राष्ट्र निर्माण पार्टी के नए राष्ट्रीय कार्यालय का उद्घाटन हुआ संपन्न
नई दिल्ली। ( विशेष संवाददाता ) यहां स्थित शकरपुर विकास मार्ग पर राष्ट्र निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय का विधिवत उद्घाटन किया गया । विजयदशमी के पर्व पर आयोजित किए गए एक विशेष कार्यक्रम में पार्टी के नए कार्यालय का उद्घाटन संपन्न हुआ। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार ने अपने विशेष संबोधन में कहा कि देश के सामने जिस प्रकार अराजक तत्व सिर उठाकर देश के लिए सर दर्द बन चुके हैं, उसके दृष्टिगत स्वामी दयानंद जी महाराज के सपनों का भारत अर्थात आर्यावर्त निर्माण करना राष्ट्र निर्माण पार्टी का सर्वोपरि कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि देश में चारों ओर अशांति का वातावरण है, विधर्मी भारत के हिंदू धर्म को मिटाकर भारत को इस्लामी या इसाई राष्ट्र बनाने के सपने संजो रहे हैं । उन्होंने कहा कि तमाम सेक्यूलर दल इस संकट की ओर से आंख मूंदे बैठे हैं । जबकि केंद्र की वर्तमान सरकार भी कोई ठोस रणनीति बनाकर इन विधर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने में असफल सिद्ध हो रही है। डॉ आनंद कुमार ने कहा कि श्री राम को आज हमें अपना आदर्श बनाना चाहिए। जिनकी महान जीवन प्रक्रिया विजयदशमी के पर्व से जुड़ी हुई है। उन्होंने अपने जीवन काल में अनेक राक्षसों का अंत कर राष्ट्र निर्माण में अपने महत्वपूर्ण दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया था। उनके जीवन से शिक्षा लेकर आज हमें इसी दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित रहे सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में कहा कि श्री राम ने अपने जीवन काल में संपूर्ण भूमंडल से राक्षसों का अंत किया था। उन्होंने 14 वर्ष के वनवास के काल में अनेक ऋषि महर्षियों से मिलकर शास्त्र योजना के साथ-साथ शस्त्र योजना पर भी विचार किया। जिससे वह अपने समय में सत्य सनातन धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा करने में सफल हुए। आज हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर फिर से ऐसी रणनीति बनानी है जिसके चलते सभी अराजक और राष्ट्रविरोधी शक्तियों का अंत किया जा सके।
श्री आर्य ने कहा कि भारत में ईसाइयों के द्वारा भी एक नई चुनौती खड़ी की जा चुकी है। जिसे स्थापित करने में मदर टेरेसा का विशेष योगदान रहा। जिसे कांग्रेस की सरकारों ने भारत रत्न से सम्मानित किया, जो महिला सारे पूर्वोत्तर भारत को ईसाइयत के रंग में रंग कर गई अर्थात देश में विखंडन के बीज बोने का जिसने लक्ष्य बनाया, उसे भारत रत्न देना भारत रत्न का ही अपमान करना है। साथ ही ऐसा करके शासकीय स्तर पर हमारे उस आलस्य और प्रमाद का प्रदर्शन भी स्पष्ट हो गया, जिसके चलते हम राष्ट्र विरोधियों को ही सम्मानित करने की राष्ट्र विरोधी नीतियों का अनुकरण करते रहे हैं।
श्री आर्य ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए संकल्पित जीवन शैली की आवश्यकता है । विजयदशमी का पर्व हमारी विजय, वीरता ,शौर्य और पराक्रम की परंपरा से जुड़ा हुआ पर्व है । जिस पर हम नए विजय अभियानों को लेकर निकलते थे। हमारी सेनाएं संपूर्ण भूमंडल के लिए प्रस्थान करती थी। उन सेनाओं का प्रस्थान करने का एक ही उद्देश्य होता था कि जहां जहां भी राष्ट्रविरोधी शक्तियां हैं, वहां-वहां उनका अंत किया जाए । आज भी हमें इसी प्रकार के संकल्प को लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। तभी हम वास्तव में राष्ट्र निर्माण करने के अपने संकल्प को प्राप्त कर पाएंगे।
इस अवसर पर स्वामी सुरेंद्रानंद सरस्वती जी द्वारा भी आशीष वचन प्रदान किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देश विरोधी शक्तियों को कुचलने के संकल्प के साथ जब राष्ट्रीय नेतृत्व आगे बढ़ता है तो उसके अच्छे परिणाम आते हैं। और जब उनके प्रति समझौता वादी दृष्टिकोण अपनाया जाता है या तुष्टिकरण का खेल खेला जाता है तो राष्ट्र का पतन होता है। कार्यक्रम का सफल संचालन पार्टी के कोषाध्यक्ष योगी दानवीर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतो के प्रांतीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय पदाधिकारियों सहित गौतम बुद्ध नगर आर्य प्रतिनिधि सभा के उप प्रधान महावीर सिंह आर्य, मुकेश नागर एडवोकेट और मंत्री धर्मवीर सिंह आर्य सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।