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आज का चिंतन

*प्राणायाम की महिमा को उद्घाटित करता 2019 मेडिसिन/ फिजियोलॉजी का नोबेल पुरस्कार*

जीव विज्ञान की फंडामेंटल रिसर्च के लिए ही नहीं अर्थववेद के प्राण सूक्त की विज्ञान सम्मत व्याख्या भी है ||


लेखक आर्य सागर खारी 🖋️

सभी जीव जंतु जिसमें हम मनुष्य भी शामिल हैं सभी में जीवन का आधार प्राण वायु ऑक्सीजन है… शरीर की हर कोशिका में ऑक्सीजन ईंधन के रूप में इस्तेमाल होती है…. 6 अक्टूबर 2019 तक दुनिया बस इतना ही जानती थी लेकिन दुनिया के नामी विश्वविद्यालय रिसर्च इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिक यह नहीं जानते थे कि 1000000000000 कोशिकाओं से बने इंसानी शरीर में ऑक्सीजन की कमी या अधिकता को कौन नियंत्रित करता है.. क्या तंत्र है इसके पीछे?

शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए परमात्मा ने प्रत्येक कोशिका के लिए एक सेंसर ऐडाप्ट सिस्टम दिया है…. इसी सिस्टम की खोज और दुनिया को इसे समझाने के लिए दो अमेरिकी तथा एक ब्रिटिश वैज्ञानिक को 2019 का फिजियोलॉजी का नोबेल मिला था |

यह सिस्टम शरीर में ऐसे कार्य करता है जब हम किसी पहाड़ी इलाके में जाते हैं तो वातावरण में ऑक्सीजन की कमी के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है…. तब प्रत्येक शरीर की कोशिका में एक switch ऑन हो जाता है जिसे Hif Alpha प्रोटीन इन वैज्ञानिकों ने नाम दिया है…. शरीर तेजी से लाल रक्त कोशिकाएं तथा रक्त वाहिका बनाने लगता है… सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भी ऐसा ही होता है जब शरीर से खून निकल जाता है ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तब यह सिस्टम सक्रिय हो जाता है तेजी से घाव के आसपास शरीर रक्त वाहिकाए तथा लाल कोशिकाएं बनाने लगता है… क्योंकि हमारे शरीर में सभी अंगों उतको को ऑक्सीजन की सप्लाई लाल रक्त कोशिकाओं से ही होती है….|

जब हम एक्साइज करते हैं तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है प्रतिक्रिया स्वरूप इसी सिस्टम के कारण तेजी से लाल रक्त कणिकाएं बनती है हमारी थकान दूर हो जाती है यदि यह सिस्टम ना होता तो इंसान एक गिलास पानी भी नहीं उठा पाता…|

अर्थववेद के प्राण सूक्त पर विचार करते हैं वेदों में सारा ज्ञान विज्ञान बीज रूप में पहले ही विद्यमान है।प्राणायाम के करने से यह सिस्टम सक्रिय रहता है… इस खोज ने प्राणायाम की महत्ता पर प्रश्नचिन्ह हटाकर उसको विश्व पटल पर स्थापित कर दिया है….। शरीर जब ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए लाल रक्त कणिकाएं बनाता है तो उसे एंजियोजेनेसिस बोला जाता है… प्राणायाम से यह प्रक्रिया नियंत्रित होती है… स्वीडिश नोबेल कमिटी के चेयरमैन ने बताया है इस खोज के कारण अब कैंसर के रोगियों तथा एनीमिया के रोगियों के इलाज में क्रांति आ जाएगी….. अब हम कैंसर कोशिका ट्यूमर के आसपास के स्विच को दवाई के माध्यम से बंद कर सकते हैं बिना ऑक्सीजन के वह ट्यूमर नष्ट हो जाएगा…|

यह पुरस्कार परमात्मा की व्यवस्था को समझने के लिए तीन वैज्ञानिकों को मिला है… परमात्मा की इस व्यवस्था का बीज रूप दर्शन हमें वेदों में भी मिलता है लेकिन हमारा दुर्भाग्य हमने वेदों का पढ़ना पढ़ाना उस पर अनुसंधान करना छोड़ दिया पश्चिमी जगत आज भी विद्या के प्रचार प्रसार अध्ययन में लीन है जातिवाद पाखंड ढोंग आडंबर ब्रह्मचर्य व्यवस्था का लोप संप्रदायवाद के राक्षस ने विश्व गुरु भारत को कहां लाकर पटक दिया |

आर्य सागर खारी ✍️✍️✍️

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