नेताओं के रंग निराले। कुरसी के सारे मतवाले।।
हाथी, हाथ, साईकिल वाले। वोटर को सब चाहने वाले।।
ऐसा राजनीति का ड्रामा। मचा रहे नेता हंगामा।।
वोटर भी चालाक बड़ा है। उसे चाहिए दारू दामा।।
छुटभैये नेतन की चांदी। सभी बने हैं गांधीवादी।।
देश में लूटतंत्र हावी है। जब से पाई है आजादी।।
गाफिल कहें चुनावी चक्कर। खेल खिलाता है जी भर कर।।
नेताओं के रंग तो देखे। वोटर का रंग देखो चखकर।।

आतंकी है पाक
मनमानी करते आए हैं, नेता सारे पाकिस्तानी।
आतंकी है पाकी सूरत, दुनिया ने है अब पहचानी।।
पेश कर दिये साक्ष्य बहुत से, ठहराई उसकी शैतानी।
फिर भी नही मानते पाकी, करते रहते आनाकारी।।
पाक हिंद का छोटा भैया, छोटा खोटा बड़ा गुमानी।
रटता है कश्मीरी रटना, ये है उसकी मांग पुरानी।।
तन मन देंगे, धन भी देंगे, अन भी देंगे, देंगे पानी।
पर कश्मीर कभी ना देंगे, छोड़े वो अपनी नादानी।।

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