अब मीलॉर्ड योगी के आदेश से कोई छेड़खानी न करें,
यदि करनी है तो सुप्रीम कोर्ट में सबके सामने थूक मिला खाना खाइए और पेशाब मिला जूस पीजिए
सुभाष चन्द्र
कांवड़ यात्रा के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय लिया कितना तुष्टिकरण प्रेरित था, कभी अपने निर्णय पर शायद पछतावा नहीं किया। जिन हिन्दू नामों से चल रहे ढाबों और रेस्टोरेंट के मालिकों के गैर-मुस्लिमों के जितने भी नाम सामने आए थे, स्वतः संज्ञान लेकर जनता को धोखा देने के आरोप पर कार्यवाही क्यों नहीं की? यदि स्थिति विपरीत होती तो क्या तब भी इसी तरह मुंह में दही जम गया होता?
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पिछले कुछ ही दिनों में जैसे थूक मिले खाने और पेशाब मिले जूस के मामलों की बाढ़ सी आ गई, एक के बाद एक किस्से सामने आ रहे थे जिनमे कुछ थे –
ग़ाज़ियाबाद में थूक और पेशाब मिलता पकड़ा गया;
शामली में गन्ने के रास थूकता हुआ पकड़ा गया;
लखनऊ में थूक से मसाज की जा रही थी;
नोएडा में जूस में थूक मिलाने की वारदात;
मेरठ में नान पर थूक लगाने का वीडियो;
बागपत में थूक लगा कर रोटी दी रही थी;
सहारनपुर में रोटी पर थूक लगाया जा रहा था;
ऐसी हरकत करते कथित शांतिप्रिय समुदाय के लोगों को शर्म भी नहीं आती – सोच कर भी घिन आती है कि किसी ने खाने में थूक लगाया और जूस में पेशाब मिलाया – एक बार ये लोग खुद खाएं और ऐसा जूस पीकर देखें कैसा लगेगा –
जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस SV Bhatti ने सावन के महीने में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के नियमों पर रोक लगा दी थी जिसमें कहा गया था कि कांवड़ मार्ग पर ढाबे रेस्तरां और होटल वाले अपनी नेमप्लेट लगाएंगे – और सावन निकल गया लेकिन कोई फैसला तो क्या आगे सुनवाई भी नहीं की – केवल इसलिए न कि हिंदू सहिष्णु है – सुप्रीम कोर्ट के जज हिंदुओं को शांति भंग करने के लिए उकसाने का काम करते हैं और मुसलमानों के हक़ में खड़े रहते हैं –
लेकिन आज मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक करके निर्देश जारी किए ➖
यूपी में खाने पीने की दुकानों पर नाम लिखना अनिवार्य होगा;
खान-पान केंद्रों पर संचालक के नाम लिखने होंगे;
प्रोपराइटर और मैनेजर का नाम – पता भी डिस्प्ले होगा;
होटल, ढाबे, रेस्तरां में CCTV लगाने होंगे;
CCTV केवल ग्राहकों के बैठने की जगह पर नहीं होंगे;
पूरे परिसर में लगाने होंगे और फीड सुरक्षित रखना होगा;
ऐसी जगहों पर साफ सफाई का ध्यान रखना होगा;
शेफ और वेटर को मास्क और ग्लव्स पहनना जरूरी होगा;
प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट की गहन जांच होगी;
वहां के हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाएगा;
खाने पीने की चीज़ों की शुद्धता की जांच की जाएगी;
खाद्य सुरक्षा कानून में आवश्यक बदलाव होगा;
बैठक में योगी ने कहा कि खाने पीने की चीज़ों में यूरिन
और थूक मिलाने की घटनाएं देखने को मिली हैं,
ये वीभत्स है और बर्दाश्त के काबिल नहीं है, इसे
स्वीकार नहीं किया जा सकता,
राज्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस
प्रबंध किए जाएं
कोई न कोई ढक्कन सेकुलर प्रशांत भूषण, कपिल सिब्बल और महुआ मोइत्रा जरूर फिर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे लेकिन अबकी बार मीलॉर्ड कोई रोक लगाने की कोशिश न करें क्योंकि योगी के आदेशों में कुछ भी गलत नहीं है और वो किसी खास समुदाय के लिए नहीं हैं सबके लिए हैं – मई यह इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मीलॉर्ड से ऐसी छेड़छाड़ की उम्मीद की जा सकती है –
लेकिन फिर भी मिलॉर्ड अगर रोक लगाते हैं तो ऐसा करने से पहले उन्हें open court में थूक लगी हुई रोटियां/नान, थूक डाली हुई सब्जियां और दालें खानी चाहिए और पेशाब मिला हुआ जूस पीना चाहिए – याद रहे तिरुपति प्रसादम में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी के विषय पर अभी मीलॉर्ड सो रहे हैं – अगर यह मामला मुस्लिमों के खिलाफ होता तो अब तक तो रात में कोर्ट खोल कर तांडव कर रहे होते –
अबकी बार वैसे योगी के आदेश को चुनौती पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में देनी होगी, सीधे सुप्रीम कोर्ट में नहीं लेकिन उनका कुछ कह नहीं सकते, हो सकता है पंचायत लगा कर खुद ही बैठ जाएं –