तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा
तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा बहुत हंसी आती है ऐसी बातों पर
=वैदिक धर्म में अंधविश्वास का कोई स्थान नहीं हैं वैदिक धर्म में तीन (३) अंक को बहुत शुभ माना गया है । वैदिक धर्म में तीन का कितना महत्व है वह निम्नलिखित कुछ बिंदुओं द्वारा प्रमाणित किया जा सकता सकता है ।
तीन दुःख = (१.) आध्यात्मिक (२.) आधिदैविक, (३.) आधिभौतिक
धन की तीन गतियां = (१) दान (२) भोग (३) नाश ।
संसार उत्पत्ति के तीन कारण = (१) निमित्त कारण (२) उपादान कारण (३) साधारण कारण ।
तीन ऐषणाएं = (१) पुत्रैषणा (२) लोकेषणा (३) वित्तैषणा ।
संस्कृत के तीन वचन = (१) एक वचन (२) द्विवचन (३) बहुवचन ।
संस्कृत के तीन पुरुष = (१) प्रथम पुरुष (२) मध्यम पुरुष (३) उत्तम पुरुष ।
जीवन की तीन स्थिति = (१) सुखी (२) दु:खी (३) सम
कर्म के तीन प्रकार = (१) पुण्य (२) पाप (३) मिश्रित।
कर्म के तीन साधन= (१) मन (२) वाणी (३) शरीर ।
धर्म के तीन फल = (१) जाति (२) आयु (३) भोग ।
योगी के तीन लक्षण = (१) जितेंद्रिय (२) विद्वान् (३) धार्मिक ।
ब्रह्मचर्य के तीन अर्थ = (१) ईश्वरोपासना (२) इंद्रिय संयम (३) वेद अध्ययन ।
सृष्टि के आधार = (१) ईश्वर (२) जीव (३) प्रकृति ।
ईश्वराराधन के तीन प्रकार = (१) स्तुति (२) प्रार्थना (३) उपासना ।
संतान निर्माण के तीन साधन =(१) माता (२) पिता (३) गुरू ( आचार्य ) ।
शरीर की तीन प्रकृतियां = (१) वात (२) पित्त (२) कफ ।
भोजन के तीन नियम= (१) हित भुक् (२) ऋत भुक् (३) मित्त भुक् ।
त्रिफला = (१) आंवला (२) बहेडा (३ ) हरड
तीन गुण = ( १ ) सतोगुण ( २) रजोगुण (३) तमोगुण
तीन ऋण = ( २) देवॠण ( २) ऋषिऋण (३) पितरॠण
तीन देव = (१) ब्रह्मा (२) विष्णु (३) महेश
अब कौन कह सकता है कि ३ अशुभ अंक होता है। अतः बुद्धिमान लोगों को सुनी सुनाई बातों पर विश्वास करने के बजाय स्वयं अध्ययन करना चाहिए ।