पिछले 72 वर्षों में हिंदू सिखों की तुलना में मुसलमानों की संख्या 3:50 गुना बढ़ी

श्याम सुन्दर पोद्दार

१९४७ मे विभाजित हिन्दुस्तान में हिन्दु-सिखों की जनसंख्या २७ करोड़ व मुसलमानों की जनसंख्या २.५ करोड़ थी। अाज हिन्दु -सिखों की जनसंख्या १०० करोड़ के आसपास है तथा मुसलमानों की जनसंख्या २५ करोड़ है। पाकिस्तान से १.४ करोड़ हिन्दु शरणार्थी बनकर भारत आये। १९४७ में हिन्दु-सिखों की जनसंख्या शरणार्थियों के आने के बाद २८.४ करोड़ हो गई । वह आज १०० करोड़ पर पहुँची है , इसका मतलब यह हुआ कि उनकी जनसंख्या में वृद्धि ७२ वर्ष में ३.५ गुना हुई। वही मुसलमानों की जनसंख्या २.५ करोड़ से बढ़ कर २५ करोड़ हो गई है, यानि उनकी वृद्धि १० गुना हुई । हिन्दू हो या मुसलमान जलवायु दोनों के लिये एक समान है। हिन्दू-सिखों के समान उनकी जनसंख्या ३.५ गुना बढ़कर ८.२५ करोड़ होनी थी न कि २५ करोड़। इसके पीछे मुस्लिम समाज की सोच पाकिस्तान पा जाने के बाद भारत को गणतांनत्रिक तरीके से इस्लामिक राज्य में बदलना है। आज भारत में जो मुसलमान रहते हैं उन्होंने पाकिस्तान की लडा़ई लड़ी। उत्तर प्रदेश के मुसलमानों ने पाकिस्तान आन्दोलन आरम्भ किया तथा इसे सारे भारत में फैलाया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने एक क़दम आगे बढ़ कर आग में घी का काम किया।१९३० के मुस्लिम लीग के इलाहाबाद सम्मेलन में सैयद इकबाल की अध्यक्षता में भारत के पश्चिम दिशा के मुस्लिम बहुसंख्यक राज्यों को मिलाकर मुसलमानों के लिये एक राष्ट्र बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था।इस प्रस्ताव की नींव कांग्रेस नेता मौलाना आज़ाद ने १९२७ में मुस्लिम लीग के कलकत्ता अधिवेशन मे रक्खी थी । १९३० के इस प्रस्ताव के समर्थन में कांग्रेस नेता मोहम्मद अली ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को धमकी भरा टेलीग्राम भेजा कि यदि यह मॉग मानी नही गई तो भारत में गृहयुद्द होगा तथा ख़ून से लोग नहायेंगे। उत्तर प्रदेश के मुस्लिम लीग के नेताओं ने पाकिस्तान आन्दोलन चलाया था ।,इसीलिये’पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाक़त अलीखान उत्तर प्रदेश से थे।

जिन्ना के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग का अध्यक्ष उत्तर प्रदेश मुस्लिम लीग का अध्यक्ष चौधरी खलिकुजम्मा बने।पाकिस्तान बनाने के पीछे मुस्लिम समाज का कहना था कि उनका इस्लाम धर्म उन्हें काफ़िर हिन्दुओं के साथ रहने की इजाज़त नही देता। इसलिये उन्हें अलग से इस्लामिक राज्य पाकिस्तान चाहिये। पाकिस्तान की माँग के समर्थन में अखण्ड भारत के ९३ प्रतिशत मुसलमानों ने वोट दिया। जो ७ प्रतिशत मुसलमानों ने पाकिस्तान माँग का विरोध किया वे आज के पाकिस्तान के सिन्ध,पंजाब प्रान्त के मुसलमान थे। यानि आज भारत में रहने वाले १०० प्रतिशत मुसलमानों ने पाकिस्तान की माँग का समर्थन करके पाकिस्तान बनवाया। अखण्ड भारत में मुस्लिम २३ प्रतिशत थे। पर पाकिस्तान के रूप में अखण्ड भारत की ३० प्रतिशत ज़मीन ले गये।

मात्र ५ प्रतिशत मुसलमान पाकिस्तान गये। क्या उनका इस्लाम धर्म अब उनको इजाज़त दे रहा है काफ़िर हिन्दुओं के साथ रहने की ? क्योंकि कॉंग्रेस नेता मौलाना आज़ाद ने कहा,भारत जैसा देश कभी इस्लाम के अधीन था,हर मुसलमान का कर्तव्य है कि उसे इस्लाम के लिये फिर से जीते। इसे गणतांत्रिक भारत में बिना लड़े सहज ही पाने का उपाय मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के चेयरमेन मरहूम अली मियाँ ने ऐसे कहा कि वे हिन्दुओं से संख्या में अधिक हो जाएं। इस निमित्त मुस्लिम औरतों को ज़िम्मेदारी दी कि वे अपने कोख से अधिक से अधिक बच्चा पैदा करें । भारत के मुसलमान पाकिस्तान में अर्थात अपनी होम लेण्ड में इसलिये नही गये कि भारत को इस्लामिक भारत में बदलना है। ७२ बर्षो में हिन्दु -सिखों की तुलना मे अपनी संख्या बढ़ा कर ।उत्तर प्रदेश से १० लाख मुस्लिम लीगियों को पाकिस्तान भेज कर २० लाख हिन्दुओं का क़त्लेआम करवा कर पाकिस्तान को हिन्दुविहीन करवाकर २३ प्रतिशत से १ प्रतिशत के नीचे व पूर्वी पाकिस्तान आज का बांग्लादेश में ३० प्रतिशत से घटाकर ६ प्रतिशत पर लाकर खड़ा करके वापस उत्तर प्रदेश में आकर बस गये। आप लोग अपनी सफलता पर सोच रहे हैं । हिन्दू समाज बेवक़ूफ़ों का समाज है जो पृथ्वी के इतिहास के इतने जघन्यतमअत्याचार को सहता गया। आप जो सोच रहे हैं वह आपकी भूल है ।हिन्दु समाज को विश्वास हो गया था कि गॉधी अंग्रेज़ों का आदमी है। इसलिये उसने वीर सावरकर के हिन्दुओं के सैनिकीकरण कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

सुभाष बोष वीर सावरकर जी के आदेश पर शिवाजी की तरह अंग्रेज़ों की अॉख में धूल झोंक कर जर्मनी होते हुये जापान पहुँच कर जापान हिन्दु महासभा के अध्यक्ष रास बिहारी बोष से मिले।भारतीय राष्ट्रीय सेना की ज़िम्मेवारी ली तथा देश को सावरकर-सुभाष ने स्वाधीन किया। हम सब जागृत नौजवान हिन्दुओं के रहते अब यह तो भूल जाइये कि कभी भी भारत को इस्लामिक भारत बना पायेंगे। आप के बाप दादा कामयाब हो पाये थे पर अब आप नहीं हो पायेंगे। आप २३ प्रतिशत थे ३० प्रतिशत ज़मीन पाकिस्तान के रूप मे आपको मिल गई।आप अपने रहने की ज़मीन पाकिस्तान से लेकर आइये।तभी आप भारत में रह सकेंगे। बृहत्तर हिन्दु समाज का यह निर्णय है। आपकी स्वाभाविक जनसंख्या २.५ करोड़ से बढ़कर ८.२५ करोड़ होनी चाहिये थी। जो ग़लत इरादे से आपने २५ करोड़ पहुँचा दी। जो सरकारी सुविधा हिन्दु सिख परिवार को मिलतीहै उन्हें ८.२५ करोड़ मुसलमानों के अलावा हम अन्यो को नही दे सकते। (लेखक भारत को स्वतन्त्र कराने वाली हिन्दु महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता है। )

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