नोएडा के ऐतिहासिक गांव बिसरख में की गई आर्य समाज की स्थापना

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ग्रेटर नोएडा।( विशेष संवाददाता ) यहां स्थित ऐतिहासिक गांव बिसरख में आर्य समाज की स्थापना की गई। इस अवसर पर विधिवत यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसके यजमान केशव आर्य बने। यज्ञ के उपरांत आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य , कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सरपंच रामेश्वर सिंह व यज्ञ के ब्रह्मा देव मुनि जी महाराज द्वारा केशव आर्य को बिसरख आर्य समाज का प्रधान और कृष्ण आर्य को मंत्री नियुक्त किया गया । इस अवसर पर यज्ञ के ब्रह्मा देवमुनि जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्र के सामने खड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें अपने सभी प्रकार के मतभेदों को भूल कर सनातन को मजबूत करने के लिए मैदान में उतरना होगा । उन्होंने कहा कि विधर्मी शक्तियां देश में बहुत तेजी के साथ अपना विस्तार कर रही हैं । यदि उन पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो निश्चित रूप से इसके घातक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इसलिए समय रहते जागरूक बनना पड़ेगा । उन्होंने कहा कि नवनियुक्त प्रधान युवा शक्ति से भरपूर है। हमें अपेक्षा है कि उनके नेतृत्व में आर्य समाज बिसरख नई ऊंचाइयों को छूएगा।
आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि शुद्धि के माध्यम से संगठन शक्ति को मजबूत करने का सबसे पहला सार्थक प्रयास आर्य समाज के द्वारा ही किया गया। उन्होंने आंकड़ों के साथ बोलते हुए स्पष्ट किया कि आर्य समाज के मंच से अनेक क्रांतिकारी पैदा हुए, लेकिन शुद्धि आंदोलन के चलते हमें लेखराम जी महाशय चिरंजीलाल आर्य सहित स्वामी श्रद्धांनन्द जी महाराज जैसे दिग्गज नेताओं से भी हाथ धोना पड़ा। जब इस्लामिक जिहादियों ने हमारे इन क्रांतिकारी नेताओं की हत्या कर दी । इसके दृष्टिगत संगठन को और गतिशील बनाए रखने के लिए आर्य वीर दल की स्थापना 26 जनवरी 1929 को की गई। आर्यवीय दल की स्थापना का एकमात्र उद्देश्य आर्य सन्यासियों की सुरक्षा के लिए अपनी निजी सेना खड़ा करना था। आज भी आर्य समाज के नेताओं के लिए विभिन्न प्रकार की चुनौतियां उपस्थित हैं। जिसके लिए आर्य वीरदल को मैदान में उतरना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि हम सब अपने पूर्वजों के द्वारा डाली गई परंपराओं का निर्वाह करते हुए सभी प्रकार के मतभेदों को भुलाकर सनातन की रक्षा के लिए एक मंच पर आकर आवाज बुलंद करें।
श्री आर्य ने कहा कि आज हमें सैद्धांतिक मतभेदों को भी आड़े नहीं आने देना चाहिए। जिस प्रकार आर्य समाज और हिंदू महासभा के नेताओं ने हैदराबाद आंदोलन के समय सुर में सुर मिलाकर काम किया था वैसा ही काम करने की आवश्यकता आज भी है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में श्री रामेश्वर सरपंच ने कहा कि हमें आर्य समाज के क्रांतिकारी स्वरूप को फिर से जागृत करने की आवश्यकता है। जो लोग क्रांति के माध्यम से समाज परिवर्तन करने के इच्छुक हैं , उन्हें इस आंदोलन की वास्तविकता और महत्व को समझना होगा। जबकि जिला उप प्रधान श्री मुकेश नागर एडवोकेट ने अपने संबोधन में कहा कि आर्य समाज ऋषि दयानंद जी महाराज के सपनों का भारत बनाने के लिए कृत संकल्प है। जिसके लिए इसके चिंतन और राजनीतिक दर्शन को अपनाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री आर्य सागर खारी द्वारा किया गया। उन्होंने गांव के इतिहास पर भी गंभीरता से प्रकाश डाला और बताया कि यह रावण के पिता की विश्व की कभी राजधानी रहा था, उन्हीं के नाम से इसका नाम बिसरख हुआ। उन्होंने युवा शक्ति का आवाहन किया कि उन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा में जुड़कर राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहिए। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के उप प्रधान श्री महावीर सिंह आर्य, मंत्री श्री धर्मवीर सिंह आर्य, कार्यकारिणी सदस्य कमल सिंह आर्य, बाबूलाल आर्य आदि आर्यजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजक संयोजक श्री रंगीलाल भाटी द्वारा अंत में सभी उपस्थित महानुभावों का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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