अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सबसे विश्वसनीय मित्र : भारत और रूस
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रधानमंत्री श्री मोदी की बढ़ती लोकप्रियता भारत के लिए बहुत ही गर्व और गौरव का विषय है । प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी शाख और धाक जमाने में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी है । सचमुच पहली बार ऐसा लगता है जब देश के प्रधानमंत्री के बोलने के साथ-साथ सारा भारत बोलता है । प्रधानमंत्री अपनी प्रत्येक विदेश यात्रा के समय भारत की भाषा और भूषा का भी विशेष ध्यान रखते हैं । वह कभी भी अंग्रेजी भाषा में विदेशी मंचो को संबोधित नहीं करते । उनके इस हिंदी प्रेम से भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी का कद बढ़ा है ।जहां तक रूस के साथ भारत के संबंधों की बात है तो रूस 1947 के बाद से लेकर अब तक भारत के लिए सबसे अधिक विश्वसनीय साथी सिद्ध हुआ है । चाहे कश्मीर समस्या हो चाहे कोई अन्य वैश्विक मुद्दा हो , सभी पर उसने भारत के साथ सहयोग करके अपनी मित्रता को निभाने का सराहनीय कार्य किया है । रूस हमारे साथ नहीं होता तो चीन कश्मीर को पाकिस्तान के साथ मिलकर या तो हड़प सकता था या उसे पाकिस्तान को दिलवाने में सफल हो सकता था । परंतु रूस की सक्रियता के चलते और मित्रता को निभाने के प्रति उसकी अटूट भावना के कारण कश्मीर आज भारत के साथ है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस में व्लादिवोस्तोक यात्रा के दौरान विगत 4 सितम्बर को दोनों देशों के बीच 15 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार यह समझौते निम्न प्रकार हैं :– जॉइंट स्टेटमेंट रीचिंग न्यू हाइट्स ऑफ को-ऑपरेशन थ्रो ट्रस्ट एंड पार्टनरशिप।* जॉइंट स्ट्रेटेजी फॉर द इंनहेंसमेंट ऑफ इंडिया-रशिया ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट्स (भारत और रूस के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रणनीति।)।* भारत सरकार और रूस सरकार के बीच रूस/सोवियत के सैन्य उपकरणों के कलपुर्जो के निर्माण पर सहयोग का समझौता।* भारत सरकार और रूस सरकार के बीच ऑडियोविजुअल के सह-उत्पादन में सहयोग पर समझौता।* भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और रूस के परिवहन मंत्रालय के बीच सड़क परिवहन और सड़क उद्योग में द्विपक्षीय सहयोग पर समझौता।* भारत के जहाजरानी मंत्रालय और रूस के परिवहन मंत्रालय के बीच भारत के चेन्नई स्थित बंदरगाह और रूस के व्लादिवोस्तोक स्थित बंदरगाह के बीच समुद्री संचार के विकास पर समझौता।* भारत के वित्त मंत्रालय के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड तथा रूस की संघीय सीमा शुल्क सेवा के बीच 2019-2022 में सीमा शुल्क संबंधी उल्लंघनों पर सहयोग के लिए योजना।* रूस के ऊर्जा मंत्रालय और भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के बीच परिवहन के लिए प्राकृतिक गैस के उपयोग पर समझौता।* भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और रूस के ऊर्जा मंत्रालय के बीच तेल और गैस क्षेत्र में सहयोग पर विस्तार का कार्यक्रम।
- रशियन फार ईस्ट में कोकिंग कायला खनन परियोजनाओं के क्रियांवयन में सहयोग के लिए कोल इंडिया लिमिटेड और फार ईस्ट इनवेस्टमेंट एंड एक्सपोर्ट एजेंसी के बीच समझौता।* निवेश सहयोग के लिए इनवेस्ट इंडिया और रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड सहयोग का समझौता।* फेडरेशन ऑफ इंडिया चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और इंडस्ट्री ऑफ रोसकांग्रेस फाउंडेशन के बीच सहयोग का समझौता।* नई परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए फेडरेशन ऑफ इंडिया चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और ऑटोनोमस नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन एजेंसी फॉर स्ट्रेटेजिक इनीशिएटिंव्स के बीच समझौता।* एलएनजी बिजनेस और एलएनजी सप्लाई के संयुक्त विकास के लिए जॉइंट स्टॉक कंपनी नोवाटेक और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के बीच समझौता।*जॉइंट स्टॉक कंपनी रोसजियोलोजिया और स्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड के बीच सहयोग पर समझौता।भारत के नेता नरेंद्र मोदी और रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन के बीच पिछले 18 वर्ष में जिस प्रकार के संबंध विकसित हुए हैं वह आज अपने चरम पर हैं । दोनों नेताओं के बीच परस्पर एक दूसरे की बात पर विश्वास है । जिसके चलते दोनों देश मिलकर आज नया इतिहास लिख रहे हैं । दोनों देशों की मित्रता से चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है । पाकिस्तान यदि भारत के विरुद्ध कुछ करने की सोचता है तो उसे भारत के पीछे रूस भी खड़ा दिखाई देता है । इसी प्रकार चीन यदि पाकिस्तान के माध्यम से भारत को तंग कराने का प्रयास करता है तो उसे भी भारत के साथ रूस खड़ा दिखाई देता है । इस प्रकार रूस और भारत की मित्रता इस समय एक शक्ति बन चुकी है। ईश्वर करे यह शक्ति भविष्य में भी इसी प्रकार सख्ती के साथ अपने क्षेत्रीय और वैश्विक शत्रुओं का सामना करती रहे।डॉ राकेश कुमार आर्यसंपादक : उगता भारत