों ने हमें संध्या का मार्ग बताया।
कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे आर्य सागर खारी ने कहा कि सदन में लंबित संशोधित वक्फ कानून को लेकर कब्जाधारी एक वर्ग विशेष में खलबली मची हुई है । उसकी हर संभव कोशिश है कि वक्फ कानून को यथावत रखा जाए। जिससे एक नये पाकिस्तान को भारत से अलग करने में फिर सफलता प्राप्त हो सके। जिस दिन यह कानून संसद से पास हो गया, उस दिन यह समझ लिया जाए कि अब देश विरोधी शक्तियां देश को किसी भी समय तोड़ने में सफल हो जाएंगी। ये लोग देश की सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ कर सकते हैं । ऐसे में राष्ट्र हितैषी वर्ग को सावधान रहकर अभी से रणनीति बनानी चाहिए। इस अवसर पर आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान प्राचार्य गजेंद्र सिंह द्वारा रामचंद्र जी के मर्यादित और प्रेरक व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया और इस बात पर बल दिया गया कि हम सब उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के लिए चुनौती बने खड़े आतंकवादियों को मिटाने का संकल्प लें। इसी प्रकार के विचार आचार्य प्राण देव जी द्वारा प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे देव मुनि जी महाराज ने कहा कि राष्ट्र को सही दिशा देने के लिए सभी राष्ट्रवादी शक्तियों को एक मंच पर आने की आवश्यकता है। हमें जातिवाद जैसे जहर भरे विचार को आत्मसात करने की बजाय वेद के एक बनो दिव्य बनो – के भाव को अंगीकार करके चलना होगा. तभी सनातन को मजबूती मिल सकती है, अन्यथा हमारी विक्रम का लाभ शत्रु उठा लेगा।