नगर निगम चुनावों के दृष्टिगत उगता भारत की अपील

प्रिय मतदाताओ, उत्तर प्रदेश नगर निकायों के चुनाव चल रहे हैं। वैसे तो हर चुनाव ही हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है लेकिन इन चुनावों का तो और भी अधिक महत्व है। हम अपने सभासदों का या पार्षदों का नगरपालिका चेयरमैनों का या मेयरों का चुनाव कर रहे हैं। प्रदेश के बहुत से स्थानों पर नगरों या कस्बों में भ्रष्टाचार में आकण्ठ डूबे हुए लोग भी हमारे सामने जाति बिरादरी को लेकर वोट मागने आ रहे होंगे। जाति -बिरादरी, पार्टी, संगठन, गोत्र यदि ये हमारे यहां चुनाव के समय मतदाताओं की भावनाओं को उछालकर अपना काम निकालने का हथकंडा बनकर आ गये हैं। जब चुनाव सम्पन्न हो जाते हैं तो तब वोटर ठगा सा रह जाता है। इसलिए क्या ही अच्छा हो कि पहले ही हम अपना काम सोच समझकर करें। हम किसी के लिए अपने पड़ोस में रहने वाले किसी अन्य जाति, बिरादरी, सम्प्रदाय, गोत्र के व्यक्ति से क्यों बिगाडें और क्यों अपने भीतर उसके प्रति घृणा पैदा करें? क्योंकि पड़ोसी से पड़ोसी के बर्ताव से ही शहर का अच्छा या बुरा माहौल बनता है। यदि हम एक दूसरे से घृणा करने वाले होगें तो पूरे शहर का माहौल ही घृणा वाला होगा और यदि हम प्रेम करने वालें होंगे तो पूरा शहर ही प्रेम मय हो जायेगा। हमारी छोटी सी भूल हमें मानव से दानव बना जाती है। हम अपना धु्रवीकरण जाति, विरादरी या सम्प्रदाय के नाम पर कर लेते हैं। इस लिए संकीर्ण घरौदों से बाहर निकल कर लोगों के काम को वोट दें, जिस व्यक्ति में आप के शहर या कस्बे की समस्याओं का सन्तोषजनक समाधान करने की सबसे अधिक सम्भावना है, उसे वोट दें। कौन व्यक्ति जातिगत या साम्प्रदायिक भावना को फैलाने में विश्वास नहीं रखता और सबको साथ लेकर चलता है उसे उस वोट दो। कौन आप के लिए सुविधायें उपलब्ध कराने में सबसे अधिक सहायक है उसे वोट दें। याद रखें, आपका मत ही आपकी और आपके शहर की तकदीर बदलेगा।

समस्त उगता भारत परिवार

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