मार्केल की पार्टी सीडीयू को मिली करारी शिकस्त

बर्लिन। जर्मनी की चांसलर एजेंला मार्केल की पार्टी क्रिस्टियन डेमोक्रेटिक यूनियन [सीडीयू] को नार्थ राइन वेस्टफालिया में हुए मध्यावधि चुनाव में करारी शिकस्त मिली है।
गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले ही पार्टी उत्तरी राज्य श्क्लेसविग होलस्टेन में हुए चुनाव में हार गई थी। सीडीयू जर्मनी के सबसे बड़े राज्य नार्थ राइन वेस्टफालिया में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। बहरहाल, रविवार को हुए इस चुनाव में उसने अपनी जगह खो दी है।
पार्टी को कुल 26.3 प्रतिशत वोट मिला जो दो साल पहले हुए चुनाव के मुकाबले 8.3 प्रतिशत कम है। इस परिणाम के ठीक एक सप्ताह पहले श्क्लेसविग होलस्टेन में भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था।
राज्य की अल्पसंख्यक गठबंधन सरकार में शामिल सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी एसपीडी तथा ग्रीन पार्टी ठोस बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है।
चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद सीडीयू के प्रमुख उम्मीदवार और मार्केल के करीबी सहयोगी नोरबेर्त रोटगेन ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम व्यक्तिगत रूप से उनके लिए और उनकी पार्टी के लिए करारी हार है।
बहरहाल, रोटगेन ने एक टेलीविजन कार्यक्रम में कहा कि वह मार्केल के मंत्रिमंडल में बतौर पर्यावरण मंत्री पद पर बने रहेंगे। राज्य की मुख्यमंत्री हानेलोर क्राफ्ट के नेतृत्व वाली एसपीडी कल हुए चुनाव में 38.3 प्रतिशत वोट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। पिछले चुनाव के मुकाबले पार्टी के वोट प्रतिशत में करीब 4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
क्राफ्ट ने कहा कि उनकी पार्टी ने चुनाव लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है और वह ग्रीन पार्टी के साथ गठबंधन बनाए रखेंगी। क्राफ्ट 20 साल से सत्ता में हैं।
एसपीडी तथा ग्रीन पार्टी को कुल 120 सीट मिले जो राज्य में सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या से 10 अधिक है।
क्राफ्ट की गठबंधन सरकार दो महीने पहले राज्य के बजट को लेकर हुए मतदान में हार गई थी, जिसके बाद चुनाव कराना अनिवार्य हो गया था। उन्होंने राज्य संसद भंग कर फिर से चुनाव कराने की सिफारिश की थी।

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