ईरान ने सीधे युद्ध में कूद कर शायद गलती कर दी है

INDIA FIRST से साभार

ईरान को इज़रायल पर हमला करके सीधा युद्ध में नहीं कूदना चाहिए था; कई देश खुश हैं लेकिन जब इज़रायल मारेगा तो आज खुश होने वाले रोते फिरेंगे; जिया-उल-हक़ ने जब 3000 फिलिस्तीन शरणाथियों को गोली से भुना था तब क्यों चुप थे?

सुभाष चन्द्र
ईरान कह रहा है कि उसने इज़रायल पर हमला करके Ismail Haniyeh और Hassan Nasrallah की मौत का बदला पूरा कर लिया। इसके पहले इज़रायल के 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी कंसुलेट पर हमले में कुछ वरिष्ठ ईरानी अधिकारी मारे जाने के बाद भी ईरान ने 13 अप्रैल को ईरान ने इज़रायल पर 300 मिसाइलों से हमला किया था जिसका जवाब भी इज़रायल ने 19 अप्रैल को दिया था।

मुस्लिम जेहादियों का दोगलापन देखो, जब पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जिया-उल-हक़ ने 3000 से अधिक फिलिस्तीनियों को अपने यहां शरण देने पर जब इजराइल और गाज़ा में शांति होने पर इन शरणाथियों के पाकिस्तान से वापस न जाने पर पाकिस्तान फ़ौज ने गोलियों से भूनने पर किसी की आवाज़ तक नहीं निकली, क्योकि फिलिस्तीनियों को मारने वाला मुस्लिम देश था कोई गैर-मुस्लिम देश नहीं। दूसरे, ऐसा कौन-सा मुस्लिम देश है जहाँ शियाओं को नहीं मारा जा रहा है, उस पर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं?

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पिछले एक साल से हिज़्बुल्ला, हमास और हूती के जरिए ईरान इज़रायल के साथ एक प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा था लेकिन Haniyeh और Hassan Nasrallah की मौत का बदला लेने के लिए वो सीधा इज़रायल से भिड़ गया है जो शायद उसने ठीक नहीं किया। ऐसा करके उसने अमेरिका और पश्चिमी देशों को मौका दे दिया न केवल इज़रायल को खुल कर सपोर्ट करने के लिए बल्कि उस पर भी हमला करने के लिए। ईरान का nuclear plan पूरे विश्व के लिए बड़ा खतरा है और इसलिए इज़रायल को उसके nuclear installations को पहले ख़त्म करना चाहिए।

नसरल्लाह ने एक साल में इज़रायल पर 9000 मिसाइल दागी और ईरान के साथ मिलकर हिज़्बुल्ला, हमास और हूती इज़रायल को दुनिया के नक़्शे से मिटाने में लगे थे। तब नसरल्लाह को भारत में या किसी इस्लामिक देश में कोई नहीं टोक रहा था लेकिन जैसे ही इज़रायल ने उसे मार गिराया, उसे शहीद का दर्जा दे दिया गया जैसे वो मानवता की भलाई करने वाला कोई फरिश्ता था।

ये लड़ाई इज़रायल अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहा है और ईरान समेत सभी आतंकी संगठन और देश उसे ख़त्म करने के लिए लड़ रहे हैं। इसलिए इज़रायल को किसी तरह भी दोष देना उचित नहीं है।

भारत के कुछ मुसलमान टीवी में बैठ कर एक रोना जरूर रोते हैं कि इज़रायल बच्चों और औरतों की हत्या कर रहा है। जबकि किसी को याद नहीं रहता कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने दुधमुहे बच्चों और बुजुर्गों की निर्मम हत्या की थी इज़रायल में और महिलाओं का जानवरों की तरह बलात्कार किया था। हमास और हिज्बुल्ला जब महिलाओं, बच्चों और अस्पतालों को ढाल बनाएंगे तो कुछ भी हो सकता है।

अभी जब इज़रायल ईरान पर बदले की कार्रवाई करेगा तो यही आज खुश होने वाले रोते फिरेंगे। ये आतंकी हमले करते हैं और फिर विक्टिम कार्ड भी खेलते हैं और उनके लिए भारत के मुसलमान भी उन्हें विक्टिम ही मान लेते हैं, क्योकि भारत के मुसलमान भी उपद्रव करने पर कार्यवाही होने पर विक्टिम कार्ड खेलते हैं। सीरिया 6 लाख लोगों के मरने के बाद बच्चों को आगे करके अपने नागरिकों को पश्चिमी देशों में विक्टिम कार्ड खेल कर शरणार्थी बना कर भेजता रहा।

सोचो अगर किसी दिन पाकिस्तान को भी गाज़ा बना दिया गया तो क्या होगा और यह भी जल्दी होगा। पाकिस्तान का समय अब ख़त्म हो चुका है क्योंकि अपने यहां वो पहले ही आतंकी पाल रहा है और अब जाकिर नाइक को भी बुला रखा है जो कह रहा है कि अंतिम यहूदी के मरने तक जिहाद करने मुसलमान इज़रायल के खिलाफ।

भाषा देखिए भारत में मुसलमानों की इज़रायल के विरोध में –

इज़रायल मानवता के लिए खतरा है : सलमान खुर्शीद;

इज़रायल टेररिस्ट स्टेट हो गया है : ST Hasan;

इज़रायल को सजा मिलनी चाहिए : कल्बे जव्वाद;

इज़रायल ने सेल्फ डिफेन्स में हमला किया : फरंगी महली;

ईरान ने बहादुरी का काम किया : मौलाना यासूब अब्बास

लखनऊ में शिया मुसलमानों ने नसरल्लाह के शोक में 3 दिन बाजार बंद रखे अब शुक्रवार की नमाज़ के बाद क्या गुल खिलाएंगे, देखना होगा लेकिन इज़रायल के प्रतिकार के बाद ये लोग रोने के लिए तैयार रहें।

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