*"इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है, वह समस्याओं से खाली नहीं है। और जब तक जीवन रहेगा, तब तक समस्याएं भी बनी रहेंगी। किसी के जीवन में समस्याएं कम आती हैं, और किसी के जीवन में कुछ अधिक।"*
*"जब कोई समस्या जीवन में आ ही जाती है, तो उससे घबराना नहीं चाहिए। उसका सामना करना चाहिए। उससे युद्ध करना चाहिए, और उसे जीत लेना चाहिए। तभी जीवन सफल होता है अन्यथा नहीं।"*
*"जब आपके जीवन में समस्याएं आती हैं, तो वे आपको तोड़ती हैं, मरोड़ती हैं, आपको अच्छी प्रकार से घुमाती हैं, हिलाती हैं।" "तब यदि आप पूरे आत्मविश्वास पुरुषार्थ और बुद्धिमत्ता से, माता पिता गुरुजनों समाज के लोगों और ईश्वर के सहयोग से, उनके आशीर्वाद से, उन समस्याओं से संघर्ष करेंगे, तो भले ही आपको कुछ कष्ट अवश्य होगा, परंतु समस्याओं द्वारा प्रताड़ित होने पर और उनसे युद्ध करके उन्हें जीत लेने पर, आप वास्तव में निखर जाएंगे।" "तब आप के अंदर बल शक्ति उत्साह और आनन्द आ जाएगा। और आप पहले से अधिक साफ़ सुथरे मजबूत बुद्धिमान और गुणवान बन जाएंगे। बिल्कुल वैसे ही, जैसे वॉशिंग मशीन में कपड़े धुल पिटकर साफ सुथरे और चमकदार बन जाते हैं।"*
—- “स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक – दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़, गुजरात.”