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हरियाणा में हैट्रिक लगाकर बहुमत के साथ बीजेपी ने अपना दबदबा बनाए रखा बल्कि कांग्रेस और केजरीवाल को ठुकराकर हरियाणावासियों ने भारत को बांग्लादेश बनने से रोकने का सफल प्रयास किया है, अब बाकि राज्यों की जनता को जागना होगा
2024 लोक सभा चुनावों की तरह हरियाणा में भी सारे एग्जिट पोल और राजनीतिक पंडितों को धता बता हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाई। दूसरे, कांग्रेस के अभियान में यह कहना कि ‘हुड्डा आ रहे हैं’, जिसे जनता ने एक धमकी समझ हाथों-हाथ ले लिया, जिसे कांग्रेस समझ नहीं पाई और मुफ्त की रेवड़ियां भी नकाम रही। फिर शैलजा को नज़रअंदाज़ करने के साथ-साथ प्रदेश में बंसी लाल और भजन लाल के विकास कार्यों को भुनाने का बिलकुल भी प्रयास नहीं किया, बल्कि इनके परिवारों को भी नज़रअंदाज़ करना कांग्रेस की सबसे बड़ी भूल थी। बंसी लाल कहते थे कि प्रदेश में इतनी सड़कें बनवा दूंगा कहीं कोई खरंजा तक नज़र नहीं आएगा, प्रदेश दौड़ेगा। फिर विनेश फोगट का दुरूपयोग करना भी कांग्रेस को भारी पद गया। फोगट तो जीत गयी, लेकिन कांग्रेस सत्ता से बाहर रह गयी। खैर, कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। राहुल गाँधी का विदेशी धरती पर आरक्षण के विरोध में बोलना भी भारी पड़ा। यहां तक कि किसान नेता बन सौदेबाज़ी करने वाला उपद्रवी किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी सिर्फ 1170 वोट ले अपनी जमानत जब्त करवा बैठा। यानि जनता के बीच तथाकथित किसान आंदोलन आन्दोलनजीवी द्वारा एक षड़यंत्र साबित हो गया।
जनता के दिमाग में बीजेपी के विरुद्ध केवल एक ही गलत धारणा थी कि केवल चुनावों में ही गाँधी परिवार घोटालों को क्यों उछाला जाता है। इतने सालों से राज्य और केंद्र में सत्ता होने के बावजूद अब तक कोई सख्त कार्यवाही क्यों नहीं की? क्यों अब तक जमानत पर बाहर घूम रहे हैं? क्या कर रहे हैं अदालतें?
इतना ही नहीं, जनता के सामने कांग्रेस द्वारा भारत को बांग्लादेश बनाने की धमकी भी कांग्रेस के खिलाफ गयी। कांग्रेस के सत्ता में आने से जनता को डर था कि शम्भू बॉर्डर खुलते ही तथाकथित आन्दोलनजीवी किसानों के समर्थन खालिस्तानी दिल्ली में ही उपद्रव नहीं मचाएंगे बल्कि दिल्ली से पहले हरियाणा ही बर्बादी की कगार पर पहुँच जाएगा। अरविन्द केजरीवाल की पार्टी को भी इसीलिए घास तक नहीं डाली।
देश पर दस साल शासन करने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मतदाताओं का ना सिर्फ भरोसा बरकरार है, बल्कि इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने खूब लोकलुभावन वादे किए और रेवड़ियां बांटी। इसके बावजूद बीजेपी के शानदार प्रदर्शन ने फिर साबित कर दिया है कि मतदाताओं के बीच मोदी लहर कायम है। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज कर बीजेपी ने हैट्रिक लगाकर सत्ता में वापसी की है। इसके साथ ही बीजेपी ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर एक नया रिकॉर्ड भी बना दिया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में अभी तक कोई भी पार्टी लगातार तीन बार चुनाव नहीं जीत पाई है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले 39.88 प्रतिशत वोट मिले हैं। यह हरियाणा में बीजेपी का अब तक का सबसे ज्यादा मत प्रतिशत है।
देखते हैं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने किस तरह लोकसभा,विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव में एक के बाद एक जीत हासिल की है…
बीजेपी नेतृत्व में केंद्र में एक बार फिर NDA की सरकार…
पीएम मोदी लगातार तीन टर्म देश चलाने वाले जवाहर लाल नेहरू के बाद दूसरे प्रधानमंत्री हैं। उनके नेतृत्व में एनडीए लोकसभा चुनाव में ना सिर्फ बहुमत से ज्यादा सीट पाने में कामयाब रहा है, बल्कि बीजेपी अपना वोट शेयर बढ़ाने में भी सफल रही है। ऐसा पहली बार है कि दस साल सत्ता में रहने के बाद भी बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर देखने को नहीं मिली और पार्टी वोट शेयर बढ़ाने में सफल रही।
लोकसभा चुनाव में फिर सबसे बड़ी पार्टी बनी
बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में 240 सीटों के साथ एक बार फिर देश की सबसे बड़ी पार्टी बनने में सफल रही है। बीजेपी इस चुनाव में 36.56 प्रतिशत वोट हासिल करने में कामयाब रही है। इसके साथ ही एनडीए को कुल 292 सीटें मिली है, जो बहुमत 272 से काफी ज्यादा है। एनडीए घटक में जेडीयू को 12, टीडीपी को 16, शिवसेना शिंदे को 7 और एनसीपी अजीत पवार को एक और पवन कल्याण की जनसेना को दो सीटें मिली हैं। जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन को सिर्फ 233 सीटें ही मिली हैं। इंडी गठबंधन मिलकर भी उतनी सीटें जीत नहीं पाया, जितनी बीजेपी अकेले जीतने में सफल रही।
कई राज्यों में बीजेपी की दमदार उपस्थिति
बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव में कई राज्यों में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज की है। बीजेपी दिल्ली में सात की सात, मध्य प्रदेश में 29 की 29, हिमाचल प्रदेश में चार में से चार, उत्तराखंड में पांच में से पांच सीटें जीतने में सफल रही है। इतना ही नहीं बीजेपी को गुजरात में 26 में से 25, ओडिशा में 21 में से 20 और छत्तीसगढ़ में 11 में से 10 सीटें मिली हैं। इसके साथ ही बीजेपी ने तेलंगाना में 17 में से 8 सीटें जीत सभी को चौंका दिया है।
ओडिशा में पहली बार बीजेपी सरकार
ओडिशा विधानसभा चुनावों में बड़ा उलटफेर करते हुए बीजेपी यहां सरकार बनाने जा रही है। बीजेपी ने राज्य में 24 साल से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को हराकर इतिहास रच दिया है। बीजेपी ने ओडिशा में 147 सीटों में से 78 सीटों पर जीत हासिल कर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। साल 2000 से सत्ता में काबिज बीजेडी 51 सीटें ही जीत पाई। कांग्रेस को भी सिर्फ 14 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई। बीजेपी ने यहां विधानसभा में ही नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन किया है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 21 सीटों में से 20 सीटों पर जीत हासिल की है।
अरुणाचल प्रदेश में भी बीजेपी सरकार
पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। बीजेपी ने यहां की 60 विधानसभा सीटों में से 46 पर जीत दर्ज कर सभी को हैरत में डाल दिया है। बीजेपी के इस प्रचंड जीत से पार्टी नेता गदगद हैं। बीजेपी के 10 उम्मीदवार यहां चुनाव से पहले ही निर्विरोध जीत गए थे। अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस को सिर्फ एक ही सीट जीत मिली है। राज्य में नेशनल पीपुल्स पार्टी को पांच और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को तीन सीटें मिली हैं।