राहुल गांधी ने कल सारे राजा महाराजाओं को लुटेरा और छिनैत बता दिया…. किसे किसे दुख तकलीफ हुई ?? बहुतों को हुई है, लेकिन आपत्ति जताते हुए कोई विशेष कुछ बोला नहीं। पर मोदी जी ने इस मुद्दे पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने आज पूछा है कि राजा महाराजा क्यो बोला..? शहंशाह या मुगल बादशाह क्यों नहीं कहा ?? राहुल गांधी के राजा-महाराजाओं के जमीन उठा ले जाने के बयान पर नरेन्द्र मोदी जी ने आक्रमक लहजे में पूछा , “भारत के इतिहास में जो अत्याचार नवाबों ने किये, निजामों ने किये, सुल्तानों ने किये, बादशाहों ने किये, उसकी बात पर तो शहजादे के मुँह पर ताला लग जाता है। बोलती बंद हो जाती है। राजाओं, महाराजाओं को गालियाँ दे रहे हो? उनको अपमानित करते हो?”
प्रोफेसर Pawan Vijay ने राहुल गांधी के उस बयान पर गंभीर आपत्ति जताते हुए लिखा है कि राहुल गांधी का राजाओं महाराजाओं पर दिया गया बयान जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। क्षत्रिय समाज का रक्षक वर्ग रहा है। उन पर भूमि छीनने का आरोप उस पार्टी का नेता लगा रहा है जिस कांग्रेस ने राजाओं की जमीन छीन ली, उनके अधिकार छीन लिए, उनकी रैंक और स्टेटस को धूमिल कर दिया।
कांग्रेस पार्टी अब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी लेनिनवादी में बदल गई है। राहुल गांधी को उन के प्रशिक्षकों ने महाराजा शिवि से लेकर बाबू सूर्य नारायण सिंह तक के बारे में शायद ही कुछ बताया हो। चाणक्य ने सही कहा था कि एक विदेशी के गर्भ से पैदा हुआ पुत्र देश व संस्कृति के प्रति कभी वफादार नहीं हो सकता है।
जिस राजा शिवि ने एक कबूतर को बचाने के लिए अपने शरीर का मांस काट कर दान कर दिया हो, जिस राजा दिलीप ने गाय बचाने के लिए स्वयं का दान कर दिया हो, जिस राजा हरिश्चंद ने अपना राजपाट स्वप्न में देखे गए दृश्य के आधार पर ही दान में दे दिया हो, जिस राजा जनक ने खेती करने के लिए दो तिहाई भूमि अपनी प्रजा को दे दिया हो, जिस राजा हर्ष ने प्रयाग में सब कुछ दान देने के बाद बहन से भिक्षा मांग कर कपड़े पहने हों, जिस कृष्णदेव राय राजा ने अग्रहार भूमिदान की परंपरा डाली, जिस राजा सूर्य नारायण सिंह ने विनोबा भावे को अपनी सारी जमीन दान में दे दी.. क्या राहुल गांधी उनका नाम जानते हैं?
राजाओं ने हमेशा जमीनें दी हैं, हड़पी नहीं हैं।
राहुल गांधी को भारत के राजाओं के बारे में तृण भी नही पता है। संपत्ति को हड़पने का हेरोल्ड केस खुद राहुल गांधी और उनकी मां पर चल रहा है जिसमें वह जमानत पर बाहर हैं।
राहुल गांधी ने क्षत्रियों के रक्षा करने के धर्म को विरूपित किया है, उन्हें डाकू, लुटेरा और अत्याचारी बताया है। यह वामपंथियों के उसी नरेटिव का हिस्सा है जिसमें ब्राह्मण पाखंडी, राजपूत शोषक, बनिया लालची और शूद्र शोषित होता है। यही नरेटिव भारत को तोड़ने वाली शक्तियों का भी है। राहुल का बयान दिखाता है कि वह चीनी मीडिया के प्रवक्ता बन चुके हैं।
यह बयान केवल राजपूतों का ही नहीं बल्कि सभी हिंदुओं का अपमान है।